IRCTC और IRFC को Navratna का दर्जा मिलने का क्या अर्थ है?

3 मार्च 2025 को केंद्र सरकार ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) को ‘Navratna’ का दर्जा देने की घोषणा की। इस अपग्रेडेशन के बाद, भारतीय रेलवे के सभी सात सूचीबद्ध (listed) केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSEs) को Navratna का दर्जा प्राप्त हो गया है। भारतीय रेलवे के पास कुल 12 CPSEs हैं, जिनमें से अब 7 को Navratna का दर्जा मिल चुका है।

लेकिन यह Navratna दर्जा क्या होता है, इसे कैसे प्राप्त किया जाता है, और इससे कंपनियों को क्या लाभ मिलता है? आइए विस्तार से समझते हैं।

Navratna का दर्जा क्या होता है?

भारत सरकार के केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSEs) को उनकी वित्तीय स्थिति, प्रदर्शन और क्षमता के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है –

1. Maharatna (सबसे उच्च श्रेणी)

2. Navratna (मध्यम स्तर की श्रेणी)

3. Miniratna (नीचे स्तर की श्रेणी)

Navratna कंपनियाँ उन सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) को कहा जाता है जिन्हें सरकार द्वारा एक विशेष दर्जा प्रदान किया जाता है जिससे वे वित्तीय स्वायत्तता (financial autonomy) और निवेश से संबंधित निर्णयों में अधिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकें।

Navratna का दर्जा प्राप्त करने के लिए कंपनियों को कुछ निर्धारित मानदंडों को पूरा करना होता है, जिसे वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises – DPE) द्वारा निर्धारित किया जाता है।

Navratna का दर्जा प्राप्त करने के लिए कौन से मानदंड होते हैं?

DPE छह प्रमुख संकेतकों (indicators) के आधार पर CPSEs का मूल्यांकन करता है:

1. शुद्ध लाभ का नेट वर्थ के अनुपात (Net Profit to Net Worth Ratio) – भारतीय रेलवे में इसका उच्चतम स्कोर होता है।

2. कुल उत्पादन लागत या सेवा लागत के अनुपात में मानव संसाधन लागत (Manpower Cost to Total Cost of Production/Services Ratio)

3. पूंजी पर रिटर्न (Return on Capital Employed – PBDIT to Capital Employed Ratio)

4. टर्नओवर पर लाभ (PBIT to Turnover Ratio)

5. प्रति शेयर आय (Earnings Per Share – EPS)

6. अन्य क्षेत्रों में प्रदर्शन (Inter-Sectoral Performance of the Company)

इन छह मानकों को अंक दिए जाते हैं, जिनमें से किसी CPSE को 60 या उससे अधिक अंक प्राप्त करने होते हैं। साथ ही, कंपनी को पिछले 5 वर्षों में से कम से कम 3 वर्षों तक “उत्कृष्ट” या “बहुत अच्छा” (Excellent or Very Good) एमओयू रेटिंग प्राप्त करनी होती है।

यदि कोई कंपनी इन शर्तों को पूरा करती है, तो उसे Navratna का दर्जा दिया जाता है।

IRCTC और IRFC का वित्तीय प्रदर्शन

IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation)

वार्षिक टर्नओवर: ₹4,270.18 करोड़ (FY 2023-24)

शुद्ध लाभ (Profit After Tax – PAT): ₹1,111.26 करोड़

नेट वर्थ: ₹3,229.97 करोड़

मार्केट कैपिटलाइजेशन: ₹74,376 करोड़

रेल मंत्रालय की हिस्सेदारी: 62.40%

IRCTC भारतीय रेलवे की एकमात्र कंपनी है जो ऑनलाइन टिकटिंग सेवा प्रदान करती है। यह कैटरिंग, रेलवे पर्यटन और ई-टिकटिंग में प्रमुख भूमिका निभाती है।

IRFC (Indian Railway Finance Corporation)

