Current Affairs: 27 Nov 2024

भारत ने रियाद डिजाइन कानून संधि के अंतिम अधिनियम पर हस्ताक्षर किए

भारत ने विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) में लगभग दो दशकों की वार्ता के बाद रियाद डिजाइन कानून संधि (DLT) के अंतिम अधिनियम पर हस्ताक्षर किए हैं।

उद्देश्य: संधि का उद्देश्य अधिकार क्षेत्र में औद्योगिक डिजाइन संरक्षण प्रक्रियाओं को सुसंगत बनाना, पंजीकरण दक्षता और पहुंच में सुधार करना है।

 

मुख्य प्रावधान:

समय सीमा में ढील और खोए हुए अधिकारों की बहाली।

असाइनमेंट और लाइसेंस रिकॉर्ड करने की सरलीकृत प्रक्रियाएँ।

एक ही आवेदन में कई डिज़ाइन फाइलिंग।

 

इलेक्ट्रॉनिक औद्योगिक डिज़ाइन सिस्टम और प्राथमिकता वाले दस्तावेज़ों के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के प्रावधान।

एसएमई और स्टार्टअप पर ध्यान: डीएलटी छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई), स्टार्टअप और स्वतंत्र डिजाइनरों को लाभान्वित करता है, वैश्विक रचनात्मकता और नवाचार का समर्थन करता है।

भारत की प्रगति: भारत ने पिछले एक दशक में डिज़ाइन पंजीकरणों में तीन गुना वृद्धि देखी है, पिछले दो वर्षों में घरेलू फाइलिंग में 120% की वृद्धि और पिछले वर्ष डिज़ाइन आवेदनों में 25% की वृद्धि हुई है।

राष्ट्रीय पहलों के साथ संरेखण: यह संधि भारत के स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम और स्टार्टअप बौद्धिक संपदा संरक्षण (एसआईपीपी) योजना का पूरक है, जिससे भारतीय स्टार्टअप और एसएमई को वैश्विक डिजाइन अधिकार सुरक्षित करने में मदद मिलती है।

 

डब्ल्यूआईपीओ में लगभग दो दशकों की बातचीत के बाद भारत ने किस संधि पर हस्ताक्षर किए? रियाद डिजाइन कानून संधि।

 

 

केंद्र ने 1.8 करोड़ छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के लिए वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) योजना शुरू की

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके लिए अगले तीन वर्षों के लिए ₹6,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं।

उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य भारत भर के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय शोध लेखों और पत्रिकाओं तक पहुँच प्रदान करना है।

 

कार्यान्वयन:

डिजिटल प्रक्रिया: पत्रिकाओं तक पहुँच INFLIBNET (सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क) द्वारा समन्वित एक राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से प्रदान की जाएगी, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के तहत एक स्वायत्त केंद्र है।

पोर्टल: उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रबंधित एक एकीकृत पोर्टल, “वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन”, संस्थानों के लिए 13,000 से अधिक ई-पत्रिकाओं तक पहुँचने के लिए केंद्रीय पहुँच बिंदु के रूप में काम करेगा।

 

लक्षित दर्शक: इस योजना से 1.8 करोड़ छात्रों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों और वैज्ञानिकों को लाभ होगा, जिनमें टियर 2 और टियर 3 शहरों के लोग भी शामिल हैं।

पात्रता: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित उच्च शिक्षा संस्थान और केंद्र द्वारा वित्तपोषित अनुसंधान एवं विकास संस्थान दोनों ही पात्र हैं।

 

प्रकाशक और पत्रिकाएँ: इस योजना में 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पत्रिका प्रकाशकों तक पहुँच शामिल है।

निगरानी और समीक्षा: अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) योजना के उपयोग की निगरानी करेगा और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में भारतीय शोधकर्ताओं के योगदान का मूल्यांकन करेगा।

जागरूकता अभियान: उच्च शिक्षा विभाग और अन्य मंत्रालय छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के बीच योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाएँगे।

 

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) योजना के लिए केंद्र द्वारा कितना बजट आवंटित किया गया है? ₹6,000 करोड़।

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) योजना के तहत कौन सा प्लेटफ़ॉर्म अंतरराष्ट्रीय शोध लेखों तक पहुँच प्रदान करेगा? वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पोर्टल।

