मध्यकालीन भारत वन लाइनर – 2
गुलाम वंश
कुतुबुद्दीन ऐबक ( 1206-1210 ई.)
⇒ भारत पर शासन करने वाला पहला मुस्लिम राजवंश कौन था – गुलाम वंश
⇒ भारत में गुलाम वंश का संस्थापक कौन था – कुतुबुद्दीन ऐबक
⇒ गुलाम वंश का प्रथम शासक कौन था – कुतुबुद्दीन ऐबक
⇒ मुहम्मद गोरी का वह गुलाम कौन था, जो अपने स्वामी की मृत्यु के बाद शासक बना और उसने गुलाम वंश की स्थापना की थी – कुतुबुद्दीन ऐबक
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक किसका दास था – मुहम्मद गोरी का
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक की राजधानी कहाँ थी – लाहौर में
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक ने अपना राज्याभिषेक कब करवाया था – जून 1206 ई. में
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक को दासता से मुक्ति कब मिली थी – 1208 ई. में
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक ने किस स्थान से शासन का संचालन किया था – लाहौर से
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक का शासनकाल कब से कब तक था – 1206 – 1210 ई. तक
⇒ किसने पंजाब के लिए कुतुबुद्दीन ऐबक से संघर्ष किया था – ताजुद्दीन एल्दौज ने
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा पराजित होने वाला बुन्देलखंड का शासक कौन था – परमार्दिदेव
⇒ दिल्ली सल्तनत का कौन-सा सुल्तान ‘लाख बख्श’ के नाम से जाना जाता था – कुतुबुद्दीन ऐबक
⇒ किसे ‘कुरान खाँ’ कहा जाता था – कुतुबुद्दीन ऐबक को
⇒ सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु कैसे हुई थी – चौगान खेलने के दौरान घोड़े से गिरकर
⇒ मृत्यु के उपरान्त कुतुबुद्दीन ऐबक को कहाँ दफनाया गया था – लाहौर में
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक की 1210 ई. में मृत्यु के उपरान्त कौन उसका तात्कालिक उत्तराधिकारी बना था – आरामशाह
इल्तुतमिश ( 1211 -1236 ई.)
⇒ दिल्ली का प्रथम मुस्लिम शासक कौन था – इल्तुतमिश
⇒ दिल्ली सल्तनत का पहला सम्प्रभु या प्रभुतासम्पन्न शासक कौन था – इल्तुतमिश
⇒ किस इतिहासकार ने इल्तुतमिश को भारत में मुस्लिम राज्य का वास्तविक संस्थापक माना है – आर.पी. त्रिपाठी ने
⇒ किस सुल्तान को ‘गुलामों का गुलाम कहा गया है – इल्तुतमिश को
⇒ इल्तुतमिश किस जनजाति का तुर्क था – इल्बरी जनजाति का
⇒ सुल्तान बनने से पूर्व इल्तुतमिश कहाँ का सूबेदार था – बदायूं का
⇒ अपने राज्यारोहण के ठीक पूर्व मुक्ति के रूप में सुल्तान इल्तुतमिश के पास कौन-सा इक्ता था
– बदायूँ का
⇒ किसने दिल्ली को सल्तनत की राजधानी के रूप में स्थापित किया था – इल्तुतमिश ने
⇒ इल्तुतमिश को गोरी ने दासता से कब मुक्त किया था – 1205-06 ई.(खोक्खरों के विद्रोह के समय)
⇒ इल्तुतमिश द्वारा सत्ता ग्रहण करने का क्या आधार था – दिल्ली के तुर्क अमीरों व सैन्याधिकारियों ने उसका चयन किया था
⇒ कौन सुल्तान रात्रि में अपना अधिकांश समय प्रार्थना एवं चिन्तन में व्यतीत करता था – इल्तुतमिश
⇒ निजामुद्दीन जुनैदी किसका वजीर था – इल्तुतमिश का
⇒ इल्तुतमिश ने बिहार में अपना प्रथम सूबेदार किसे नियुक्त किया था – मलिक जानी को
⇒ किस व्यक्ति ने इल्तुतमिश को एक ऐसा संदेश भेजा था, जिसमें मंगोलों के खिलाफ गठबन्धन की माँग थी – जलालुद्दीन मंगबरनी
