Current Affairs: 31 Jul 2025

भारतीय तटरक्षक बल का तीव्र गश्ती पोत ‘अटल’ गोवा में लॉन्च किया गया

भारतीय तटरक्षक बल का छठा स्वदेश निर्मित तीव्र गश्ती पोत (FPV), ‘अटल’, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL), गोवा में लॉन्च किया गया।

ICGS ‘अटल’ तीव्र गश्ती पोत (FPV) का लॉन्च:

श्री रोज़ी अग्रवाल, IDAS, PIFA (तटरक्षक मुख्यालय) की उपस्थिति में श्रीमती शिल्पा अग्रवाल द्वारा लॉन्च किया गया।

उद्देश्य: तटीय सुरक्षा, तस्करी विरोधी और खोज एवं बचाव में भारतीय तटरक्षक बल की क्षमता को बढ़ाना।

‘अटल’ FPV की मुख्य विशेषताएँ:

स्वदेशी सामग्री: 60% से अधिक घटक घरेलू स्तर पर प्राप्त किए गए हैं।

डिज़ाइन: तटरक्षक बल की ज़रूरतों के लिए GSL द्वारा पूरी तरह से आंतरिक रूप से डिज़ाइन किया गया।

बेड़े की भूमिका: GSL में निर्माणाधीन 8 FPV की श्रृंखला में छठा।

विशिष्टताएँ:

लंबाई: 52 मीटर

विस्थापन: 320 टन

संचालन भूमिकाएँ:

विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में गश्त

मत्स्य संरक्षण

द्वीप निगरानी

तस्करी-रोधी और समुद्री डकैती-रोधी

समुद्री बचाव अभियान

तकनीकी उपलब्धि: नियंत्रणीय पिच प्रोपेलर (CPP) युक्त पहला भारतीय FPV – दक्षता और गतिशीलता में सुधार।

आर्थिक प्रभाव: रोज़गार सृजन, MSME और स्थानीय उद्योगों को सहायता प्रदान करता है।

भारतीय तटरक्षक बल: बेड़ा और विकास:

स्थापना: 1977 में 7 प्लेटफ़ॉर्म के साथ।

वर्तमान क्षमता: 151 जहाज और 76 विमान।

2030 का लक्ष्य: 200 जहाज और 100 विमान।

संचालन आदर्श वाक्य: “वयं रक्षामः” (हम रक्षा करते हैं)।

आपदा राहत अभियान:

चक्रवात ASNA (गुजरात)

गुजरात और वायनाड में बाढ़ राहत

रात्रिकालीन चिकित्सा निकासी।

भारतीय तटरक्षक बल के एफपीवी ‘अटल’ का प्रक्षेपण कहाँ किया गया? गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल), गोवा।

एफपीवी ‘अटल’ का प्रक्षेपण किसने किया? श्रीमती शिल्पा अग्रवाल।

एफपीवी ‘अटल’ का उद्देश्य क्या है? तटीय सुरक्षा, तस्करी विरोधी और खोज एवं बचाव कार्यों को बढ़ाना।


डीआरडीओ द्वारा प्रलय मिसाइल के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल के लगातार दो सफल परीक्षण किए।

‘प्रलय’ अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल:

स्थान: ओडिशा तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप।

उद्देश्य: मिसाइल प्रणाली की अधिकतम और न्यूनतम सीमा क्षमताओं को प्रमाणित करने के लिए उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षण।

विशेषताएँ:

प्रणोदन: ठोस प्रणोदक-आधारित।

नौवहन: उच्च परिशुद्धता के लिए अत्याधुनिक मार्गदर्शन और नौवहन प्रणालियों से सुसज्जित।

वारहेड क्षमता: कई प्रकार के पारंपरिक वारहेड ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया।

प्रक्षेप पथ:

निम्न अर्ध-बैलिस्टिक प्रक्षेप पथ में उड़ान भरता है।

पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों के विपरीत, उड़ान के बीच में युद्धाभ्यास करने में सक्षम।

प्रेरण योजना: भारतीय सेना की तोपखाने इकाइयों में शामिल किया जाएगा।

विकास और सहयोग:

प्रमुख विकासकर्ता: अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई), हैदराबाद।