वार्षिक टर्नओवर: ₹26,644 करोड़ (FY 2023-24)

शुद्ध लाभ (Profit After Tax – PAT): ₹6,412 करोड़

नेट वर्थ: ₹49,178 करोड़

मार्केट कैपिटलाइजेशन: ₹1,86,030 करोड़

रेल मंत्रालय की हिस्सेदारी: 86.36%

IRFC भारतीय रेलवे की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए बाजार से धन जुटाने (market borrowings) का कार्य करती है। यह रेलवे की पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने में सहायक होती है।

Navratna बनने से IRCTC और IRFC को क्या लाभ होगा?

Navratna का दर्जा प्राप्त करने के बाद, IRCTC और IRFC को निम्नलिखित प्रमुख फायदे मिलेंगे:

1. वित्तीय स्वायत्तता (Financial Autonomy)

अब ये कंपनियाँ ₹1,000 करोड़ या अपनी नेट वर्थ का 15% (जो भी अधिक हो) तक का निवेश बिना सरकारी मंजूरी के कर सकती हैं।

पहले, किसी भी बड़े निवेश के लिए सरकार से अनुमति लेनी पड़ती थी।

2. नई परियोजनाओं में स्वतंत्रता (Project Investment & Expansion)

कंपनियाँ नई परियोजनाएँ शुरू कर सकती हैं, अन्य कंपनियों के साथ साझेदारी कर सकती हैं, और बिना सरकारी हस्तक्षेप के मर्जर या एक्विजिशन कर सकती हैं।

3. अंतर्राष्ट्रीय विस्तार (Global Expansion)

अब ये कंपनियाँ विदेशी बाजारों में अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकती हैं और अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ (strategic alliances) कर सकती हैं।

4. बेहतर बाजार छवि और निवेश आकर्षण

Navratna कंपनियाँ वित्तीय रूप से स्थिर मानी जाती हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है और कंपनी के शेयरों का मूल्य बढ़ सकता है।

5. निजी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता

अब ये कंपनियाँ निजी कंपनियों के साथ समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं और अपने व्यावसायिक निर्णय स्वतंत्र रूप से ले सकती हैं।

भारतीय रेलवे की अन्य Navratna कंपनियाँ

IRCTC और IRFC से पहले, भारतीय रेलवे की निम्नलिखित पाँच कंपनियों को Navratna का दर्जा प्राप्त था:

1. Container Corporation of India (CONCOR) – फ्रेट ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेवाएँ प्रदान करती है।

2. Rail Vikas Nigam Ltd (RVNL) – रेलवे अवसंरचना (Infrastructure) के विकास में कार्यरत है।

3. RITES Ltd – रेलवे और अन्य परिवहन अवसंरचना के लिए कंसल्टेंसी सेवाएँ प्रदान करती है।

4. IRCON International Ltd – रेलवे और हाईवे निर्माण परियोजनाओं में विशेषज्ञता रखती है।

5. RailTel Corporation of India Ltd – रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में इंटरनेट और संचार सेवाएँ प्रदान करती है।

CONCOR को 2014 में पहला रेलवे Navratna बनाया गया था। RVNL, IRCON, और RITES को 2023 में, जबकि RailTel को अगस्त 2024 में यह दर्जा प्राप्त हुआ।

निष्कर्ष

IRCTC और IRFC को Navratna का दर्जा मिलने से भारतीय रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ताकत और आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी। यह न केवल कंपनियों को वित्तीय स्वतंत्रता देगा, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की भी क्षमता प्रदान करेगा।

Navratna का दर्जा मिलने से IRCTC और IRFC अब बड़े निवेश कर सकेंगी, नई परियोजनाओं में प्रवेश कर सकेंगी और बिना सरकारी हस्तक्षेप के व्यावसायिक निर्णय ले सकेंगी। यह भारत के रेलवे क्षेत्र में विकास की नई संभावनाओं को जन्म देगा।

Source: Indian Express