विजयनगर साम्राज्य
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संगम वंश
संगम वंश के प्रारंभिक शासकों की जानकारी कहाँ से मिलती है ‘वेगर वेल्लसी दानपत्र’ एवं ‘चित्रगुण्ट अनुदान पत्र’ से
विजयनगर में शासन करने वाला पहला राजवंश कौन था -fसंगम वंश
विजयनगर की स्थापना कब हुई थी- 1336 में
विजयनगर साम्राज्य का संस्थापक कौन था -हरिहर व बुक्का
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना से पूर्व हरिहर और बुक्का किसकी सेवा में थे- काकतीय शासक प्रताप रूद्र देव द्वितीय की
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसके शासनकाल में हुई- मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में
हरिहर और बुक्का द्वारा स्थापित राजवंश को संगम राजवंश के नाम से जाना जाता है, क्योंकि
हरिहर और बुक्का के पिता का नाम संगम था
हरिहर एवं बुक्का ने किसके प्रभाव में आकर विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की थी
– विद्यारण्य के
हरिहर और बुक्का को इस्लाम धर्म से पुनः हिंदू धर्म में किसने दीक्षित किया था- संत विद्यारण्य ने
किस सन्त ने विजयनगर की स्थापना में सहायता और वरदान दिया था- श्रृंगेरी के विद्यारण्य ने
विजयनगर राज्य की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था-एक शक्तिशाली हिंदू राज्य की स्थापना करना
मदुरा विजय किसने की थी- बुक्का प्रथम ने
विजयनगर के किस शासक ने ‘वेदमार्ग प्रतिष्ठापक’ की उपाधि धारण की थी- बुक्का प्रथम ने
विजयनगर के शासकों में से किसने चीन में राजदूत भेजा था- बुक्का प्रथम ने
विजयनगर के किस शासक के समय विजयनगर और बहमनी साम्राज्य में संघर्ष की शुरूआत हुई
– हरिहर प्रथम के समय
विजयनगर शासकों में से वह प्रथम शासक कौन था जिसने ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की थी- हरिहर द्वितीय ने
हरिहर द्वितीय ने अपने एक शिलालेख में बुक्का प्रथम की सैन्य उपलब्धियों का विस्तृत विवरण दिया है। यह शिलालेख कौन- सा है
– चन्नराय पट्टन शिलालेख
विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने फिरोजशाह बहमनी को पराजित किया था
– देवराय प्रथम ने
विजयनगर के किस राजा ने तुंगभद्रा नदी पर बाँध बनवाकर अनेक नहरों का निर्माण करवाया था- देवराय प्रथम ने
‘सोनार की बेटी’ नामक युद्ध किसके किसके बीच हुआ था – फिरोजशाह बहमनी और देवराय प्रथम के बीच
विजयनगर के किस शासक को अपनी पुत्री का विवाह बहमनी के शासक फिरोजशाह से करना पड़ा था – देवराय प्रथम को
विजयनगर राजाओं में से किसने मुसलमान लड़ाकों को सेना में भर्ती करना आरंभ किया था -देवराय प्रथम ने
विजयनगर राजाओं में से सर्वप्रथम किसने अश्वसेना के महत्व को पहचाना तथा फारस एवं अरब से बड़ी संख्या में घोड़े खरीदे थे -देवराय प्रथम ने
विजयनगर के किस शासक ने ‘गजबेटकर’ की पदवी धारण की थी- देवराय द्वितीय ने
विजयनगर के किस राजा को ‘इम्माडि देवराय’ भी कहा जाता था – देवराय द्वितीय को
सालुव वंश
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सालुव राजवंश का संस्थापक कौन था – नरसिंह सालुव
तुलुव वंश
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तुलुव वंश की स्थापना किसने और कब की थी – वीर नरसिंह ने, 1505 ई.में
विजयनगर के वीर नरसिंह के संबंध में सही कथन है
– उसने अपनी प्रजा की भलाई में अपना योगदान दिया -उसने अपनी प्रजा में युद्धवत भावना जागृत की – उसके काल में अशांति रही
कृष्णदेव राय विजयनगर की शासन सत्ता पर कब आसीन हुआ था – 1509 ई. में
तुलुव शासक वीरनरसिंह के पश्चात तुलुव वंश का सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक कौन हुआ था – कृष्णदेव राय (1509 से 1529 ई. तक)