डीआरडीओ की प्रमुख सहयोगी प्रयोगशालाएँ:

पुणे स्थित सुविधाएँ:

आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई)

उच्च ऊर्जा पदार्थ अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल)

अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, इंजीनियर्स (आरएंडडीई)

डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाएँ:

रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल)

उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला (एएसएल)

रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएमआरएल)

टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल)

प्रलय मिसाइल के सफल उड़ान परीक्षण किसने किए? रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)।

प्रलय मिसाइल के परीक्षण कहाँ किए गए? ओडिशा तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर।

प्रलय मिसाइल परीक्षणों का उद्देश्य क्या था? अधिकतम और न्यूनतम सीमा क्षमताओं का सत्यापन करना।

प्रलय किस प्रकार के प्रणोदन का उपयोग करता है? ठोस प्रणोदक-आधारित प्रणोदन।

प्रलय मिसाइल में किस मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग किया जाता है? अत्याधुनिक मार्गदर्शन और नेविगेशन प्रणालियाँ।

प्रलय मिसाइल किस प्रकार के आयुध ले जा सकती है? विभिन्न प्रकार के पारंपरिक आयुध।


काजीरंगा बाघ घनत्व में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर

काजीरंगा टाइगर रिजर्व (केटीआर) अब दुनिया में बाघों के घनत्व के मामले में तीसरे स्थान पर है।

जनसंख्या मील का पत्थर:

बाघों की जनसंख्या (2024): 148 वयस्क बाघ (2022 में 104 से बढ़कर)

मादाएँ: 83

नर: 55

अनिर्धारित: 10

रिपोर्ट जारी: अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (29 जुलाई)

रिपोर्ट का शीर्षक: “काजीरंगा में बाघों की स्थिति 2024”

विभागवार बाघ गणना:

पूर्वी असम वन्यजीव प्रभाग: 104 (2022) से बढ़कर 115 (2024)

नागांव वन्यजीव प्रभाग: 6 बाघों पर स्थिर

विश्वनाथ वन्यजीव प्रभाग: 27 बाघ (पहली बार नमूना)

वैश्विक बाघ घनत्व रैंकिंग:

काजीरंगा का स्थान: दुनिया में तीसरा सबसे ऊँचा

बाघ घनत्व: 18.65 बाघ प्रति 100 वर्ग किमी

आगे: केवल कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान और बांदीपुर बाघ अभ्यारण्य

निगरानी एवं सर्वेक्षण विधियाँ:

प्रयुक्त विधि: कैमरा ट्रैप (दिसंबर 2023 – अप्रैल 2024)

प्रोटोकॉल: एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान के दिशानिर्देश

सर्वेक्षण क्षेत्र: केटीआर में 1,307.49 वर्ग किमी

प्रमुख संरक्षण कारक:

आवास विस्तार:

200 वर्ग किमी अतिरिक्त (अतिक्रमण-मुक्त 12.82 वर्ग किमी सहित)

नागांव प्रभाग के अंतर्गत बुरहाचापोरी-लाओखोवा अभयारण्य शामिल हैं

बेहतर निगरानी:

एम-स्ट्रिप्स, ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक आई सिस्टम

शिकार-रोधी एवं गश्त: वन सतर्कता में वृद्धि

2024 तक बाघ घनत्व के मामले में काजीरंगा बाघ अभ्यारण्य का वैश्विक स्थान क्या है? दुनिया में तीसरा सबसे ऊँचा।

काजीरंगा बाघ अभ्यारण्य में बाघ घनत्व कितना है? प्रति 100 वर्ग किमी में 18.65 बाघ।

2024 में काजीरंगा में वयस्क बाघों की कुल संख्या कितनी थी? 148 वयस्क बाघ।


तुर्की ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम ‘गज़ैप’ का अनावरण किया

तुर्की ने अपने दो सबसे उन्नत विमान बम विकसित किए हैं, जो उसकी सैन्य प्रहार क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार दर्शाते हैं।

अवलोकन:

विकसितकर्ता: तुर्की के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय का अनुसंधान एवं विकास केंद्र

