भारत में ग्रामीण विकास को एक बहुआयामी प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है, जो समाजिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोणों से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को सुधारने के लिए किया जाता है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक सुरक्षा के लिए योजनाएं शामिल होती हैं। ग्रामीण विकास का उद्देश्य न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि वहां की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करना है, जिससे स्थायी और समावेशी विकास संभव हो सके।
ग्रामीण विकास का इतिहास
ग्रामीण विकास का विचार 1970 के दशक में मजबूत हुआ जब यह महसूस किया गया कि राज्य-प्रेरित औद्योगिकीकरण और आधुनिकीकरण योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाईं। 1970 के दशक में ग्रामीण गरीबी में वृद्धि और खासकर कुछ क्षेत्रों में विकास के असमान वितरण ने यह स्पष्ट किया कि संसाधनों का समान वितरण और गरीबी निवारण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
ग्रामीण विकास की परिभाषा
ग्रामीण विकास को एक ऐसी नीति के रूप में देखा जा सकता है जो ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जीवन को बेहतर बनाना, कृषि आधारित विकास को बढ़ावा देना और न केवल गरीबों की आर्थिक स्थिति सुधारना है, बल्कि उनके सामाजिक कल्याण को भी सुनिश्चित करना है।
ग्रामीण विकास की प्रमुख तत्व
- कृषि का महत्व: कृषि, ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आर्थिक विकास के सिद्धांतों के अनुसार, कृषि विकास के बिना ग्रामीण औद्योगिकीकरण संभव नहीं हो सकता। भारत में कृषि क्षेत्र का विकास और भूमि का आकार घटने से कृषि विकास के संकेत मिलते हैं।
- सांरजनिक परिवर्तन: ग्रामीण क्षेत्रों में संरचनात्मक परिवर्तन कृषि से औद्योगिक क्षेत्र की ओर श्रमिकों और उत्पादन का स्थानांतरण करने की प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है।
- स्वरोजगार योजनाएं: भारत सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं जैसे कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-रोजगार को बढ़ावा देती हैं।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS): यह योजना ग्रामीण मजदूरों को 100 दिन का रोजगार प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। लेकिन हाल के वर्षों में इसके बजट में कमी आई है, जबकि स्व-रोजगार के लिए योजनाओं में वृद्धि देखी गई है।
ग्रामीण विकास के प्रमुख सामाजिक संकेतक
ग्रामीण विकास को मापने के लिए विभिन्न सामाजिक संकेतकों का उपयोग किया जाता है, जैसे:
- स्वास्थ्य: भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अक्सर निजी चिकित्सकों या असंगठित स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर होती है। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है।
- शिक्षा: ग्रामीण भारत में शिक्षा प्रणाली में कई चुनौतियां हैं। अस्थिर शिक्षकों की कमी, गुणवत्ता की कमी, और बुनियादी शिक्षा की कमी जैसे मुद्दे गंभीर हैं।
- पानी और बिजली: ग्रामीण क्षेत्रों में पानी और बिजली की पहुंच की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में इन सुविधाओं का अभाव है।
- पोषण: ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों में कुपोषण की दर उच्च है, जो ग्रामीण विकास में एक बड़ी चुनौती है।
भारत में ग्रामीण विकास की योजनाएं
- एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP): यह योजना 1978-79 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को सशक्त बनाना था। यह योजना स्व-रोजगार के माध्यम से गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित थी।
- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (MGNREGS): यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसमें मजदूरी आधारित कार्यों को प्रोत्साहन दिया गया है।
- स्व-रोजगार और कौशल विकास योजनाएं: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना जैसी योजनाएं ग्रामीण युवाओं के लिए स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं। इसके अलावा, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETIs) और दींदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (DDU-GKY) जैसे कार्यक्रम कौशल विकास पर जोर देते हैं।
समग्र ग्रामीण नीति की आवश्यकता
भारत में ग्रामीण विकास के लिए केवल स्व-रोजगार योजनाएं ही पर्याप्त नहीं हैं। एक समग्र और स्थायी ग्रामीण नीति की आवश्यकता है, जो सामाजिक क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और जल आपूर्ति पर ध्यान दे। इसके साथ ही, ग्रामीण आधारभूत संरचना में निवेश किया जाए, ताकि आर्थिक अवसरों का विस्तार हो सके और अधिक समावेशी विकास संभव हो।
ग्रामीण विकास के लिए सशक्त बजटीय समर्थन और सामाजिक अवसंरचना में सुधार करना आवश्यक है। एक मजबूत ग्रामीण नीति समग्र विकास सुनिश्चित कर सकती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और सामाजिक कल्याण में सुधार लाए।
Source: Indian Express