केंद्रीय बजट 2025-26: मुख्य बिंदु

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार, 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। इस बजट में देश की आर्थिक प्रगति के लिए चार मुख्य विकास इंजन बताए गए हैं:

  1. कृषि (Agriculture)
  2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME)
  3. निवेश (Investments)
  4. निर्यात (Exports)

वित्त मंत्री ने कहा कि इन चार विकास इंजनों को गति देने के लिए सुधार (Reforms) ईंधन का काम करेंगे, समावेशिता (Inclusivity) मार्गदर्शक सिद्धांत होगी और विकसित भारत (Viksit Bharat) लक्ष्य होगा।

इसके अलावा, सरकार छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधार लाने जा रही है:

  1. कर प्रणाली (Taxation)
  2. बिजली क्षेत्र (Power Sector)
  3. शहरी विकास (Urban Development)
  4. खनन क्षेत्र (Mining)
  5. वित्तीय क्षेत्र (Financial Sector)
  6. नियामकीय सुधार (Regulatory Reforms)
1. कृषि क्षेत्र (Agriculture)
  • दालों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए विशेष योजना लागू की जाएगी। अरहर (Toor), उड़द (Urad) और मसूर (Masur) की उत्पादन और खरीद पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • बिहार में मखाना बोर्ड बनाया जाएगा, जिससे मखाना की खेती और बाजार में सुधार होगा। बिहार देश के 85% मखाना उत्पादन के लिए जिम्मेदार है।
  • ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन’ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य गांवों में रोजगार बढ़ाना और पलायन को कम करना है। इसमें महिलाओं, छोटे किसानों और भूमिहीन मजदूरों को प्राथमिकता मिलेगी।
  • राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन शुरू किया जाएगा, जिससे 100 से अधिक नई बीज किस्में बाजार में उपलब्ध कराई जाएंगी, जो अधिक उपज देने वाली, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल होंगी।
  • कपास (Cotton) किसानों के लिए 5 साल का ‘कॉटन उत्पादकता मिशन’ लॉन्च किया जाएगा।
  • मछली पालन क्षेत्र में सुधार के लिए अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप को विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • कृषि क्षेत्र में नए सुधार:
    • प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) शुरू होगी, जो पहले चरण में 100 जिलों में लागू होगी।
    • भारत डाक (India Post) को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाया जाएगा।
    • केसीसी (Kisan Credit Card) के तहत ऋण सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी जाएगी।
    • असम (Namrup) में नया यूरिया प्लांट बनेगा, जिससे देश में यूरिया उत्पादन बढ़ेगा।
2. MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)
  • MSME की परिभाषा में बदलाव:
    • निवेश और टर्नओवर की सीमा को 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ाया जाएगा।
  • क्रेडिट गारंटी में वृद्धि:
    • छोटे उद्यमों के लिए गारंटी कवर ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ कर दिया गया।
    • स्टार्टअप्स के लिए गारंटी कवर ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹20 करोड़ किया गया।
    • निर्यातक MSMEs को ₹20 करोड़ तक के टर्म लोन पर गारंटी मिलेगी।
  • 10 लाख माइक्रो इंडस्ट्रीज़ को ₹5 लाख तक का कस्टमाइज़्ड क्रेडिट कार्ड मिलेगा।
  • महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के नए उद्यमियों को ₹2 करोड़ तक के टर्म लोन मिलेंगे।
  • खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ‘Make in India’ को प्रमोट किया जाएगा।
  • बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Food Technology) स्थापित होगा।
  • राष्ट्रीय निर्माण मिशन (National Manufacturing Mission) लॉन्च होगा, जो सौर ऊर्जा, ईवी बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर्स, हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन उपकरण आदि क्षेत्रों को बढ़ावा देगा।
3. निवेश (Investments)
  • जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) को 2028 तक बढ़ाया जाएगा।
  • ₹1 लाख करोड़ का शहरी चुनौती कोष (Urban Challenge Fund) बनाया जाएगा।
  • ₹20,000 करोड़ का ‘न्यूक्लियर एनर्जी मिशन’ लॉन्च किया जाएगा।
  • ‘राष्ट्रीय समुद्री विकास कोष’ (Maritime Development Fund) में ₹25,000 करोड़ का निवेश होगा।
  • बिहार के लिए:
    • नई ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स विकसित किए जाएंगे।
    • पश्चिमी कोशी नहर परियोजना को वित्तीय सहायता मिलेगी।
  • दूसरा जीन बैंक (Gene Bank) स्थापित होगा, जिसमें 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनें संग्रहित की जाएंगी।
  • बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
4. निर्यात (Exports)
  • निर्यात प्रोत्साहन मिशन (Export Promotion Mission) शुरू किया जाएगा।
  • ‘भारत ट्रेडनेट’ (BharatTradeNet) नाम से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा।
  • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भागीदारी बढ़ाने के लिए योजनाएं लागू की जाएंगी।
  • ‘राष्ट्रीय ढांचा फ्रेमवर्क’ (National Framework for GCC) तैयार किया जाएगा।
  • हवाई कार्गो बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा।
कर प्रणाली में सुधार (Tax Reforms)

1. अप्रत्यक्ष कर (Indirect Taxes)

  • 36 जीवनरक्षक दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) हटा दी गई।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरियों, जहाज निर्माण, निर्यात उद्योगों के लिए कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई।

2. प्रत्यक्ष कर (Direct Taxes)

  • वरिष्ठ नागरिकों और किराए पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई गई।
  • अपडेटेड रिटर्न फाइलिंग की सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी गई।
  • स्टार्टअप्स को 5 साल तक टैक्स में छूट मिलेगी।
  • टीडीएस (TDS) की जटिलताओं को कम किया गया।

राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) और बजट अनुमा
  • 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा 4.8% और 2025-26 के लिए 4% अनुमानित है।
  • कुल बजट खर्च ₹50.65 लाख करोड़ होगा।
  • बाजार से ₹14.82 लाख करोड़ का उधार लिया जाएगा।

Source: Indian Express

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