अनावरण: 17वें अंतर्राष्ट्रीय रक्षा उद्योग मेले में

प्रमाणन: दोनों बम योग्यता और प्रमाणन प्रक्रियाओं से गुज़रे हैं

उद्देश्य: उन्नत हवाई हथियारों से प्रहार क्षमताओं को बढ़ाना

संगत विमान: तुर्की के F-16 और F-4 लड़ाकू विमान; भविष्य में ड्रोन तैनाती की योजना

गज़ैप (क्रोध) बम:

वजन: 970 किलोग्राम (2,000 पाउंड)

प्रकार: संशोधित MK-84 विखंडन बम

विखंडन क्षमता:

10,000 स्टील के टुकड़े छोड़ता है

1 किमी के दायरे में बिखरता है

प्रति वर्ग मीटर 10.16 टुकड़े — मानक MK-श्रृंखला बमों से 3 गुना अधिक शक्तिशाली

हयालेट (घोस्ट) बम:

इसे NEB-1 / NEB-2 के नाम से भी जाना जाता है

प्रकार: उन्नत बंकर-बस्टर

भेदन:

C50 कंक्रीट में 7 मीटर (मानक 1.8-2.4 मीटर के विपरीत)

चट्टान/पृथ्वी में 90 मीटर तक प्रवेश किया

प्रबलित स्टील, रेत, कंक्रीट में प्रवेश किया और विस्फोट के बाद 600 मीटर तक यात्रा की

परीक्षण किया गया: कृत्रिम किलेबंद वातावरण में

तैनाती और रणनीति:

भविष्य में उपयोग: विकासाधीन ड्रोन के साथ एकीकरण

तकनीक महत्व: तुर्की की स्वदेशी मारक क्षमताओं को बढ़ावा देता है

किस देश ने गज़ैप और हयालेट बमों का अनावरण किया? तुर्की

तुर्की के गज़ैप और हयालेट बमों का विकास किसने किया? तुर्की के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय का अनुसंधान एवं विकास केंद्र

गज़ैप और हयालेट का अनावरण कहाँ किया गया? 17वें अंतर्राष्ट्रीय रक्षा उद्योग मेले में

गज़ैप बम का वज़न कितना है? 970 किलोग्राम (2,000 पाउंड)

गज़ैप किस बम मॉडल का संशोधित संस्करण है? MK-84 विमान बम


पर्यावरण संरक्षण (दूषित स्थलों का प्रबंधन) नियम, 2025

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्रदूषण के लिए ज़िम्मेदार लोगों द्वारा दूषित स्थलों के उपचार हेतु पर्यावरण संरक्षण (दूषित स्थलों का प्रबंधन) नियम, 2025 को अधिसूचित किया है।

उद्देश्य:

प्रदूषण के लिए ज़िम्मेदार लोगों द्वारा दूषित स्थलों के उपचार हेतु एक कानूनी ढाँचा प्रदान करता है।

संदर्भ: असम में 2020 के बाघजन तेल विस्फोट जैसी घटनाओं से प्रेरित।

शामिल प्रदूषक:

कृषि, आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में 189 प्रदूषक

इसमें शामिल हैं: हैलोजनयुक्त सुगंधित पदार्थ, कीटनाशक, पीएएच, ऑर्गेनोफ्लोरीन, भारी धातुएँ

छूट (सशर्त):

रेडियोधर्मी अपशिष्ट (परमाणु ऊर्जा नियम, 1987)

खनन कार्य (खान अधिनियम, 1957)

हालाँकि, यदि तेल रिसाव, रेडियोधर्मी मिश्रण आदि के कारण संदूषण सीमा से अधिक हो जाता है, तो उपचार लागू होता है।

स्थल की पहचान और रिपोर्टिंग:

स्थानीय निकाय/जिला प्रशासन संदिग्ध स्थलों की पहचान और रिपोर्ट करेंगे (स्वयं या सार्वजनिक शिकायत)

केंद्रीय ऑनलाइन पोर्टल पर डेटा अपलोड किया जाएगा

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) को अर्धवार्षिक रिपोर्ट

एसपीसीबी की ज़िम्मेदारियाँ:

90 दिनों में प्रारंभिक मूल्यांकन

30 दिनों में सीपीसीबी के साथ संभावित स्थलों को साझा करें

स्थलों पर गतिविधि प्रतिबंधित करें; 60 दिनों के भीतर जनता की टिप्पणियाँ प्राप्त करें

