भारत और श्रीलंका ने LNG इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए
भारत की पेट्रोलेट LNG लिमिटेड ने कोलंबो में LNG इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए श्रीलंका की एक निजी कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस MoU पर हस्ताक्षर की गवाह श्रीलंका के ऊर्जा और बिजली मंत्री कंचना विजेसेकरा और भारत के उप उच्चायुक्त डॉ. सत्यांजल पांडे ने बने।
मुख्य बिंदु:
सतत ऊर्जा में सुधार: यह समझौता श्रीलंका के सतत ऊर्जा उत्पादन के प्रयासों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने का लक्ष्य है।
LNG पावर प्लांट्स: MoU के तहत कोलंबो के पास केरावलापिटिया में 1000 MW से अधिक क्षमता वाले LNG-आधारित पावर प्लांट्स के विकास की योजना है।
LNG आपूर्ति: समझौता भारत के कोच्चि LNG टर्मिनल से श्रीलंका के लिए LNG की आपूर्ति को भी शामिल करता है।
घरेलू उपयोग: MoU में श्रीलंका में घरेलू उपयोग और अन्य घरेलू प्रयोजनों के लिए LNG को ईंधन के रूप में उपयोग करने का प्रावधान है।
श्रीलंका:
विधायी राजधानी: श्री जयवर्धनेपुर कोटे
व्यापारिक राजधानी: कोलंबो
मुद्रा: श्रीलंकाई रुपया (LKR)
राष्ट्रपति: रानिल विक्रमसिंघे
प्रधानमंत्री: दिनेश गुणवर्धने
भारत ने नेपाल से अतिरिक्त 251 MW पावर निर्यात की मंजूरी दी
भारत ने नेपाल से अतिरिक्त 251 MW पावर निर्यात की मंजूरी दे दी है, जिससे कुल मंजूर निर्यात 28 हाइड्रोपावर परियोजनाओं से 941 MW हो गया है। पहली बार, नेपाल बिहार को एक मध्यकालिक पावर बिक्री समझौते के तहत बिजली निर्यात करेगा।
मुख्य बिंदु:
पिछले निर्यात: नेपाल पहले ही बिजली का शुद्ध निर्यातक बन चुका था, पिछले वित्तीय वर्ष में NPR 16.93 बिलियन का राजस्व उत्पन्न किया।
निर्यात में वृद्धि: नेपाल से भारत को बिजली निर्यात अक्टूबर 2021 में 39 MW से बढ़कर तीन वर्षों से भी कम समय में 941 MW से अधिक हो गया है।
बाजार पहुंच: नेपाल ने प्रारंभ में भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज के डे अहेड मार्केट में बिजली बेची और अब रीयल-टाइम मार्केट में भी पहुंच प्राप्त की है।
अतिरिक्त समझौते: नेपाल बिजली प्राधिकरण ने हरियाणा और बिहार की वितरण कंपनियों के साथ मध्यकालिक समझौते किए हैं।
हाइड्रोपावर खरीद दायित्व (HPO): भारत ने नेपाल से हाइड्रोपावर आयात को HPO का हिस्सा बना दिया है, जिससे भारतीय खरीदारों को प्रोत्साहन मिला है।
दीर्घकालिक समझौता: भारत और नेपाल के बीच दीर्घकालिक समझौते का उद्देश्य अगले दशक में 10,000 MW तक बिजली बेचना है, जिसमें इस वर्ष लगभग 1000 MW पहले ही निर्यात किया जा चुका है।
क्षेत्रीय प्रभाव: ये विकास नेपाल को दक्षिण एशिया में प्रमुख हाइड्रोपावर निर्यातक बनने की दिशा में ले जा रहे हैं।
बांग्लादेश समझौता: बांग्लादेश को 40 MW बिजली बिक्री के लिए समझौता 28 जुलाई 2024 को योजना बनायी गई थी, लेकिन बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम के कारण स्थगित कर दी गई है।
हाल की वृद्धि के बाद नेपाल से भारत के लिए कुल कितनी बिजली निर्यात की मंजूरी दी गई है? 941 MW
भारत और मलेशिया ने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उन्नत किया
भारत और मलेशिया ने श्रम और रोजगार, आयुर्वेद और पारंपरिक दवाइयां, डिजिटल प्रौद्योगिकियां, संस्कृति, पर्यटन, और युवाओं और खेलों में सहयोग जैसे कई क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुख्य तथ्य:
अतिरिक्त क्षेत्रों: समझौतों में सार्वजनिक प्रशासन, शासन सुधार और आपसी सहयोग भी शामिल हैं।
उन्नत रणनीतिक साझेदारी: भारत और मलेशिया के बीच उन्नत रणनीतिक साझेदारी 10 साल की मील का पत्थर छूने के करीब है, हाल के वर्षों में नए उत्साह और ऊर्जा के साथ।