 

 

एस्सार समूह के सह-संस्थापक उद्योगपति शशिकांत रुइया का 81 वर्ष की आयु में निधन

एस्सार समूह के सह-संस्थापक और अध्यक्ष शशिकांत रुइया का लंबी बीमारी के बाद 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

एस्सार समूह: शशिकांत और उनके भाई रवि रुइया द्वारा स्थापित, एस्सार धातु, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, खनन, बुनियादी ढांचे और सेवाओं में रुचि रखने वाला एक वैश्विक समूह बन गया।

करियर की शुरुआत: रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में पारिवारिक व्यवसाय से अपना करियर शुरू किया।

 

एस्सार की उपलब्धियाँ:

1969 में, एस्सार ने चेन्नई पोर्ट ब्रेकवाटर के निर्माण के लिए ₹2.3 करोड़ का अनुबंध हासिल किया।

1991 में, एस्सार भारत का पहला स्वतंत्र बिजली उत्पादक बन गया, जिसने हजीरा में 515 मेगावाट का बिजली संयंत्र चालू किया।

वैश्विक उपस्थिति: एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड (EGFL) दुनिया भर में 50 से अधिक परिसंपत्तियों का संचालन करता है, जिसका पोर्टफोलियो 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व उत्पन्न करता है।

प्रमुख क्षेत्र: समूह के दूरसंचार, बीपीओ और तेल एवं गैस व्यवसायों ने वोडाफोन, रोसनेफ्ट, ट्रैफिगुरा और ब्रुकफील्ड जैसी वैश्विक फर्मों से मुद्रीकरण आय में 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक आकर्षित किया।

 

कंपनी की बिक्री:

एस्सार स्टील इंडिया लिमिटेड को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और 2019 में आर्सेलर मित्तल द्वारा अधिग्रहित किया गया।

एस्सार ऑयल को रोसनेफ्ट, ट्रैफिगुरा और यूसीपी इन्वेस्टमेंट ग्रुप के नेतृत्व वाले एक संघ को 12.9 बिलियन डॉलर में बेचा गया।

 

उद्योग संघ: रुइया कई प्रमुख उद्योग निकायों से जुड़े थे, जिनमें फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), इंडो-यूएस ज्वाइंट बिजनेस काउंसिल और इंडियन नेशनल शिपऑनर्स एसोसिएशन (आईएनएसए) शामिल हैं।

परोपकार: 2007 में, रुइया द एल्डर्स में शामिल हुए, जो वैश्विक मुद्दों से निपटने वाले वैश्विक नेताओं का एक समूह है।

 

एस्सार समूह के सह-संस्थापक और अध्यक्ष का नाम बताइए, जिनका हाल ही में निधन हो गया? शशिकांत रुइया

 

 

विप्रो ने ओमकार निसाल को यूरोप स्ट्रेटेजिक मार्केट यूनिट का सीईओ नियुक्त किया

विप्रो ने ओमकार निसाल को तत्काल प्रभाव से अपनी यूरोप स्ट्रेटेजिक मार्केट यूनिट (SMU) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है। ओमकार सीधे विप्रो के सीईओ और प्रबंध निदेशक श्रीनिवास पल्लिया को रिपोर्ट करेंगे और कंपनी के कार्यकारी बोर्ड में भी शामिल होंगे।

पियरे ब्रूनो के उत्तराधिकारी: ओमकार निसाल पियरे ब्रूनो का स्थान लेंगे, जो इस पद से हट रहे हैं। पियरे ब्रूनो का जाना विप्रो से चौथा महत्वपूर्ण प्रस्थान है, जब से श्रीनिवास पल्लिया ने 6 अप्रैल को थिएरी डेलापोर्टे के कार्यकाल के बाद सीईओ का पद संभाला था।

हाल ही में कार्यकारी अधिकारियों का जाना: ब्रूनो के साथ, प्रमुख निकासों में अगस्त 2023 में मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी सुभा टाटावर्ती और मुख्य परिचालन अधिकारी अमित चौधरी, साथ ही APMEA के अध्यक्ष अनीस चेन्चा शामिल हैं, जो दोनों मई 2023 में चले गए। इन सभी अधिकारियों की नियुक्ति विप्रो के सीईओ के रूप में थिएरी डेलापोर्टे के कार्यकाल के दौरान की गई थी।