90 दिनों में ज़िम्मेदार व्यक्ति की पहचान करें

यदि स्थल स्थानांतरित किया जाता है, तो हस्तांतरित व्यक्ति उत्तरदायी होगा

सुधार योजनाओं को अनुमोदित और निगरानी करें

यदि कोई ज़िम्मेदार व्यक्ति नहीं है: एसपीसीबी 6 महीने में योजना तैयार करेगा

सुधार और वित्तपोषण:

ज़िम्मेदार व्यक्ति लागत वहन करेगा; एसपीसीबी द्वारा चयनित एजेंसी का उपयोग करता है

वित्त पोषण (यदि आवश्यक हो) के माध्यम से:

एसपीसीबी/राज्य/केंद्र सरकार

पर्यावरण राहत कोष (पीएलआई अधिनियम, 1991)

सीपीसीबी सत्यापन के लिए संगठनों की नियुक्ति कर सकता है

निगरानी समिति:

केंद्रीय उपचार समिति:

सीपीसीबी प्रमुख की अध्यक्षता में

सदस्य: आवास, डीपीआईआईटी, स्वास्थ्य, रसायन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के अधिकारी

दो तकनीकी विशेषज्ञ (पर्यावरण/भू-तकनीकी/अपशिष्ट)

प्रवर्तन:

एसपीसीबी निम्नलिखित पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगा सकता है:

अनुपालन न करना

उपचार में देरी/विफलता

स्वास्थ्य/पर्यावरणीय जोखिम पैदा करने वाले स्थल

पर्यावरण संरक्षण (दूषित स्थलों का प्रबंधन) नियम, 2025 का उद्देश्य क्या है? प्रदूषकों द्वारा दूषित स्थलों के उपचार के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करना।

किस घटना के कारण पर्यावरण संरक्षण (दूषित स्थलों का प्रबंधन) नियम, 2025 की अधिसूचना जारी की गई? असम में 2020 के बाघजन तेल विस्फोट के कारण।

पर्यावरण संरक्षण (दूषित स्थलों का प्रबंधन) नियम, 2025 के अंतर्गत कितने प्रदूषक सूचीबद्ध हैं? 189 प्रदूषक।


‘दिव्य दृष्टि अभ्यास’ के अंदर: युद्ध में उन्नत सैन्य तकनीक के लिए भारतीय सेना का प्रयास

भारतीय सेना ने पूर्वी सिक्किम के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में ‘दिव्य दृष्टि अभ्यास’ का आयोजन किया ताकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से लैस सेंसर और ड्रोन सहित नई तकनीकों का परीक्षण किया जा सके।

उद्देश्य और फोकस:

भविष्य के युद्धक्षेत्र की परिस्थितियों का अनुकरण, इन पर ध्यान केंद्रित करते हुए:

वास्तविक समय निगरानी

स्थितिजन्य जागरूकता

जटिल भूभाग में त्वरित निर्णय लेना

तकनीकी एकीकरण:

अगली पीढ़ी की प्रणालियों का संयोजन:

मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी)

ड्रोन

भूमि-आधारित प्लेटफ़ॉर्म

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-सक्षम सेंसरों का उपयोग, जो निम्न के साथ एकीकृत हैं:

उन्नत संचार नेटवर्क

कमांड सेंटर कनेक्टिविटी

सुरक्षित और निर्बाध डेटा प्रवाह सक्षम

परिचालन संबंधी मुख्य विशेषताएँ:

उच्च-ऊँचाई वाले वातावरण में यथार्थवादी युद्ध परिदृश्यों का अनुकरण

तेज़ लक्ष्यीकरण के लिए सेंसर-टू-शूटर लिंक को मज़बूत किया गया

बेहतर डेटा संलयन, जिससे युद्धक्षेत्र में तेज़ी से निर्णय लेना संभव हुआ

खतरों का पता लगाने, आकलन करने और उन पर तुरंत कार्रवाई करने की क्षमता में वृद्धि

दिव्य दृष्टि अभ्यास कहाँ आयोजित किया गया? पूर्वी सिक्किम, हिमालय के उच्च-ऊँचाई वाले क्षेत्र।