आर्थिक सहयोग: चर्चा में आर्थिक सहयोग की नई संभावनाओं और रक्षा क्षेत्र में नए अवसरों की खोज की गई।
आतंकवाद के खिलाफ सहयोग: दोनों देशों ने आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ सहयोग करने पर सहमति जताई है।
प्रौद्योगिकी सहयोग: फिनटेक, सेमीकंडक्टर्स, रक्षा उद्योग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और क्वांटम प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
UPI और PayNet: भारत और मलेशिया भारत के UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) को मलेशिया के PayNet से जोड़ने की योजना बना रहे हैं।
वाणिज्यिक निपटान: दोनों देशों के बीच व्यापार अब भारतीय रुपये (INR) और मलेशियाई रिंग्गिट्स (MYR) में निपटाया जा सकता है।
निवेश: पिछले साल, मलेशिया ने भारत में पांच अरब डॉलर के निवेश पर काम किया।
BIS ने भारतीय मानकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए छात्र हैकाथन की शुरुआत की
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने उन संस्थानों के छात्रों के लिए एक हैकाथन पेश किया है, जिन्होंने BIS के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य: हैकाथन का उद्देश्य भारतीय मानकों के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ाना है, जो गुणवत्ता और सुरक्षा में उनके महत्व को उजागर करता है।
प्रतिभागियों के लिए कार्य: छात्रों को भारतीय मानकों से संबंधित ऑनलाइन गतिविधियों और खेलों के लिए एक प्लेटफॉर्म डिजाइन और विकसित करने की आवश्यकता है।
सबमिशन की अंतिम तिथि: हैकाथन के लिए सभी प्रविष्टियां इस महीने की 23 तारीख तक जमा करनी होगी।
गतिविधियों की सीमा: ऑनलाइन गतिविधियां BIS के प्रयासों के विभिन्न पहलुओं को शामिल कर सकती हैं, जिसमें समय-सीमित या स्थायी खेल भी शामिल हैं।
विशेष अवसर: ये गतिविधियां BIS द्वारा विश्व मानक दिवस, विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस और फाउंडेशन डे जैसे विशेष अवसरों पर उपयोग की जा सकती हैं, पुरस्कार प्रणाली के साथ या बिना।
BIS:
स्थापना: BIS भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 के तहत स्थापित किया गया।
मुख्यालय: नई दिल्ली, भारत।
महानिदेशक: प्रमोद कुमार तिवारी
भूमिका और कार्य: BIS भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है जो उत्पादों और सेवाओं के लिए मानकों के विकास और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी निभाता है ताकि गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मानक विकास: BIS विभिन्न उत्पादों, जैसे कि औद्योगिक वस्त्र, उपभोक्ता उत्पाद और सेवाएं, के लिए भारतीय मानक (IS) विकसित और प्रकाशित करता है।
प्रमाणन: BIS उन उत्पादों के लिए प्रमाणन चिह्न (ISI मार्क) प्रदान करता है जो इसके मानकों को पूरा करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे गुणवत्ता और सुरक्षा नियमों का पालन करते हैं।
रूस और अज़रबैजान ने पुतिन की यात्रा के दौरान 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दो दिनों के लिए अज़रबैजान का दौरा किया, जिसके परिणामस्वरूप रूस और अज़रबैजान के बीच सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्य बिंदु:
संयुक्त बयान: राष्ट्रपति पुतिन और अज़रबैजानी राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने बाकू में एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए, ताकि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जा सके।
