कई बार देरी के बाद, भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन (Ax-4) बुधवार, 25 जून 2025 को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित NASA के Kennedy Space Center से लॉन्च हुआ।
अपने पहले संदेश में शुक्ला ने कहा:
“नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों। क्या सवारी थी ये। 40 साल बाद हम फिर से अंतरिक्ष में पहुंचे हैं और यह एक अद्भुत अनुभव था। मेरे कंधे पर तिरंगा है, जो कह रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, आप सभी मेरे साथ हैं।
यह मेरी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। मैं चाहता हूं कि मेरे देशवासी भी इस यात्रा का हिस्सा बनें। आइए मिलकर भारत का मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करें। जय हिंद, जय भारत।”
Ax-4 मिशन और चालक दल की जानकारी
- पायलट: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (भारत)
- कमांडर: पेगी व्हिटसन (अमेरिका)
- मिशन विशेषज्ञ: स्वावोश उज़्नांस्की-विस्नेव्स्की (पोलैंड)
- मिशन विशेषज्ञ: टिबोर कापू (हंगरी)
चारों चालक दल सदस्य Falcon 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च हुए और SpaceX Dragon अंतरिक्ष यान में सवार होकर लगभग 28 घंटे की यात्रा पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना हुए।
Docking और अनुसंधान गतिविधियाँ
- लक्ष्य Docking समय: 26 जून 2025, सुबह 7 बजे (ET) / शाम 4:30 बजे (IST)
- ISS पर रहने की अवधि: लगभग 14 दिन
- वैज्ञानिक और वाणिज्यिक गतिविधियाँ: 60 से अधिक अध्ययन, 31 देशों से जुड़ी परियोजनाएं
भारत का योगदान और ISRO की भूमिका
- ISRO ने भारत की कई R&D संस्थाओं और विश्वविद्यालयों से 7 माइक्रोग्रैविटी प्रयोग चुने हैं, जिन्हें ग्रुप कैप्टन शुक्ला ISS पर पूरा करेंगे।
- ISRO और NASA के बीच मिलकर 5 संयुक्त वैज्ञानिक अध्ययन और 2 STEM डेमोंस्ट्रेशन किए जाएंगे।
लॉन्च में देरी के कारण
मूलतः यह लॉन्च 29 मई 2025 को होना था, लेकिन इसे बार-बार टाला गया। देरी के कारण:
- Crew Dragon मॉड्यूल में इलेक्ट्रिकल हार्नेस की समस्या
- Falcon 9 की तैयारियों में विलंब
- प्रतिकूल मौसम
- Falcon 9 में लिक्विड ऑक्सीजन लीक
- ISS के Zvezda सर्विस मॉड्यूल में तकनीकी गड़बड़ी
चालक दल को 25 मई 2025 से क्वारंटीन में रखा गया था।
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय
- शुभांशु शुक्ला: पहले भारतीय जो ISS गए।
- 1984 के बाद पहले भारतीय जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की।
- इससे पहले राकेश शर्मा ने सोवियत यूनियन के Soyuz स्पेसक्राफ्ट में जाकर इतिहास रचा था।
Source: The Hindu