किस भारतीय सेना कोर ने दिव्य दृष्टि अभ्यास आयोजित किया? त्रिशक्ति कोर।

दिव्य दृष्टि अभ्यास का मुख्य फोकस क्या है? वास्तविक समय निगरानी, परिस्थितिजन्य जागरूकता और त्वरित निर्णय लेना।

दिव्य दृष्टि अभ्यास के दौरान कौन सी अगली पीढ़ी की प्रणालियाँ एकीकृत की गईं? यूएवी, ड्रोन और ज़मीनी प्लेटफ़ॉर्म।


प्रख्यात अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई का 85 वर्ष की आयु में लंदन में निधन

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, लेखक और ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य, लॉर्ड मेघनाद देसाई का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

विरासत: प्रख्यात अर्थशास्त्री, लेखक, ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य और भारत-ब्रिटेन संबंधों के पैरोकार।

शैक्षणिक कैरियर:

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE):

1965 से 2003 तक संकाय सदस्य

सेवानिवृत्ति के बाद एमेरिटस प्रोफेसर नियुक्त

योगदान:

200 से अधिक शैक्षणिक शोधपत्र और 8 पुस्तकें

प्रमुख कृतियाँ: मार्क्सवादी आर्थिक सिद्धांत, मार्क्स का प्रतिशोध, भारत की पुनर्खोज, भगवद् गीता किसने लिखी?

विषय: मार्क्सवादी अर्थशास्त्र, आर्थिक विकास, वैश्वीकरण

राजनीतिक एवं सार्वजनिक सेवा

हाउस ऑफ लॉर्ड्स:

1991 में नियुक्त

भारतीय मूल के पहले लेबर पार्टी के सदस्य

विश्वास: ब्रिटेन की राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्ष सोसायटी के मानद सहयोगी, धर्मनिरपेक्ष और मानवतावादी मूल्यों को दर्शाते हुए।

भारत-ब्रिटेन संबंधों में योगदान

मुंबई में मेघनाद देसाई अर्थशास्त्र अकादमी की स्थापना

लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर महात्मा गांधी की प्रतिमा की स्थापना सहित सांस्कृतिक कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मेघनाद देसाई कौन थे? प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, लेखक, ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य और भारत-ब्रिटेन संबंधों के पैरोकार।

मेघनाद देसाई किस शैक्षणिक संस्थान से जुड़े थे? लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE)।

मेघनाद देसाई ने LSE में कितने समय तक सेवा की? 1965 से 2003 तक।

LSE से सेवानिवृत्त होने के बाद मेघनाद देसाई को कौन सी उपाधि दी गई? प्रोफेसर एमेरिटस।


भारत की 2025 और 2026 में 6.4% की वृद्धि दर का अनुमान, सुधारों की गति स्थिर विकास को गति दे रही है: IMF

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत के वित्त वर्ष 2025 और 2026 दोनों में 6.4 प्रतिशत की स्थिर विकास दर बनाए रखने का अनुमान है।

भारत के विकास अनुमान:

विकास पूर्वानुमान:

वित्त वर्ष 2025 और 2026 के लिए 6.4% (अप्रैल से +0.2 और +0.1 अंकों का ऊपर की ओर संशोधन)

कैलेंडर वर्ष की वृद्धि: 6.7% (2025), 6.4% (2026)

2024 में वृद्धि 6.5% थी

विकास के कारक:

सुधार की गति

मजबूत उपभोग

बढ़ा हुआ सार्वजनिक निवेश

प्रमुख प्राथमिकताएँ:

रोज़गार सृजन और पुनः कौशल विकास

श्रम बाज़ार में लचीलापन

बुनियादी ढाँचा विकास

व्यापार उदारीकरण

शिक्षा, भूमि सुधार, सामाजिक सुरक्षा जाल और लालफीताशाही कम करने पर मध्यम अवधि का ध्यान

वैश्विक विकास परिदृश्य:

उभरते बाज़ार: 4.1% (2025), 4.0% (2026)

वैश्विक विकास: 3.0% (2025), 3.1% (2026) — थोड़ा ऊपर की ओर संशोधन

उन्नत अर्थव्यवस्थाएँ: 1.5% (2025), 1.6% (2026)

