जल जीवन मिशन (JJM) की पहली ऑडिट: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने जल जीवन मिशन की पहली व्यापक प्रदर्शन ऑडिट शुरू की है।
यह ऑडिट वित्त वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक की अवधि को कवर कर रही है।
यह ऑडिट राष्ट्रीय स्तर पर नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर की जा रही है क्योंकि मिशन का कार्यान्वयन राज्यों द्वार राज्यों में फील्डवर्क पूरा हो गया है और कुछ राज्यों में रिपोर्ट लेखन का कार्य जारी है।
दो राज्यों की रिपोर्ट पहले ही CAG मुख्यालय पहुंच चुकी है। योजना निर्माण, वित्तीय प्रदर्शन, और लागत वृद्धि के कारणों की भी जांच की जा रही है।
अंतिम रिपोर्ट संबंधित राज्यों की विधानसभाओं में प्रस्तुत की जाएगी।
MGNREGS की ऑडिट भी जारी: मनरेगा की भी समानांतर ऑडिट चल रही है; पिछली बार इसकी राष्ट्रव्यापी ऑडिट 2013 में हुई थी।
JJM से पहले की योजना (NRDWP) की ऑडिट 2018 में की गई थी, जो 2012 से 2017 की अवधि को कवर करती थी।
मिशन के तहत अब तक 6.4 लाख जल आपूर्ति योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं जिनकी कुल अनुमानित लागत ₹8.29 लाख करोड़ है — जो मूल ₹3.6 लाख करोड़ के बजट से कहीं अधिक है।
जल शक्ति मंत्रालय ने केंद्र से ₹2.79 लाख करोड़ अतिरिक्त फंड की मांग की थी, लेकिन व्यय वित्त समिति ने केवल ₹1.51 लाख करोड़ की सिफारिश की।
टेंडर नियमों में बदलाव के कारण व्यय नियंत्रण कमजोर हुआ, जिससे 14,586 योजनाओं की लागत में ₹16,839 करोड़ (14.58%) की वृद्धि हुई।
CAG ने अन्य केंद्रीय योजनाओं जैसे कि उच्च शिक्षा अभियान, निर्माण श्रमिक कल्याण योजना, ग्रीन इंडिया मिशन और स्मार्ट सिटी मिशन की भी ऑडिट शुरू की है।
Source: Indian Express