पिछले 12 महीनों में 71% भारतीयों ने भीषण गर्मी का सामना किया: अध्ययन

सर्वेक्षण का आयोजन:

  • यह सर्वेक्षण Yale Program on Climate Change Communication (YPCCC) और CVoter (न्यू दिल्ली स्थित अंतरराष्ट्रीय सर्वे कंपनी) द्वारा किया गया।
  • 10,751 वयस्कों का सर्वेक्षण 5 दिसंबर 2024 से 18 फरवरी 2025 के बीच किया गया।

मुख्य बिंदु:

  • 71% भारतीयों ने पिछले 12 महीनों में तीव्र गर्मी की लहरों का अनुभव किया।
  • भारतीयों ने जल संकट, बाढ़, असमान मानसून पैटर्न और अन्य चरम मौसम घटनाओं का अनुभव किया।

चरम मौसम घटनाएँ:

  • 71% भारतीयों ने गंभीर हीट वेव्स का सामना किया।
  • 60% ने कृषि कीट और रोगों का सामना किया।
  • 59% ने बिजली कटौती, 53% ने जल प्रदूषण, 52% ने सूखा और जल संकट का सामना किया।
  • 52% ने गंभीर वायु प्रदूषण का सामना किया।

भारतीयों की चिंताएँ:

  • 61% भारतीयों को पौधों और जानवरों की प्रजातियों के विलुप्त होने की चिंता है।
  • 56% को गंभीर हीट वेव्स, 62% को कृषि कीट और रोगों, 58% को सूखा और जल संकट, 55% को जल प्रदूषण, और 54% को वायु प्रदूषण की चिंता है।
  • 51% भारतीयों को अकाल और खाद्य संकट की भी चिंता है।

वैश्विक तापमान वृद्धि (Global Warming) पर विचार:

  • 64% भारतीयों ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण पौधों और जानवरों की प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं।
  • 62% ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से गर्मी की लहरें अधिक हो रही हैं।
  • 60% का मानना है कि यह सूखा और जल संकट पैदा कर रहा है, और 59% को लगता है कि यह गंभीर वायु प्रदूषण का कारण बन रहा है।
  • 54% भारतीयों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण गंभीर चक्रवात, बाढ़ और तूफान बढ़ रहे हैं।

जागरूकता और भविष्य की चुनौती:

  • 32% भारतीयों ने ग्लोबल वार्मिंग के बारे में कभी नहीं सुना।
  • रिपोर्ट के अनुसार, यह निष्कर्ष सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाते हैं, ताकि लोग जलवायु परिवर्तन और उसके स्थानीय प्रभावों के बारे में अधिक जान सकें।
  • कार्बन प्रदूषण को कम करने और भविष्य में आने वाली चरम घटनाओं के लिए तैयार रहने की तत्काल आवश्यकता है।

Source: The Hindu