प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0)

केंद्रीय स्वीकृति और निगरानी समिति (CSMC) की तीसरी बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के तहत 2.35 लाख मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई। इनमें से 1.25 लाख से अधिक मकान महिलाओं को, जिनमें अकेली महिलाएं और विधवाएं शामिल हैं, आवंटित किए गए। 44 मकान ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को दिए गए हैं। अनुसूचित जाति के लिए 42,400 मकान, अनुसूचित जनजाति के लिए 17,574 मकान और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1,13,414 मकान स्वीकृत किए गए। अब तक PMAY-U 2.0 के तहत कुल 7,09,979 मकान मंजूर किए जा चुके हैं।

भूमि और उपनिवेश राज्य सूची के अंतर्गत आते हैं, इसलिए मकान बनाने की जिम्मेदारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होती है। केंद्र सरकार आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के माध्यम से इस कार्य में सहायता प्रदान करती है। इस योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को ‘हर परिवार को पक्का मकान’ देने के उद्देश्य से की गई थी।

मकान को तब पूरा माना जाता है जब उसमें बिजली, पानी, रसोई और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं हों। यह योजना महिलाओं को मकान का मालिकाना हक देकर उन्हें सशक्त करती है। विकलांगों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों और ट्रांसजेंडरों को प्राथमिकता दी जाती है।

2017 में इस योजना के तहत 100 लाख मकानों की मांग का अनुमान लगाया गया था। अब तक 1.18 करोड़ मकानों को मंजूरी दी गई है और 85.5 लाख से अधिक मकान बनाए और वितरित किए जा चुके हैं।

यह योजना चार घटकों के माध्यम से लागू की जा रही है –

  1. लाभार्थी आधारित निर्माण (BLC)
  2. साझेदारी में सस्ती आवास योजना (AHP)
  3. झुग्गी पुनर्विकास योजना (ISSR)
  4. क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS)

PMAY-U 2.0 की शुरुआत 1 सितंबर 2024 से हुई और इसका उद्देश्य देश भर के शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ परिवारों की आवास आवश्यकता को पूरा करना है। इस मिशन पर कुल 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को न्यूनतम अंशदान देना अनिवार्य होगा और वे अतिरिक्त सहायता भी प्रदान कर सकते हैं।

इस योजना के लिए पात्रता में ऐसे EWS, LIG और MIG परिवार शामिल हैं जिनके पास देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं है। EWS परिवारों की वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक, LIG की 3 से 6 लाख रुपये तक, और MIG की 6 से 9 लाख रुपये तक होनी चाहिए।

इस योजना के अंतर्गत चार प्रमुख घटक हैं –

  1. BLC में EWS परिवारों को उनके स्वयं के भूखंड पर मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। यदि उनके पास भूमि नहीं है, तो राज्य भूमि अधिकार दे सकते हैं।
  2. AHP में राज्यों, शहरी निकायों या निजी एजेंसियों द्वारा बनाए जा रहे मकानों में EWS को सहायता दी जाती है।
  3. ARH के अंतर्गत प्रवासी श्रमिकों, कामकाजी महिलाओं, छात्रों और अन्य जरूरतमंदों के लिए किराए के सस्ते और स्वच्छ मकान उपलब्ध कराए जाते हैं।
  4. ISS में EWS, LIG और MIG परिवारों को ऋण पर ब्याज सब्सिडी मिलती है। 25 लाख रुपये तक के ऋण पर, यदि घर की कीमत 35 लाख रुपये तक हो, तो पहले 8 लाख रुपये के ऋण पर 4% ब्याज सब्सिडी 12 साल की अवधि के लिए दी जाएगी। अधिकतम 1.80 लाख रुपये की सब्सिडी 5 किस्तों में दी जाएगी।