⇒ 1221 ई. में जलालुद्दीन मंगबरनी भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर आ धमका और सिन्धु नदी तक पहुँच गया। वह कौन था – ख्वारिज्म के शाह का पुत्र
⇒ किसका पीछा करते हुए चंगेज खाँ सिन्ध नदी के तट पर पहुँच गया था – जलालुद्दीन मंगबरनी का
⇒ अपने विख्यात नेता चंगेज खाँ के नेतृत्व में मंगोल प्रथम बार किस वर्ष सिन्धु नदी के किनारे संगठित हुए थे –1221 ई. में
⇒ मंगोल आक्रमणकारी ‘चंगेज खाँ’ भारत की उत्तर-पश्चिम सीमा पर किसके काल में आया था – इल्तुतमिश के
⇒ चंगेज खाँ के अधीन मंगोलों ने किसके समय भारत पर आक्रमण किया था – इल्तुतमिश के शासनकाल में
⇒ चंगेज खाँ का मूल नाम क्या था – तेमुचिन
⇒ किस दिल्ली के सुल्तान के दरबार में चंगेज खाँ ने अपना राजदूत भेजा था – इल्तुतमिश के
⇒ खलीफा का मान्यता पत्र प्राप्त करने वाला दिल्ली का प्रथम सुल्तान कौन था – इल्तुतमिश
⇒ किस वर्ष बगदाद के खलीफा का दूत इल्तुतमिश के पदाभिषेक वाले एक औपचारिक-पत्र के साथ दिल्ली पहुँचा था – 1229 ई. में
⇒ इस्लाम की राजधानी किस स्थल को कहा जाता है – बगदाद को
⇒ किस सुल्तान ने खलीफा से खिलअत प्राप्त किया था – इल्तुतमिश ने
⇒ दिल्ली सल्तनत में सर्वप्रथम मंसूर का पद किसको मिला था – इल्तुतमिश को
⇒ “भारत अरब नहीं है, इसे दारुल इस्लाम में परिवर्तित करना व्यावहारिक रूप से सम्भव नहीं है।’ यह कथन किससे जुड़ा है – इल्तुतमिश से
⇒ इल्तुतमिश ने अपनी मृत्यु से पूर्व किसे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था – रजिया को
⇒ रजिया को उत्तराधिकारी बनाने वाली शाही विज्ञप्ति की रचना इल्तुतमिश के लिए किसने की थी – मिनहाज-उस-सिराज ने
⇒ इल्तुतमिश की मृत्यु के पश्चात दिल्ली सल्तनत की गद्दी परकौन बैठा था – रुकनुद्दीन फिरोजशाह
⇒ शाहतुर्कान कौन थी – रुकनुद्दीन फिरोज की माता
⇒ किस सुल्तान की माता विद्वानों एवं परिजनों को उपहार एवं दान देने के लिए प्रसिद्ध थी – रुकनुद्दीन फिरोजशाह की
⇒ गुलाम वंश के सुल्तानों में से कौन एक इल्तुतमिश की सन्तान नहीं था, किन्तु उसके वंश का अंतिम उत्तराधिकारी था – नासिरुद्दीन महमूद
रजिया सुल्तान (1236-40 ई.)
⇒ दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठने वाली पहली मुस्लिम महिला शासिका कौन थी – रजिया सुल्तान
⇒ सुल्ताना रजिया किसकी उत्तराधिकारी थी – इल्तुतमिश की
⇒ कुतुबुद्दीन ऐबक और रजिया किस राजवंश से संबंधित थे – ममलूक ( गुलाम) राजवंश से
⇒ रजिया सुल्तान किस वर्ष शाशिका बनी थी – 1236 ई. में
⇒ ‘अमीर-ए-हाजिब’ के पद पर रजिया ने किसे नियुक्त किया था – इख्तियारुद्दीन ऐतगीन को
⇒ रजिया ने जमालुद्दीन याकूत को किस पद पर नियुक्त किया था – ‘अमीर-ए-आखूर’ के पद पर
⇒ सुन्नी और शियाओं के मध्य सबसे अधिक साम्प्रदायिक विवाद किसके काल में हुआ था – रजिया के काल में
⇒ रजिया बेगम को सत्ताच्युत करने में किसका हाथ था – तुर्कों का
⇒ रजिया के विरोधी अमीर गुट का नेतृत्व कौन कर रहा था – निजामुल मुल्क जुनैदी
⇒ रजिया सुल्तान कहाँ हारी और कहाँ पर उनकी हत्या हुई थी – कैथल में
⇒ रजिया की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर कौन बैठा था – मुइजुद्दीन बहरामशाह
⇒ किस इतिहासकार ने रजिया की असफलता का कारण उसका स्त्री होना बताया है – मिनहाज-उस सिराज ने
बलबन ( 1266-1286 ई.)
