ईरान ने कतर स्थित अल-उदीद एयरबेस पर मिसाइल हमला किया। यह हमला अमेरिका द्वारा 22 जून को ईरान के परमाणु स्थलों पर किए गए हमलों के जवाब में किया गया। अल-उदीद एयरबेस पश्चिम एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है, जहां लगभग 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और यह यू.एस. सेंट्रल कमांड का मुख्यालय भी है।
ईरानी सशस्त्र बलों ने एक बयान में कहा कि यह हमला अमेरिका की “सैन्य आक्रामकता” के जवाब में किया गया है। ईरान की इस कार्रवाई का नेतृत्व सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल और खतम अल-अनबिया कमांड ने किया। कतर ने बताया कि उसके वायु रक्षा तंत्र ने मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोक दिया और किसी प्रकार की जानमाल की हानि नहीं हुई।
ईरान ने इसके साथ-साथ इराक के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित ऐन-अल-असद सैन्य अड्डे को भी निशाना बनाया, जहां अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। हालांकि, इस हमले से हुई क्षति की पुष्टि नहीं हो सकी है।
कतर के विदेश मंत्रालय ने हमले के बाद अस्थायी रूप से हवाई क्षेत्र को बंद करने की घोषणा की। अमेरिका के दोहा स्थित दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों से शरण में रहने की अपील की। शाम करीब 7:40 बजे दोहा में तेज धमाकों की आवाजें सुनी गईं और इंटरसेप्टर मिसाइलों की चमक आसमान में दिखाई दी। हालांकि हमले के बाद सामान्य जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ।
कतर के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि उसके वायु रक्षा प्रणाली ने हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया और यह भी कहा कि देश का हवाई क्षेत्र और भूभाग सुरक्षित है। कतर के विदेश मंत्रालय ने ईरान के इस हमले को देश की संप्रभुता का उल्लंघन बताया और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखा।
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने सोशल मीडिया पर कहा कि ईरान ने युद्ध की शुरुआत नहीं की, लेकिन हमले का जवाब अवश्य देगा।
हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रविवार को अमेरिकी हमले में ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान “पूरी तरह नष्ट” कर दिए गए, लेकिन उन्होंने ईरानी मिसाइल हमलों पर कोई टिप्पणी नहीं की।
दोहा स्थित भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और घर के अंदर रहने की सलाह दी है। दूतावास ने लोगों से स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मॉस्को में हुई बैठक के बाद यह हमला हुआ। अराक़ची ने ईरान-रूस संबंधों को “ऐतिहासिक और गहरे” बताया और क्षेत्रीय तथा परमाणु मुद्दों पर सहयोग की बात कही।
कतर के पड़ोसी देश बहरीन, जहां अमेरिका की फिफ्थ फ्लीट तैनात है, ने भी क्षेत्रीय हालात को देखते हुए अपने अधिकांश सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी और स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया। बहरीन ने भी सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया।
उधर, इज़राइल ने भी ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए सोमवार को तेहरान स्थित एविन जेल और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सुरक्षा मुख्यालय पर हवाई हमले किए। इज़राइली रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ईरानी मिसाइल हमले के जवाब में यह कार्रवाई की गई है और ईरान को “पूरी ताकत से” दंडित किया जाएगा।
ईरान ने बताया कि उसकी मिसाइलों ने इज़राइल के हैफ़ा और तेल अवीव शहरों को निशाना बनाया, जबकि यरूशलेम में भी धमाकों की आवाजें सुनी गईं। हालांकि इज़राइल की आपातकालीन सेवा ‘मगेन डेविड अदोम’ ने बताया कि किसी प्रकार की जानमाल की क्षति की सूचना नहीं है।
Source: The Hindu