ओमकार निसाल का अनुभव: 2012 से विप्रो के साथ जुड़े ओमकार निसाल को बैंकिंग-ईएमईए व्यवसाय का नेतृत्व करने का व्यापक अनुभव है। यूके, यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका में वित्तीय संस्थानों में उनके काम ने डिजिटल परिवर्तन, ग्राहक यात्रा पुनर्रचना, उद्यम इंजीनियरिंग और एआई-नेतृत्व वाले स्वचालन पर ध्यान केंद्रित किया है।

यूके और आयरलैंड में नेतृत्व की भूमिका: विप्रो के यूके और आयरलैंड क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में अपनी पिछली भूमिका में, ओमकार ने अपने नेतृत्व और रणनीतिक प्रबंधन कौशल का प्रदर्शन करते हुए $1 बिलियन से अधिक के क्षेत्रीय P&L का प्रबंधन किया।

 

विप्रो की यूरोप स्ट्रेटेजिक मार्केट यूनिट के सीईओ के रूप में किसे नियुक्त किया गया है? ओमकार निसाल

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2028 तक अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) को जारी रखने को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मार्च, 2028 तक ₹2,750 करोड़ के बजट आवंटन के साथ अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) को जारी रखने को मंजूरी दे दी है।

उद्देश्य: एआईएम 2.0 “विकसित भारत” के विजन के तहत भारत के नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और सुदृढ़ीकरण करने पर केंद्रित है।

अपेक्षित प्रभाव: इस पहल का उद्देश्य बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करना, अभिनव उत्पाद विकसित करना और विभिन्न क्षेत्रों में उच्च प्रभाव वाली सेवाएं प्रदान करना है।

विशेष फोकस क्षेत्र: एआईएम 2.0 के हिस्से के रूप में, श्री अश्विनी वैष्णव द्वारा घोषित जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व क्षेत्र और आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों में 2,500 नई प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।

महत्व: एआईएम 2.0 भारत के उद्यमशीलता विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए इनपुट और बेहतर गुणवत्ता वाले आउटपुट को सुनिश्चित करेगा।

 

पृष्ठभूमि:

अटल इनोवेशन मिशन (AIM), जिसे 2016 में नीति आयोग के तहत शुरू किया गया था, भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख पहल है। यह स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स (ATLs), स्टार्टअप्स के लिए अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स (AICs) और अटल न्यू इंडिया चैलेंजेस (ANIC) जैसी पहलों के माध्यम से रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है। AIM शोध एवं विकास, नवाचारियों को मार्गदर्शन, और शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि जैसे क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा देता है। यह भारत के नवाचार तंत्र को सशक्त बनाते हुए रोजगार सृजन और “मेक इन इंडिया” पहल में योगदान देता है।

 

अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) को 2028 तक जारी रखने के लिए कुल बजट आवंटन कितना है? ₹2,750 करोड़

 

 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई चेतना 3.0 के तहत 227 जेंडर रिसोर्स सेंटर का उद्घाटन किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई चेतना 3.0 अभियान के तहत 13 राज्यों में 227 जेंडर रिसोर्स सेंटर का उद्घाटन किया।

उद्देश्य: यह पहल महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षिक सशक्तिकरण पर केंद्रित है, साथ ही लिंग आधारित हिंसा को संबोधित करती है।

 

मुख्य बातें:

महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और हिंसा के डर को खत्म करने पर जोर दिया।

इस अभियान का उद्देश्य “एक साथ, एक आवाज, हिंसा के खिलाफ” नारे के साथ जागरूकता बढ़ाना है।

अभियान की समय-सीमा: महीने भर चलने वाला यह अभियान 23 दिसंबर, 2024 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा।

आयोजक निकाय: यह ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का हिस्सा है, और इसे स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के नेटवर्क के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।

 

किस अभियान के तहत केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 227 जेंडर रिसोर्स सेंटर का उद्घाटन किया? नई चेतना 3.0

 

 

