- भारत के समुद्री तट की सुरक्षा:
भारत के समुद्री तट को तीन प्रकार के प्रमुख शांति काल के समुद्री दुर्घटनाओं से बचाना जरूरी है:- वाणिज्यिक जहाजों का डूबना: यह कार्गो के नुकसान, समुद्री यातायात में रुकावट और पर्यावरणीय नुकसान का कारण बन सकता है।
- जहाजों में आग: यह न केवल पर्यावरण बल्कि तट पर जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकता है।
- तेल फैलाव: यह एक गंभीर समस्या बन सकता है।
- MV Wan Hai 503 का अग्निकांड:
- 9 जून 2025 को MV Wan Hai 503 पर आग लगी: यह आग तब लगी जब जहाज अज़िक्कल तट (कन्नूर, केरल) से लगभग 44 नॉटिकल माइल दूर था।
- जहाज पर 1,754 कंटेनरों में से 140 में खतरनाक सामग्री थी।
- आग बुझाने के प्रयासों के बावजूद जहाज तट के पास खतरनाक रूप से बहने लगा।
- भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड की टीमों ने मिलकर जहाज को तट से दूर खींचने में मदद की।
- अब जहाज में धुंआ और कुछ गर्म स्थान दिख रहे हैं, लेकिन यह तट के लिए तत्काल खतरे का कारण नहीं है।
- भारत की अग्निशमन क्षमता:
- कोस्ट गार्ड के अधिकांश गश्ती जहाजों में अब अग्निशमन उपकरण लगे हैं।
- खतरनाक सामग्री वाले कंटेनर जहाजों के लिए आग का खतरा अधिक है, लेकिन सबसे गंभीर खतरा तेल और गैस कैरियर जहाजों से है।
- 2020 का उदाहरण – New Diamond:
- Very Large Crude Carrier (VLCC) New Diamond पर आग लगी थी, जो भारतीय तेल निगम के लिए तेल ले जा रहा था।
- भारतीय कोस्ट गार्ड और नौसेना ने मिलकर इस आग को बुझाया था, जिसमें 2,70,000 टन कच्चा तेल था।
- तेल फैलाव और जहाजों का त्वरित उबारना:
- डूबे जहाजों का त्वरित उबारना और तेल फैलाव को नियंत्रित करना आवश्यक है, जिसके लिए प्रभावी बहु-एजेंसी समन्वय की जरूरत है।
Source: The Hindu