RBI MPC बैठक की घोषणाएँ जून 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक की छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर में अपेक्षा से कहीं ज़्यादा 50 आधार अंकों की कटौती करके इसे 5.50 प्रतिशत कर दिया है, जो फरवरी 2025 के बाद से लगातार तीसरी कटौती है।

MPC के इस कदम का उद्देश्य विकास की संभावनाओं को बढ़ावा देना है क्योंकि मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है। दर में कटौती से उधारकर्ताओं, विशेष रूप से गृह ऋण लेने वालों को लाभ होगा, जबकि जमाकर्ता और बचतकर्ता आने वाले महीनों में अपने बैंक जमा पर कम रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।

केंद्रीय बैंक ने बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात में भी 100 आधार अंकों की कटौती करके इसे 3 प्रतिशत कर दिया, जिससे बैंकिंग प्रणाली को 2.5 लाख करोड़ रुपये के उधार योग्य संसाधन जारी हो गए।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता वाली MPC ने आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए अपने नीतिगत रुख को ‘समायोजनकारी’ से बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया है।

RBI के इस दर में कटौती के फैसले से उधार लेने और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे विकास दर में वृद्धि होगी।

नीति आयोग ने विकास अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, लेकिन चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

खुदरा महंगाई में गिरावट

अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई 3.2% रही, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। मार्च में CPI 3.3% थी। लगातार तीसरे महीने 4% के लक्ष्य से नीचे।

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी ने CPI को नीचे लाने में मुख्य भूमिका निभाई।

RBI का मुद्रास्फीति लक्ष्य

लचीलापन आधारित मुद्रास्फीति लक्ष्य (FIT) के तहत CPI को 4% (+/- 2%) के भीतर रखना अनिवार्य है।

आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता

चालू वित्त वर्ष में GDP वृद्धि का अनुमान 6.5% है।

अमेरिका के साथ व्यापार शुल्क विवाद के कारण अनिश्चितता है।

MPC (Monetary Policy Committee) ने कहा कि “रेट कट को अग्रिम रूप से लागू करना जरूरी है।”

रेट कट का असर उधारकर्ताओं और जमाकर्ताओं पर

उधारकर्ताओं के लिए राहत

रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती से होम लोन और पर्सनल लोन की EMI घटेगी।

प्रति लाख पर EMI में ₹800 से ₹1,200 तक की कमी संभव।

बैंकों की ब्याज दरों में बदलाव

बैंकों ने अपनी repo-linked lending rates और MCLR में भी कटौती की है।

जमाकर्ताओं पर असर

जमा पर ब्याज दरों में भी गिरावट संभव है।

बचत खाते पर ब्याज दर पहले से ही करीब 2.7% है जो और कम हो सकती है।

बॉन्ड बाजार को फायदा

ब्याज दरों में गिरावट से बॉन्ड की कीमतें बढ़ेंगी।

गवर्नमेंट सिक्योरिटीज पर यील्ड घटने की उम्मीद।

RBI द्वारा GDP और मुद्रास्फीति का नया अनुमान (FY2025-26)

CPI मुद्रास्फीति

नया अनुमान: 3.7% (पहले 4% था)

कारण: आपूर्ति श्रृंखला में सुधार, ग्लोबल कमोडिटी प्राइस में गिरावट और अच्छे मानसून की संभावना।

GDP वृद्धि

FY2025-26 का अनुमान: 6.5%

जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में विकास दर: 7.4%

FY2024-25 में GDP वृद्धि दर: 6.5% (पिछले 4 वर्षों में सबसे कम)

RBI की वार्षिक रिपोर्ट

निजी उपभोग में सुधार, बैंकों और कंपनियों की मजबूत बैलेंस शीट, और सरकारी पूंजीगत व्यय की वजह से भारत 2025-26 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

Source: Indian Express