जोखिम और कारक:

सकारात्मक: कम टैरिफ, आसान वित्तीय स्थितियाँ

नकारात्मक: निजी माँग में कमी, कमज़ोर आव्रजन

वित्त वर्ष 2025 और 2026 में भारत की अनुमानित विकास दर क्या है? 6.4%

2024 में भारत की विकास दर क्या थी? 6.5%

आईएमएफ के अनुसार भारत की स्थिर वृद्धि के मुख्य कारक क्या हैं? सुधारों की गति, मज़बूत उपभोग और बढ़ता सार्वजनिक निवेश।


उत्तर प्रदेश सरकार ने आईटीआई प्रशिक्षितों के लिए और अधिक रोज़गार सृजित करने हेतु विज़न इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण किया

उत्तर प्रदेश सरकार विज़न इंडिया सर्विसेज़ के साथ अपनी साझेदारी को तीन वर्षों के लिए नवीनीकृत कर रही है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

फ़ोकस: उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य कुशल श्रमिकों, विशेषकर आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोज़गार के अधिक अवसर सृजित करना है।

साझेदारी नवीनीकरण: उत्तर प्रदेश सरकार ने विज़न इंडिया सर्विसेज़ के साथ अपनी साझेदारी को तीन और वर्षों के लिए नवीनीकृत किया।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य: आईटीआई-प्रमाणित युवाओं के लिए उत्तर प्रदेश भर के उद्योगों से जुड़ने के नए रास्ते बनाना।

विज़न इंडिया के बारे में: कार्यबल समाधान प्रदाता ‘जस्टजॉब’ पोर्टल चला रहा है।

जस्टजॉब पोर्टल: आईटीआई और डिप्लोमा धारकों को समर्पित पहला विशेष जॉब पोर्टल, जो कुशल युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक, रीयल-टाइम रोज़गार के अवसरों से जोड़ता है।

निगरानी: सरकार इस साझेदारी के माध्यम से सृजित नौकरियों का वार्षिक मूल्यांकन करेगी।

किस राज्य सरकार ने आईटीआई युवाओं के लिए रोज़गार सृजित करने हेतु विज़न इंडिया सर्विसेज़ के साथ अपने समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण किया? उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार और विज़न इंडिया सर्विसेज़ के बीच नवीनीकृत साझेदारी की अवधि क्या है? तीन साल

विज़न इंडिया के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के नए समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है? आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोज़गार के अधिक अवसर पैदा करना


डीपीआईआईटी ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण को मज़बूत करने के लिए एथर एनर्जी के साथ समझौता किया

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माता एथर एनर्जी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

उद्देश्य:

ईवी और स्वच्छ ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में डीप-टेक स्टार्टअप्स के लिए विकास, नवाचार और बुनियादी ढाँचे के समर्थन को बढ़ावा देना।

स्टार्टअप फोकस क्षेत्र:

बैटरी तकनीक

इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण

स्वच्छ ऊर्जा समाधान

प्रदान की गई सहायता:

एथर एनर्जी से मार्गदर्शन और तकनीकी मार्गदर्शन

डीपीआईआईटी से नीतिगत समर्थन

शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स के लिए विनिर्माण बुनियादी ढाँचे तक पहुँच

अपेक्षित परिणाम:

भारत के ईवी निर्माण परिदृश्य को मज़बूत करना

घरेलू नवाचारों का समर्थन

स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना

रोज़गार सृजन और आर्थिक विकास में योगदान

किस विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए एथर एनर्जी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं? उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT)

DPIIT और एथर एनर्जी के बीच समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य क्या है? EV और स्वच्छ ऊर्जा स्टार्टअप्स के लिए विकास, नवाचार और बुनियादी ढाँचे के समर्थन को बढ़ावा देना।

EV स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने के लिए किस EV कंपनी ने DPIIT के साथ साझेदारी की? एथर एनर्जी

DPIIT-एथर एनर्जी सहयोग से किस प्रकार के स्टार्टअप लाभान्वित होंगे? बैटरी तकनीक, EV निर्माण और स्वच्छ ऊर्जा में डीप-टेक स्टार्टअप।


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