CCEA ने अरुणाचल प्रदेश में हीओ और टाटो-I जलविद्युत परियोजनाओं के लिए निवेश को मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने मंजूरी दी:

शि योमी जिले में 240 मेगावाट की हीओ जलविद्युत परियोजना (HEP) के निर्माण के लिए ₹1,939 करोड़, जिससे 1,000 मिलियन यूनिट (MU) ऊर्जा उत्पादन की उम्मीद है।

शि योमी जिले में ही 186 मेगावाट की टाटो-I जलविद्युत परियोजना के लिए ₹1,750 करोड़, जिससे 802 मिलियन यूनिट (MU) ऊर्जा उत्पादन की उम्मीद है।

 

परियोजना कार्यान्वयन: दोनों परियोजनाओं को नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।

पूर्ण होने की समयसीमा: दोनों परियोजनाओं के पूरा होने की अनुमानित अवधि 50 महीने है।

महत्व: ये परियोजनाएँ अरुणाचल प्रदेश में बिजली आपूर्ति को बढ़ाएँगी, राष्ट्रीय ग्रिड स्थिरता में योगदान देंगी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देंगी।

 

अरुणाचल प्रदेश:

राजधानी: ईटानगर

मुख्यमंत्री: पेमा खांडू

राज्यपाल: कैवल्य त्रिविक्रम परनायक

 

अरुणाचल प्रदेश के किस जिले में हीओ और टाटो-I जलविद्युत परियोजनाएं बनाई जाएंगी? शि योमी जिला

 

 

केंद्र ने कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर के रूप में PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने आयकर विभाग की PAN 2.0 परियोजना को ₹1,435 करोड़ के वित्तीय परिव्यय के साथ मंजूरी दी।

 

विशेषताएँ:

एकीकृत पोर्टल और उन्नत साइबर सुरक्षा उपायों के साथ मौजूदा PAN/TAN प्रणाली का उन्नयन।

मौजूदा स्थायी खाता संख्या (PAN) अपरिवर्तित रहेंगे।

उद्देश्य: PAN 2.0 परियोजना का उद्देश्य PAN/TAN प्रक्रियाओं की प्रौद्योगिकी-संचालित री-इंजीनियरिंग के माध्यम से करदाता पंजीकरण और सेवाओं को बदलना है, जिसमें मुख्य और गैर-मुख्य दोनों गतिविधियों को समेकित किया जाएगा।

 

महत्व:

निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों में सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में PAN के उपयोग की सुविधा प्रदान करता है।

करदाताओं के लिए डिजिटल अनुभव में सुधार करके डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन करता है।

 

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा PAN 2.0 परियोजना के लिए स्वीकृत वित्तीय परिव्यय क्या है?₹1,435 करोड़

 

 

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने 21वीं सदी के शिक्षकों को सशक्त बनाने के लिए टीचरऐप लॉन्च किया

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में टीचरऐप लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य 21वीं सदी की कक्षाओं के लिए शिक्षकों को तैयार करना है।

उद्देश्य: यह ऐप शिक्षकों के लिए निरंतर क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है, जो निम्नलिखित प्रदान करता है:

नवीन पाठ्यक्रम सामग्री

उन्नत प्रौद्योगिकी उपकरण

समुदाय निर्माण सुविधाएँ

 

एनईपी 2020 के साथ संरेखण: यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साथ संरेखित है, जो भविष्य की पीढ़ियों को आकार देने और युवाओं के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने में कर्मयोगी के रूप में शिक्षकों की भूमिका पर जोर देती है।

महत्व: यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म शिक्षकों को भविष्य के लिए तैयार कौशल से लैस करने, अवसरों की पहचान करने और भारत के शैक्षिक परिवर्तन में योगदान करने की उनकी क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।

 

धर्मेंद्र प्रधान द्वारा लॉन्च किए गए टीचरऐप का प्राथमिक उद्देश्य क्या है? शिक्षक सशक्तीकरण।

 

उत्तर कोरिया, रूस ने खेल आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

उत्तर कोरिया और रूस ने आगामी वर्ष के लिए खेल आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।

हस्ताक्षरकर्ता: उत्तर कोरिया के भौतिक संस्कृति और खेल मंत्री किम इल-गुक और रूस के खेल मंत्री मिखाइल डेगट्यारेव ने प्योंगयांग में समझौते पर हस्ताक्षर किए।

