वैदिक संस्कृति

ऋग्वेद के किस सुक्त में चार वर्णों का उल्लेख पहली बार मिलता है  – पुरुष सूक्त

भारतीय संगीत का आदिग्रंथ कहा जाता है – सामवेद को

भारतीय संगीत का जनक किस वेद को माना जाता है – सामवेद को

कौन – सा वेद गद्य एवं पद्म दोनों में मिलता है – यजुर्वेद

सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थी, का उल्लेख किस वेद में मिलता है – अर्थववेद में

वैदिक सभ्यता किस धातु युग की मानी जाती है  लौहयुगीन गायत्री मंत्र किस वेद से लिया गया है -ऋग्वेद से

गायत्री मंत्र किसे समर्पित है – सविता / सावित्री देवता को ऋग्वेद में

यज संबंधी विधि-विधानों का पता चलता है यजुर्वेद से रोग निवारण, तंत्र मंत्र, जादू टोना, वशीकरण, विवाह, प्रेम, राजकर्म मातृभूमि आदि विविध विषयों का विवरण किस वेद में मिलता है – अथर्ववेद में

पुराणों के रचयिता किन्हें माना जाता है – लोमहर्ष एवं उग्रसवा को

पुराणों की संख्या कितनी है – अठारह

सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक पुराण किसे माना जाता है – मत्स्य पुराण को 

स्मृति ग्रंथ को अन्य किस नाम से जाना जाता है  -धर्मशास्त्र

किस स्मृति ग्रंथ को सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक माना जाता है – मनु समृति को

वैदिक गणित के महत्वपूर्ण अंग है – शुल्व सूत्र

वैदिक साहित्य में सम्मिलित है – वेद, उपवेद, ब्राह्मण, आरण्यक उपनिषद

वैदिक साहित्य के अंतिम अंग उपनिषद को कहा जाता है – वेदांत

सत्यमेव जयते शब्द किस उपनिषद से लिया गया है – मुंडकोपनिषद से

किस पुराण में भारतवर्ष की भौगोलिक एवं मूल एकता का वर्णन प्राप्त होता है – विष्णु पुराण में

चतुःवर्ण विभाजन का प्रमाण किस वेद में मिलता है – ऋग्वैदिक काल में

कितनी ऋतुओं का जान था – पाँच

ऋग्वेद युग में सर्वाधिक उल्लेखित नदी कौन-सी है – सिन्धु नदी

ऋग्वेद में सर्वाधिक पवित्र नदी कौन-सी है – सरस्वती नदी

ऋग्वेद में सर्वाधिक सम्मानित देवता कौन-कौन से थे – इन्द्र और अग्नि

वैदिक काल में कौन-कौन-सी आश्रम व्यवस्था के अन्तर्गत शामिल था – ब्रह्मचर्य, गृहस्थ एवं वानप्रस्थ

ऋग्वैदिक आर्यों का मुख्य व्यवसाय था – पशुपालन

ऋग्वेद में संपत्ति का प्रमुख रूप है – गोधन   

ऋग्वेद में ‘पुरंदर’ शब्द का प्रयोग किस देवता के लिए हुआ है – इन्द्र

ऋग्वेद के किन छः मंडलों को ‘वंश मंडल / गोत्र मंडल’ कहा जाता है – दूसरे मंडल से सातर्वे मंडल तक

ऋग्वेद में किस नदी का उल्लेख मात्र एक बार हुआ है – गंगा नदी                             

ऋग्वैदिक काल में दो अमूर्त देवता कौन-कौन थे – श्रद्धा तथा मनु

ऋग्वेद में ‘अनस’ शब्द का प्रयोग किसके लिए हुआ है – बैलगाडी

ऋग्वेद के किस परिषद में स्त्रियाँ भाग लेती थी – सभा एवं समिति

ऋग्वेद का नवीनतम मंडल कौन-सा है – प्रथम और दशम 

किस वेद में ‘असतो मा सद्‌गमय’ का उल्लेख मिलता है – ऋग्वेद में

ऋग्वेद में नौवे मंडल में किसका वर्णन है – सोम का 

आश्रम व्यवस्था की चर्चा किस वेद में हैं – अथर्ववेद में

पूर्व पुरुषों की पूजा किस काल से शुरु हुई – उत्तर वैदिक काल से 

आर्य शब्द का शाब्दिक अर्थ है – श्रेष्ठ या कुलीन

आर्य शब्द किसे इंगित करता है – नृजाति समूह को

आर्य भारत में सम्भवतः कहाँ से आये थे – मध्य एशिया से

आर्यों के मूल निवास के विषय में वि‌द्वानों ने कौन-कौन-सा सिद्धांत प्रतिपादित किये – आर्कटिक प्रदेश का सिद्धांत, भूमध्य सागरीय सिद्धांत तथा भारतीय सिद्धांत “प्राचीन काल में आर्य हिमालय में रहते थे तथा कालान्त

में वे आर्यावर्त में आकर बस गए ।” ये मत किनका था – स्वामी दयानन्द सरस्वती का

मूर्ति पूजा का आरम्भ कब से माना जाता है – हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति

ऋग्वेद के किस मंडल में शुद्र का उल्लेख पहली बार मिलता है -10वें मण्डल में

ऋग्वेद में ‘शुद्र’ शब्द का प्रयोग कितनी बार हुआ है – एक बार

वैदिक काल में योदधा को क्या कहा जाता था – सेनानी

वैदिक काल में ‘यव’ कहा जाता था – जौ को

‘ब्रीहि’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है – चावल

कृष्ण भक्ति का प्रथम और प्रधान ग्रंथ है – श्रीम‌द्भागवतगीता

मीमांसा या पूर्व मीमांसा दर्शन के प्रतिपादक है – जैमिनी

‘अयुर्वेद’ अर्थात् जीवन का विज्ञान का उल्लेख किस वेद में मिलता है – अथर्ववेद में

न्यायदर्शन के प्रतिपादक है – गौतम

भारतीय दर्शन की आरम्भिक विचारधारा किसे माना जाता है – सांख्य को

वैशेषिक दर्शन के प्रतिपादक है – उलूक या कणाद

कर्म का सिद्धांत सम्बन्धित है – मीमांसा से

वर्ण व्यवस्था का वंशानुगत जाति में परिवर्तन किस काल में हुआ – उत्तर वैदिक काल में

उत्तर वैदिककाल का समय माना जाता है – 1000 से 600 ई. पू. के बीच का

उत्तर वैदिक काल में कितने उपवेदों की रचना की गयी – चार

उत्तर वैदिक कालीन समाज में किस वर्ण को उच्च स्थान प्राप्त था – ब्राह्मण को

उत्तरवैदिक काल के वेद विरोधी और ब्राह्म विरोधी धार्मिक अध्यापकों को किस नाम से जाना जाता था – श्रमण

उत्तरवैदिक काल में किस देवता को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था – प्रजापति 

वेदों में संयुक्त रूप से ‘त्रयी’ या ‘वेदत्रयी’ कहलाते हैं – ऋग्वेद,सामवेद,यजुर्वेद

उत्तर वैदिक कालीन धार्मिक क्रियाओं का मुख्य साधन क्या था – कर्मकाण्ड

उपनिषदों में सबसे विशाल उपनिषद् कौन-सा है – बृहदारण्यक

वेद का संकलनकर्ता कौन है – महर्षि द्वैपायन वेदव्यास एवं अर्थववेद

प्रसिद्ध दशराज युद्ध किस नदी के तट पर लड़ा गया – परुष्णी

भारत का सबसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथ किसे माना जाता है – वेद को

वेदों की संख्या कितनी है – चार

वेदो का क्रम क्या है – ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद एवं अथर्ववेद 

सबसे पुराना वेद कौन है – ऋग्वेद

ऋग्वेद में, मण्डलों की संख्या कितनी है – दस

ऋग्वेद में सूक्तों की संख्या कितनी है – 1028

ऋग्वेद का कौन-सा मंडल सोम देवता को – समर्पित है नवां मण्डल

दाशराज युद्ध का विवरण किस वेद में मिलता है – ऋग्वेद में

दाशराज युद्ध किस नदी पर लड़ा गया – परुष्णी (रावी) नदी पर

मैं कवि हूँ, मेरे पिता वैध हैं और मेरी माता चक्की चलाती है यह कथन ऋग्वेद के किस मण्डल में वर्णित है – नवां मण्डल

चारों वेदों को क्या कहा जाता है – संहिता

कन्या का बलपूर्वके अपहरण कर उसके साथ किया गया विवाह क्या कहलाता था – राक्षस विवाह

अध्यात्म ज्ञान के विषय में नचिकेता और यम का संवाद किस उपनिषद् में प्राप्त होता है – कठोपनिषद् में

किस ग्रंथ में सर्वप्रथम देवकी पुत्र कृष्ण का वर्णन किया गया है – छांदोग्य उपनिषद्

धर्मशास्त्रों में भूराजस्व की दर क्या है – 1/6

प्राचीन भारत में ‘निष्क’ से जाना जाता था – स्वर्ण आभूषण

उपनिषद् पुस्तकें आधारित है – दर्शन पर

उपनिषद् काल के राजा अश्वपति शासक थे – केकय के

ऋग्वैदिक युग की प्राचीनतम संस्था कौन-सी थी – विदथ

ब्राह्मण ग्रंथों में सर्वाधिक प्राचीन कौन है – शतपथ ब्राह्मण

‘अथर्व’ का अर्थ है – पवित्र जादू

आदि काव्य की संज्ञा किसे दी जाती है – रामायण

आर्य भारत के किस प्रांत में सर्वप्रथम आये – पंजाब में

किस वेद में सभा को ‘नरिष्ट’ अर्थात् सामूहिक वाद-विवाद या अनुल्लंघनीय कहा गया है – अथर्ववेद में 

किस रचना में नारी को सुरा और पांसा के साथ तीन प्रमुख बुराइयों में शामिल किया गया है – मैत्रायणी संहिता 

संस्कारों की कुल संख्या कितनी है – सोलह

प्राचीनतम विवाह संस्कार का वर्णन करने वाला ‘विवाह सूक्त’ पाया जाता है -1ऋग्वेद में

गायत्री मंत्र की रचना किसने की थी – विश्वमित्र ने