शांति समझौते की सुविधा: पुतिन ने 2020 और 2022 के त्रैतीयक समझौतों के आधार पर रूस, अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति समझौते की सुविधा में रूस की भूमिका को उजागर किया।
सीमा निर्धारण: तीनों देश अज़रबैजान-आर्मेनिया सीमा की सीमा निर्धारण और चिह्नांकन में सहायता के लिए तैयार हैं, सोवियत-कालीन दस्तावेजों का उपयोग करके।
सीमा पार और मानवतावादी प्रयास: समझौतों में सीमा पार मार्गों को खोलने और मानवतावादी संपर्क स्थापित करने के प्रयास शामिल हैं।
ऐतिहासिक संदर्भ: वैश्विक संकटों के बीच, जिसमें यूक्रेन की स्थिति भी शामिल है, पुतिन ने दक्षिण काकेशस में रूस की ऐतिहासिक भागीदारी और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
अज़रबैजान:
राजधानी: बाकू
राष्ट्रपति: इल्हाम अलीयेव
प्रधानमंत्री: अली असादोव
मुद्रा: माणत
राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान रूस और अज़रबैजान के बीच कितने समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए? सात
रूस ने अज़रबैजान और आर्मेनिया के साथ समझौतों में किस भूमिका पर जोर दिया? शांति समझौते की सुविधा
अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच सीमा निर्धारण के लिए कौन से दस्तावेज उपयोग किए जाएंगे? सोवियत-कालीन दस्तावेज
रूस और अज़रबैजान के बीच समझौतों में दो मुख्य प्रयास क्या हैं? सीमा पार मार्गों को खोलना और मानवतावादी संपर्क स्थापित करना
सत्य प्रकाश सांघवान को भारत के पेरिस 2024 पैरेलिंपिक दल का चीफ डि मिशन नियुक्त किया गया
भारत की पैरेलिंपिक कमेटी (PCI) ने सत्य प्रकाश सांघवान को पेरिस 2024 पैरेलिंपिक खेलों के लिए भारत के दल का चीफ डि मिशन नियुक्त किया है। सांघवान पैरेलिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया में एक दशक से अधिक समय से सक्रिय और सम्मानित व्यक्ति हैं।
मुख्य बिंदु:
नेतृत्व की भूमिका: सांघवान, जो PCI के उपाध्यक्ष भी हैं, भारत के सबसे बड़े पैरेलिंपिक दल का नेतृत्व करेंगे।
दल का आकार: भारत पेरिस 2024 पैरेलिंपिक खेलों में 12 खेल विधाओं में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 84 पैरा-एथलीट भेजेगा।
चीफ डि मिशन की भूमिका: इस पद में नेतृत्व, मार्गदर्शन, और रणनीतिक योजना शामिल है, जो खेलों के दौरान दल का मार्गदर्शन करेगा।
पेरिस 2024 पैरेलिंपिक दल:
इवेंट: पेरिस 2024 पैरेलिंपिक खेल पेरिस, फ्रांस में आयोजित किए जाएंगे, जो समर पैरेलिंपिक्स का हिस्सा हैं।
भारतीय दल: भारत पेरिस में अपने सबसे बड़े पैरेलिंपिक दल को भेजेगा, जिसमें 84 पैरा-एथलीट शामिल होंगे।
खेल विधाएँ: भारतीय दल 12 विभिन्न खेल विधाओं में प्रतिस्पर्धा करेगा।
नेतृत्व: सत्य प्रकाश सांघवान को भारतीय दल का चीफ डि मिशन नियुक्त किया गया है। वह पैरेलिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (PCI) के उपाध्यक्ष भी हैं।
भारत के पैरेलिंपिक दल के चीफ डि मिशन की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार संगठन कौन है? पैरेलिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (PCI)
पेरिस 2024 पैरेलिंपिक खेलों के लिए भारत के दल का चीफ डि मिशन कौन नियुक्त किया गया है? सत्य प्रकाश सांघवान
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने 9वीं महिला टी20 विश्व कप को बांग्लादेश से यूएई में स्थानांतरित किया
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने 9वीं महिला टी20 विश्व कप को बांग्लादेश से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में स्थानांतरित कर दिया है।
मुख्य बिंदु:
होस्ट स्थिति: स्थानांतरित करने के बावजूद, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) आधिकारिक मेज़बान बना रहेगा।