वार्ता का फोकस: दोनों देशों के बीच खेल क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने और मजबूत करने पर चर्चा केंद्रित थी।

रणनीतिक साझेदारी: यह विकास जून में “रणनीतिक साझेदारी संधि” पर हस्ताक्षर करने के बाद हुआ है, जिसके कारण सैन्य, अर्थव्यवस्था और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है।

चिंताएँ जताई गईं: विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह बढ़ता हुआ गठबंधन रूस से समर्थन और पुरस्कार प्राप्त करके उत्तर कोरिया को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को दरकिनार करने में मदद कर सकता है।

 

उत्तर कोरिया-रूस द्विपक्षीय संबंध: मुख्य बिंदु

 

शीत युद्ध की उत्पत्ति:

सोवियत संघ ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उत्तर कोरिया की स्थापना की और उसका समर्थन किया।

कोरियाई युद्ध (1950-1953) के दौरान आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक समर्थन प्रदान किया।

 

सोवियत युग के संबंध:

1950 से 1980 के दशक तक मजबूत संबंध, लेकिन उत्तर कोरिया की जुचे विचारधारा और चीन-सोवियत प्रतिद्वंद्विता के कारण तनाव पैदा हुआ।

1991 में सोवियत संघ के आर्थिक संघर्ष और पतन के दौरान समर्थन में गिरावट आई।

 

सोवियत के बाद का तनाव (1990 का दशक):

रूस ने अपना ध्यान दक्षिण कोरिया पर केंद्रित किया, जिससे उत्तर कोरिया को दी जाने वाली सहायता कम हो गई।

 

पुतिन के अधीन पुनरोद्धार (2000 का दशक):

सीमित आर्थिक परियोजनाओं और कूटनीतिक समर्थन के साथ संबंधों में सुधार हुआ।

रूस ने उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी दबाव के प्रति संतुलन के रूप में काम किया।

 

समकालीन सहयोग (2020 का दशक):

अमेरिका के नेतृत्व वाली नीतियों के प्रति साझा विरोध ने उनके संरेखण को मजबूत किया।

उत्तर कोरिया यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस का समर्थन करता है, जिसमें संभावित हथियार व्यापार और सैन्य सहयोग शामिल है।

 

चुनौतियाँ:

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध व्यापार और सैन्य संबंधों को सीमित करते हैं।

उत्तर कोरिया की आत्मनिर्भरता (जुचे) और चीन का मजबूत प्रभाव रूस की भूमिका को प्रभावित करता है।

 

उत्तर कोरिया और रूस के बीच हाल ही में हुए प्रोटोकॉल का फोकस क्या है? खेल सहयोग का विस्तार और मजबूती।

रूस और उत्तर कोरिया के बीच रणनीतिक साझेदारी संधि के बाद सहयोग के कौन से क्षेत्र बढ़े हैं? सैन्य, अर्थव्यवस्था और खेल।

रूस की तुलना में उत्तर कोरिया पर किस देश का अधिक प्रभाव है? चीन।

 

 

13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी आईपीएल अनुबंध पाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने

 

आईपीएल 2025 नीलामी के दूसरे दिन, 13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल अनुबंध हासिल करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया।

 

टीम और कीमत: राहुल द्रविड़ की अगुआई वाली राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को ₹1.10 करोड़ में खरीदा।

पृष्ठभूमि: वैभव ने इससे पहले चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ यूथ टेस्ट में अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बनकर ध्यान आकर्षित किया था, जहां उन्होंने 62 गेंदों पर 104 रन बनाए थे।

रिकॉर्ड: उनका शतक यूथ टेस्ट में किसी भारतीय द्वारा बनाया गया सबसे तेज और विश्व स्तर पर दूसरा सबसे तेज शतक था।

पिछली उपलब्धि: इस साल की शुरुआत में, उन्होंने 12 साल की उम्र में बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया, और भारत के प्रमुख प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट में सबसे युवा खिलाड़ी बन गए।

 

टूर्नामेंट के इतिहास में आईपीएल अनुबंध पाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी कौन बने? वैभव सूर्यवंशी।