मध्यकालीन भारत वन लाइनर – 3
खिलजी वंश ( 1290-1320 ई.)
जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ( 1290-96 ई.)
⇒ खिलजी कौन थे – तुर्क थे
⇒ खिलजी वंश का प्रथम शासक कौन था – जलालुद्दीन फिरोज खिलजी
⇒ जलालुद्दीन फिरोज खिलजी का किलोखरी में राज्याभिषेक किस सन् में हुआ था – 1290 ई. में
⇒ जलालुद्दीन ने अपना राज्याभिषेक कहाँ पर करवाया था – किलोखरी में
⇒ किस शासक ने विचार दिया कि राज्य वास्तव में एक इस्लामी राज्य नहीं हो सकता है – जलालुद्दीन खिलजी ने
⇒ किस शासक ने विचार दिया कि राज्य वास्तव में एक इस्लामी राज्य नहीं हो सकता है – जलालुद्दीन खिलजी ने
⇒ किस सल्तनतकालीन शासक की आज्ञा से ‘सीदी मौला’ नामक एक दरवेश को केवल राजद्रोह के सन्देह पर फांसी दे दी गई थी – जलालुद्दीन खिलजी की आज्ञा से
⇒ नव मुसलमान कौन थे – दिल्ली के पास बसे मंगोलों के वंशज जिन्होंने इस्लाम स्वीकार कर लिया था
⇒ जलालुद्दीन फिरोज खिलजी के शासन-काल में कौन ‘नवीन मुस्लिम’ कहलाए थे – मंगोल
⇒ जलालुद्दीन फिरोज खिलजी के विरुद्ध विद्रोह करने वाला कड़ा मानिकपुर का गवर्नर कौन था
– मलिक छज्जू
⇒ किस इतिहासकार का कथन है – “जलालुद्दीन दिल्ली का प्रथम तुर्की सुल्तान था, जिसने उदार निरंकुशवाद के आदर्श को अपने सामने रखा था” – डॉ. ए.एल. श्रीवास्तव ने
अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ई.)
⇒ अलाउद्दीन ने अपने चाचा जलालुद्दीन खिलजी की हत्या कहाँ पर की थी – कड़ा में
⇒ किस स्थान पर अलाउद्दीन खिलजी ने स्वयं को सुल्तान घोषित किया अथवा सिंहासन पर स्वयं को आसीन किया था – कड़ा में
⇒ अलाउद्दीन खिलजी को मलिक काफूर नामक दास कहाँ से प्राप्त हुआ था – गुजरात से
⇒ किसे ‘हजार दीनारी’ की पदवी दी गई थी – मलिक काफुर को
⇒ मलिक काफूर, एक योग्य सेनानायक, किस शासक के अधीन कार्यरत था – अलाउद्दीन खिलजी के अधीन
⇒ किस सुल्तान के विरुद्ध हाजी मौला ने विद्रोह किया था – अलाउद्दीन खिलजी के विरुद्ध
⇒ किस सुल्तान को पहले ‘अली गुरशास्प’ (गुर्रशप) के नाम से जाना जाता था – अलाउद्दीन खिलजी को
⇒ कौन-सा सुल्तान नया धर्म चलाना चाहता था, किन्तु उलेमा लोगों ने विरोध किया था
– अलाउद्दीन खिलजी
⇒ दिल्ली के किस सुल्तान ने ‘सिकंदर सानी’ की उपाधि धारण की थी – अलाउद्दीन खिलजी ने
⇒ अलाउद्दीन द्वारा दिल्ली में मद्य निषेध के आदेश का प्रमुख कारण क्या था – राजनैतिक
⇒ दिल्ली का वह प्रथम सुल्तान कौन था, जिसने धर्म पर राज्य का नियंत्रण स्थापित किया था –
अलाउद्दीन खिलजी
⇒ अलाउद्दीन खिलजी का राजत्व सिद्धान्त किस पर आधारित था – राजत्व के दैवी सिद्धान्त पर
⇒ “मैं लोगों को ऐसे हुक्म देता हूँ, जो राज्य के लिए लाभकारी समझता हूँ। मैं नहीं जानता हूँ कि वे शरीयत द्वारा अनुमत है अथवा नहीं।” यह कथन किसने कहा था – अलाउद्दीन खिलजी