नई स्थल: यह टूर्नामेंट यूएई में दो स्थलों—दुबई और शारजाह—में 3 से 20 अक्टूबर तक आयोजित होगा।
ICC का बयान: ICC के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉफ़ ऑलार्डाइस ने अफसोस जताया कि बांग्लादेश टूर्नामेंट की मेज़बानी नहीं कर सका जैसा कि पहले योजना बनाई गई थी, लेकिन एक सुरक्षित और सफल आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया।
यूएई की भूमिका: यूएई, जहाँ ICC का मुख्यालय स्थित है, ने हाल के वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है और 2021 में ICC पुरुष टी20 विश्व कप जैसे प्रमुख आयोजनों की मेज़बानी की है।
स्थानांतरण का कारण: टूर्नामेंट को स्थानांतरित करने का निर्णय बांग्लादेश में उत्पन्न चुनौतियों और ICC की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट आयोजनों के लिए उच्च मानकों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ICC:
स्थापना: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की स्थापना 1909 में इम्पीरियल क्रिकेट कॉन्फ़्रेंस के रूप में की गई थी। इसे 1989 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का नाम दिया गया।
मुख्यालय: ICC का मुख्यालय दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में स्थित है।
सदस्यता: ICC के 108 सदस्य हैं, जिसमें 12 पूर्ण सदस्य होते हैं जो टेस्ट मैच खेलते हैं और 96 एसोसिएट सदस्य होते हैं।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): जॉफ़ ऑलार्डाइस
अध्यक्ष: ग्रेग बार्कले
ICC ने 9वीं महिला टी20 विश्व कप को कहाँ स्थानांतरित किया है?संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
जय शाह को आईसीसी चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया जाएगा, ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे
जय शाह, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव हैं, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन के रूप में ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे।
ऐतिहासिक महत्व: शाह आईसीसी चेयरमैन के पद पर बैठने वाले तीसरे भारतीय होंगे, जिनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर इस पद पर रह चुके हैं।
प्रमुख क्रिकेट बोर्डों का समर्थन: शाह को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत प्रमुख क्रिकेट बोर्डों का समर्थन प्राप्त है, जो उनकी आईसीसी चेयरमैन के रूप में चुनाव सुनिश्चित करता है।
चुनाव प्रक्रिया: आईसीसी चेयरमैन के चुनाव के लिए 16 में से 9 वोटों की साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया पहले की दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता से सरल की गई है।
कार्यकाल और उम्र: 35 वर्ष की उम्र में, शाह आईसीसी के इतिहास के सबसे युवा चेयरमैन बनेंगे।
बीसीसीआई कार्यकाल: शाह के पास बीसीसीआई सचिव के रूप में एक साल का कार्यकाल बाकी है, जिसके बाद उन्हें अनिवार्य ठंडे-गुणवत्ता की अवधि का सामना करना पड़ेगा। अगर वे आईसीसी में चले जाते हैं, तो उनके पास आईसीसी की भूमिका के बाद बीसीसीआई में चार साल का कार्यकाल रहेगा।
फिल फोडेन और कोल पाल्मर ने PFA अवार्ड्स 2024 में जलवे बिखेरे
फिल फोडेन ने PFA प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड जीता: मैनचेस्टर सिटी के फिल फोडेन को 2023/24 सीज़न में उनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोफेशनल फुटबॉलर्स’ एसोसिएशन (PFA) द्वारा प्लेयर ऑफ द ईयर नामित किया गया, जो इंग्लिश फुटबॉल में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
