लोक लेखा समिति ने पर्यटन मंत्रालय को स्वदेश दर्शन योजना की खामियों की आलोचना की

वरिष्ठ कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) ने केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय को उसकी प्रमुख योजना “स्वदेश दर्शन” की खराब कार्यान्वयन प्रक्रिया को लेकर कड़ी आलोचना की। यह योजना वर्ष 2014-15 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य थीम-आधारित पर्यटक मार्गों (theme-based tourist circuits) का विकास करना था।

योजना के तहत परियोजनाएं और वित्तीय व्यय

2014-15 से 2018-19 के बीच, इस योजना के तहत 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं पर ₹5,292.57 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी।

हालांकि, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक ऑडिट रिपोर्ट में इस योजना के क्रियान्वयन में गंभीर खामियां पाई गईं। PAC ने इसी रिपोर्ट की समीक्षा बैठक के दौरान पर्यटन मंत्रालय की जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया शुरू की।

CAG रिपोर्ट में उजागर हुई कमियां

सीएजी की रिपोर्ट में योजना के निर्माण और क्रियान्वयन में गंभीर खामियों को उजागर किया गया, जिसमें निम्नलिखित मुद्दे शामिल थे:

  1. पूर्व-अध्ययन (Feasibility Study) का अभाव – योजना शुरू करने से पहले कोई व्यावहारिकता अध्ययन नहीं किया गया।
  2. खराब योजना के कारण बजट की अधिकता – स्वीकृत बजट से अधिक खर्च हुआ।
  3. डीपीआर (Detailed Project Reports) के बिना मंजूरी – कई परियोजनाओं को बिना विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) के ही मंजूरी दे दी गई।
  4. कोई औपचारिक मूल्यांकन और अनुमोदन तंत्र नहीं – परियोजनाओं को मंजूरी देने और क्रियान्वयन की कोई ठोस प्रक्रिया नहीं थी।
  5. समय सीमा के भीतर परियोजनाएं पूरी नहीं हुईं – अधिकांश परियोजनाओं का कार्य निर्धारित समय में पूरा नहीं हुआ।

समिति की बैठक में पर्यटन मंत्रालय के दावों का खंडन

समिति की बैठक के दौरान, पर्यटन मंत्रालय की ओर से सचिव वी. विद्यातथी, अतिरिक्त सचिव सुमन बिल्ला और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के महानिदेशक यादवबीर सिंह रावत उपस्थित थे।

मंत्रालय ने दावा किया कि 76 में से 75 परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है।

हालांकि, समिति के सदस्यों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि कई परियोजनाएं या तो अधूरी हैं या फिर गैर-कार्यशील हैं। इनमें कुछ प्रमुख परियोजनाएं हैं:

  1. बिहार का कांवड़िया मार्ग (Kanwaria Route)
  2. तेलंगाना में जनजातीय सर्किट (Tribal Circuit)
  3. केरल में श्री नारायण गुरु आश्रम (Sree Narayana Guru Ashram)

समिति के सदस्यों ने पर्यटन मंत्रालय पर तथ्यों को छुपाने और गुमराह करने के प्रयास का आरोप लगाया।

पर्यटन मंत्रालय को दिए गए निर्देश

लोक लेखा समिति ने पर्यटन मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि वे तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत और व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस रिपोर्ट में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं:

  1. सभी परियोजनाओं की भौतिक स्थलीय निरीक्षण (Physical Field Inspection) रिपोर्ट।
  2. यथार्थ स्थिति (Actual Status) – कौन-सी परियोजनाएं पूर्ण हुईं, कौन-सी लंबित हैं, और कितनी कार्यशील हैं।
  3. परियोजनाओं की वर्तमान रखरखाव और परिचालन स्थिति (Current Maintenance and Operational Status)।
  4. परियोजनाओं के क्रियान्वयन और समन्वय की स्थिति (Coordination and Implementation Status)।
  5. योजना के कारण उत्पन्न रोजगार के अवसरों (Employment Generation Impact) की जानकारी।
  6. पर्यटन की दृष्टि से पर्यटक आवागमन (Tourist Footfall) का संकलन।

समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि मंत्रालय संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहता है, तो आगे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

निष्कर्ष

स्वदेश दर्शन योजना को लेकर पर्यटन मंत्रालय की कार्यशैली पर PAC की रिपोर्ट गंभीर सवाल खड़े करती है। केंद्र सरकार की इस प्रमुख योजना के क्रियान्वयन में बड़ी चूक देखी गई है, जिससे पर्यटन क्षेत्र को लाभ पहुंचाने की बजाय सरकारी धन का अनियोजित और अपारदर्शी उपयोग हुआ है। अब समिति द्वारा मांगी गई रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि योजना अपने उद्देश्य में कितनी सफल रही और इसमें हुई खामियों को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

Source: The Hindu