⇒ “जब उसने राजत्व (Kingship) प्राप्त किया, तो वह शरियत के नियमों और आदेशों से पूर्णतया स्वतंत्र था।” बरनी ने यह कथन किस सुल्तान के लिए कहा था – अलाउद्दीन खिलजी के लिए
⇒ वह सुल्तान जो अधिराजत्व में विश्वास करता था, न कि प्रभुसत्ता पर कौन था – अलाउद्दीन खिलजी
⇒ अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में वह कौन-सा प्रथम राज्य था, जिसके विरुद्ध अलाउद्दीन खिलजी ने हमले की शुरुआत की थी – गुजरात
⇒ गुजरात के बघेल राजवंश का वह अंतिम शासक कौन था, जिसकी हार के बाद, अलाउद्दीन खिलजी को राज्य दिया गया था – कर्ण देव
⇒ अलाउद्दीन खिलजी को मलिक काफुर नामक दास कहाँ से प्राप्त हुआ था – गुजरात से
⇒ अलाउद्दीन खिलजी ने किसे ‘हजार दीनारी’ की पदवी दी गई थी – मलिक काफुर को
⇒ मलिक काफूर, एक योग्य सेनानायक, किस शासक के अधीन कार्यरत था – अलाउद्दीन खिलजी के
⇒ किस सुल्तान के विरुद्ध हाजी मौला ने विद्रोह किया था – अलाउद्दीन खिलजी के विरुद्ध
⇒ रानी पद्मिनी का नाम अलाउद्दीन की चित्तौड़ विजय से जोड़ा जाता है। उनके पति का क्या नाम था – राणा रतन सिंह
⇒ अलाउद्दीन खिलजी ने अपने बेटे खिज्र खान के नाम पर किस शहर का नाम खिज्राबाद रखा था – चित्तौड़ का
⇒ कौन-सा फारसी इतिहासकार अलाउद्दीन खिलजी के साथ चित्तौड़ अभियान में गया था – अमीर खुसरो
⇒ विन्ध्याचल की पहाड़ियों को पार करने वाला प्रथम तुर्क सुल्तान कौन था – अलाउद्दीन खिलजी
⇒ पहला मुस्लिम शासक कौन था, जिसका साम्राज्य भारत के सुदूर दक्षिण सहित लगभग सम्पूर्ण भारत में फैला था – अलाउद्दीन खिलजी का
⇒ अलाउद्दीन का दक्षिण भारत पर पहली बार कब आक्रमण हुआ था – 1296 ई० में
⇒ दिल्ली का प्रथम मुस्लिम शासक कौन था, जिसने दक्कन कोभेदा था – अलाउद्दीन खिलजी ने
⇒ वह पहला मुसलमान जिसने दक्षिण को जीता था – अलाउद्दीन खिलजी
⇒ अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरि का शासक कौन था – रामचन्द्र देव
⇒ अलाउद्दीन खिलजी ने किसे ‘रायरायन’ की उपाधि दी थी – राजा को नवसारी की जागीर व देवगिरि के रामचन्द्र देव को
⇒ किसने मलिक काफूर के दक्षिणी अभियानों का सर्वाधिक आधिकारिक विवरण दिया – अमीर खुसरो ने
⇒ किसने मलिक काफूर के दक्षिणी अभियानों का सर्वाधिक आधिकारिक विवरण दिया है
– अमीर खुसरो ने
⇒ अलाउद्दीन खिलजी का दक्षिण भारत के अभियान का क्या उद्देश्य था – धन प्राप्ति के उद्देश्य से
⇒ किसने दक्षिण भारत में अलाउद्दीन खिलजी के प्रभुत्व को स्वीकार नहीं किया था – पाण्ड्य ने
⇒ अलाउद्दीन के आक्रमण के समय वारंगल पर किस राजवंश का शासन था – काकतीय राजवंश का
⇒ 1303 ई० में काकतीय शासकों की सेना ने किसकी सेना को वारंगल में परास्त किया था
– अलाउद्दीन खिलजी की सेना को
⇒ दिल्ली के किस सुल्तान ने सर्वाधिक मंगोल आक्रमणों का सामना किया था – अलाउद्दीन खिलजी ने
⇒ किस मंगोल सेनापति ने अलाउद्दीन खिलजी को हराया था – तरगी ने