कोल पाल्मर ने PFA यंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड जीता: मैनचेस्टर सिटी से चेल्सी में स्थानांतरित हुए कोल पाल्मर ने इसी सीज़न में अपनी असाधारण योगदान के लिए PFA यंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड प्राप्त किया।
फोडेन की योगदान: फोडेन ने मैनचेस्टर सिटी की प्रीमियर लीग खिताब जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, 19 गोल किए और आठ असिस्ट दिए, जिसमें दो हैट-ट्रिक्स शामिल हैं। उन्होंने यूईएफए चैंपियंस लीग में भी पांच गोल और तीन असिस्ट के साथ महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
पाल्मर का प्रदर्शन: पाल्मर ने चेल्सी के साथ एक शानदार सीज़न बिताया, प्रीमियर लीग में 22 गोल किए और 11 असिस्ट किए, गोल किए गए मामलों में केवल एर्लिंग हैलैंड से पीछे रहे।
अवार्ड का महत्व: PFA अवार्ड्स इंग्लिश फुटबॉल में सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड्स में से एक हैं, क्योंकि इन्हें लीग के अन्य खिलाड़ियों द्वारा वोट दिया जाता है, जो खेल में साथियों की मान्यता को उजागर करता है।
PFA:
PFA का पूरा नाम प्रोफेशनल फुटबॉलर्स’ एसोसिएशन है।
PFA की स्थापना 1907 में हुई थी, जिससे यह दुनिया की सबसे पुरानी पेशेवर खेल ट्रेड यूनियन बन गई।
PFA फुटबॉल गवर्निंग बॉडीज जैसे FA (फुटबॉल एसोसिएशन) और प्रीमियर लीग के साथ मिलकर खिलाड़ियों और खेल की नीतियों को आकार देती है।
वर्तमान नेतृत्व: 2024 तक, PFA के CEO महेता मोलांगो हैं, जो 2021 से इस भूमिका में हैं।
PFA अवार्ड्स की पहली बार प्रस्तुति 1974 में हुई थी, जो इंग्लैंड में सबसे प्रतिष्ठित फुटबॉल अवार्ड्स में से एक बनाते हैं।
फारूक अहमद को बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया, नाजमुल हसन के युग का अंत
फारूक अहमद, पूर्व राष्ट्रीय क्रिकेटर और मुख्य चयनकर्ता, को बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) का अध्यक्ष चुना गया है, जो नाजमुल हसन की जगह लेंगे।
हसन के कार्यकाल का अंत: नाजमुल हसन, जो BCB के अध्यक्ष के रूप में अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर रहे थे और साथ ही खेल मंत्री का पद भी संभाल रहे थे, ने इस्तीफा दे दिया है। हसन का इस्तीफा बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के बीच आया है।
फारूक अहमद की पृष्ठभूमि: फारूक अहमद, जिन्होंने पहले बांग्लादेश के लिए सात एकदिवसीय मैच खेले हैं और दो बार मुख्य चयनकर्ता के रूप में कार्य किया है, BCB के पहले अध्यक्ष हैं जिनके पास प्रतिस्पर्धी क्रिकेट का अनुभव है।
राष्ट्रीय खेल परिषद की भूमिका: राष्ट्रीय खेल परिषद (NSC) ने फारूक अहमद और नाजमुल अबेदीन फहीम को BCB बोर्ड पर निदेशक के रूप में नामित किया, जिससे अहमद का अध्यक्ष के रूप में चुनाव हुआ।
बोर्ड में बदलाव: NSC ने BCB के दो निदेशकों, जलाल युनूस और अहमद सज्जादुल आलम, को भी बदल दिया है और BCB के एक हस्ताक्षरकर्ता, इस्माइल हैदर मलिक को फहीम सिन्हा से बदल दिया है।
BCB:
BCB की स्थापना 1972 में हुई थी, बांग्लादेश की स्वतंत्रता के तुरंत बाद।
BCB बांग्लादेश में क्रिकेट का शासी निकाय है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट आयोजनों का आयोजन करता है।
BCB का मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश में स्थित है।
संबद्धता: BCB अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) का पूर्ण सदस्य है, जो इसे टेस्ट, एकदिवसीय (ODI), और ट्वेंटी20 (T20) खेल प्रारूपों में भाग लेने की अनुमति देता है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): CEO BCB के दिन-प्रतिदिन के संचालन का प्रबंधन करता है। वर्तमान CEO निजामुद्दीन चौधरी हैं।