⇒ सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद की सेवा में रहने वाला अमीर, जिसने बलबन की साजिशों से सर्वोच्च पद खो दिया, कौन था – इमादुद्दीन रेहान
⇒ इतिहासकार मिनहाज के अनुसार दिल्ली का आदर्श सुल्तान कौन था – नासिरुद्दीन महमूद
⇒ बलबन को ‘उलूग खाँ’ की उपाधि किसने दी थी – नासिरुद्दीन महमूद ने
⇒ दिल्ली के सुल्तान बलबन का पूरा नाम क्या था – गयासुद्दीन बलबन
⇒ बलबन अपने को किसका वंशज मानता था – अफरासियाब का
⇒ बलबन किस वंश का शासक था – ममलूक वंश का
⇒ बलबन का जन्म तुर्कों के किस सम्प्रदाय में हुआ था – इल्बरी तुर्क सम्प्रदाय में
⇒ वह ममलूक सुल्तान कौन था, जो राजत्व के दैवी सिद्धान्त का पक्षधर था – बलबन
⇒ वह प्रथम मुस्लिम शासक कौन था, जिसने शासन के सिद्धान्त को राजाओं के ईश्वरीय अधिकार सिद्धान्त के समान प्रतिपादित किया था – बलबन
⇒ अपनी शक्ति को समेकित करने के बाद बलबन ने कौन-सी भव्य उपाधि धारण की थी – जिल्ले इलाही
⇒ कौन सुल्तान स्वयं को ‘नायब-ए-खुदाई’ कहता था – बलबन
⇒ बलबन की सार्वभौमिकता तथा राजकीय नीति को जानने के लिए मूल स्रोत कौन है – बरनी (तारीख-ए-फिरोजशाही)
⇒ किस सुल्तान ने गढ़मुक्तेश्वर की मस्जिद की दीवारों पर अपने शिलालेख में स्वयं को ‘खलीफा का सहायक’ कहा है – बलबन ने
⇒ दिल्ली के किस सुल्तान के विषय में कहा गया है कि उसने “रक्त और लौह” की नीति अपनाई थी – बलबन ने
⇒ किस सुल्तान ने ‘तुर्कान-ए-चिहलगानी’ का दमन किया था – बलबन ने
⇒ दिल्ली का वह प्रथम सुल्तान कौन था, जिसने दरबार में गैर-इस्लामी प्रथाओं का प्रचलन करवाया था – बलबन
⇒ वह इल्बरी शासक कौन था, जिसने दिल्ली सल्तनत में सिजदा, पाबोस और नौरोज प्रारम्भ करवाए थे – बलबन ने
⇒ ईरानी त्योहार ‘नौरोज’ का प्रचलन किस सुल्तान ने प्रारम्भ किया था – बलबन ने
⇒ ‘जिलअल्लाह’ जो राजाधिकार सम्बन्धी अवधारणा है, किससे संबंधित है – बलबन से
⇒ वह सुल्तान कौन था, जिसने पूरा एक वर्ष मेवातियों के दमन और दिल्ली के निकटवर्ती जंगल कटवाने में समर्पित कर दिया – बलबन ने
⇒ बलबन के काल में विद्रोह करने वाला बंगाल का गवर्नर कौन था – तुगरिल खाँ
⇒ सुल्तान बलबन के आदेश पर, सार्वजनिक रूप से कोड़े की सजा पाने वाला अमीर कौन था
– मलिक बकबक
⇒ किस सल्तनत शासक ने सीमा विस्तार की नीति नहीं अपनाई थी – बलबन ने
⇒ सुल्तान बलबन ने अपने दरबार का गठन किस पद्धति से किया था – फारसी पद्धति पर
⇒ बलबन ने राजत्व का सिद्धान्त कहाँ से ग्रहण किया था – सासानी पर्शिया से
⇒ अपनी मृत्यु से पूर्व बलबन ने किसे अपना उत्तराधिकारी मनोनीत किया था – कैखुसरव को
⇒ बंगाल विजय हेतु बलबन अपने साथ किस पुत्र को लेकर गया था – बुगरा खां