⇒ अलाउद्दीन खिलजी द्वारा एक ही दिन में बड़ी संख्या में ‘नवीन मुसलमानों’ का कत्लेआम करने की कार्यवाही का विवरण किसने दिया है – इसामी तथा बरनी ने
⇒ मंगोल आक्रमणकारी कुतलुग ख्वाजा ने भारत पर किसके शासनकाल में आक्रमण किया था – अलाउद्दीन के समय
⇒ मंगोलों को पराजित करने में अलाउद्दीन के किस सेनानायक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी –
जफर खाँ ने
⇒ अलाउद्दीन के सेनापति जफर खान ने दो मंगोल आक्रमणों/ आक्रमणकारियों का कब सामना किया था – 1298, 1299 ई० में
⇒ जफर खाँ नामक प्रसिद्ध वीर, जो मंगोल आक्रमणकारियों से युद्ध करते हुए मारा गया और ‘रुस्तम’ के नाम से जाना जाता था, किस शासक का अभिन्न मित्र था – अलाउद्दीन खिलजी का
⇒ अलाउद्दीन खिलजी के प्रसिद्ध सेनापतियों में किसकी मंगोलों के विरुद्ध लड़ते हुए मृत्यु हुई थी
– जफर खाँ की
⇒ 1306 ई० के बाद अलाउद्दीन खिलजी के समय में दिल्ली के सुल्तान तथा मंगोलों के बीच सीमा क्या थी – रावी नदी
⇒ अलाउद्दीन खिलजी की विजयों का सही क्रम है – गुजरात (1298 ई०), रणथम्भौर ( 1301 ई०), चित्तौड़ ( 1303 ई०), तेलंगाना (1309ई० )
⇒ कौन-से चार खान अलाउद्दीन खिलजी के अति विश्वसनीय थे – अल्प खाँ, उलूग खाँ, नुसरत खाँ, जफर खाँ
⇒ किस शासक ने विचार दिया कि राज्य वास्तब में एक इस्लामी राज्य नहीं हो सकता है – अलाउद्दीन खिलजी ने
⇒ किस सुल्तान ने ‘द्वितीय सिकन्दर’ की उपाधि धारण की थी – अलाउद्दीन खिलजी ने
⇒ जालौर के राजा कान्हड़देव के विरुद्ध युद्ध में किसने अपने महल की नौकरानी गुले बिहिश्त की अध्यक्षता में सेना भेजी थी – अलाउद्दीन खिलजी ने
⇒ किस शासक ने विचार दिया कि राज्य वास्तव में एक इस्लामी राज्य नहीं हो सकता है – अलाउद्दीन खिलजी ने
⇒ किस सुल्तान ने ‘द्वितीय सिकन्दर’ की उपाधि धारण की थी – अलाउद्दीन खिलजी ने
⇒ जालौर को विजित करके अलाउद्दीन ने जालौर का क्या नाम रखा – जलालाबाद
⇒ यह किसने लिखा है कि “अलाउद्दीन खिलजी इतना रक्त बहाने का दोषी है, जितना की फैरों ने भी कभी नहीं बहाया था” – बरनी
⇒ अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु के पश्चात कौन सुल्तान बना था – शिहाबुद्दीन उमर
मुबारकशाह खिलजी (1316-1320 ई.)
⇒ कुतुबुद्दीन मुबारकशाह दिल्ली का सुल्तान कब बना था – 1316 ई० में
⇒ किसने “खलीफतुल्लाह” की उपाधि धारण की थी – मुबारकशाह खिलजी ने
⇒ वह कौन-सा दिल्ली का सुल्तान था, जिसने स्वयं खलीफा की उपाधि धारण की थी – कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी
⇒ मुबारकशाह के विषय में किसने लिखा है “वह कभी-कभी नग्न होकर अपने दरबारियों के बीच में दौड़ा करता था – बरनी ने
⇒ किस सुल्तान ने ‘खलीफा-ए-रब्बुल-आलमीन’ की उपाधि धारण की थी – मुबारकशाह खिलजी ने
⇒ दिल्ली सल्तनत के किस वंश ने सबसे कम समय तक शासन किया था – खिलजी वंश ने