दक्षिणी भारत में विजयनगर साम्राज्य का विस्तार मुख्य रूप से किसने किया था – कृष्णदेव राय ने
कृष्णदेव राय के विषय में सही कथन हैं-
- विजयनगर के राजाओं में वह महानतम था 2.वह एक विद्वान शासक एवं कला तथा साहित्य का आश्रयदाता था
विजयनगर का सर्वश्रेष्ठ शासक कौन था- कृष्णदेव राय
“आन्ध्र भोज” की उपाधि किसने धारण की थी
– कृष्णदेव राय ने
‘यवनराजस्थापनाचार्य’ की उपाधि किस शासक ने धारण की थी- कृष्णदेव राय ने
“एक मुकुटधारी राजा को सदैव धर्म को दृष्टिगत रखते हुए शासन करना चाहिए। उसे कभी धर्म और न्याय की अवहेलना नहीं करनी चाहिए।” उपर्युक्त विचार किस राजा से संबंधित है
-कृष्णदेव राय से
किस एक वंशावली से विजयनगर साम्राज्य का प्रसिद्ध शासक कृष्णदेव राय संबद्ध है”- तुलुव वंश से
किस विद्वान राजा ने अष्ट दिग्गज विद्वानों को संरक्षण दिया था- कृष्णदेव राय ने
विजयनगर के किस राजा ने अपने शासनकाल में भूमि का विस्तृत सर्वेक्षण कराया था- कृष्णदेव राय ने
कृष्णदेव राय के विषय में सत्य कथन है
– उसने हजारा मंदिर का निर्माण करवाया – उसने उड़ीसा, गुलबर्गा तथा उदयगिरि पर अधिकार – किया
– उसका प्रधानमंत्री ‘महाप्रधान’ कहलाता था
विजयनगर के शासक कृष्णदेव राय ने कौन-सा नगर बसाया था-नागलापुर
तालिकोटा का युद्ध कब हुआ था-1565 ई. में
तालीकोटा के युद्ध के समय विजयनगर का शासक कौन था
बारबोसा लिखता है कि ‘राजा ऐसी स्वतंत्रता प्रदान करता है जिससे प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी कष्ट के अपनी इच्छानुसार आ और जा सकता है तथा अपने पंथ के अनुसार बिना किसी पूँछताछ के कि वह ईसाई, यहूदी, मुसलमान अथवा हिंदू है, रह सकता है। समता और न्याय सिर्फ शासक द्वारा ही नहीं बल्कि एक-दूसरे के प्रति लोगों द्वारा भी इसका पालन किया जाता है।’ यह शासक कौन था जिसके शासनकाल में राज्य सहिष्णु हुआ- कृष्णदेव राय
कृष्णदेव राय ने बहमनी के किस सुल्तान को कारागार से मुक्त करवा कर पुनः सिंहासन पर बैठाया- महमूदशाह को
किसके शासनकाल में पुर्तगाली यात्री नूनिज ने विजयनगर का भ्रमण किया था- अच्युत राय के सम
अरावीडु वंश
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जब राजा वाडियार ने मैसूर राज्य की स्थापना की तब विजयनगर साम्राज्य का शासक कौन था – वेंकट द्वितीय
प्रशासन
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विजयनगर राज्य की राजधानी के अवशेष कहाँ मिलते हैं-हम्पी में
विजयनगर साम्राज्य की पहली राजधानी अनेकोंड़ी थी। इसकी दूसरी राजधानी कहाँ थी
-पेनुकोण्डा
विजयनगर राज्य की समस्त शक्तियाँ किसमें केंद्रित थी -राजा में
विजयनगर साम्राज्य में राजा को क्या कहा जाता था – ‘राय’
विजयनगर साम्राज्य में मंत्रिपरिषद का प्रमुख क्या कहलाता था- महाप्रधानी
किसके माध्यम से विजयनगर साम्राज्य में राजा गाँवों पर अपना नियंत्रण स्थापित करता था- महानायकाचार्य के माध्यम से
विजयनगर साम्राज्य के प्रशासनिक विभाजन का सही क्रम क्या है- साम्राज्य, मण्डलम-कोट्टम (वलनाडु)-नाडु- मेलाग्राम-स्थल या सीमा-ग्राम
विजयनगर साम्राज्य में नायकों को राजा द्वारा प्रदान किया जाने वाला भूखण्ड (जागीर) क्या कहलाता था -amrm अमर m
विजयनगर साम्राज्य के प्रमुख प्रांतपति क्या कहलाते थे – नायक
विजयनगर साम्राज्य की सबसे बड़ी प्रशासनिक इकाई क्या थी -मण्डलम थी
विजयनगर साम्राज्य की प्रांतीय इकाई क्या थी – मण्डलम थी
विजयनगर साम्राज्य में कितने प्रांत या मण्डल थे- छः मण्डल थे
विजयनगर साम्राज्य में जिलों को क्या कहा जाता था – कोट्टम
पोलिगर कौन थे- विजयनगर राज्य में नायकों के मातहत सरदार
विजयनगर साम्राज्य की नायंकर व्यवस्था किस पर आधारित थीसल्तनतकालीन इक्ता व्यवस्था पर
नायंकारों की उच्छृंखलता का दमन करने के लिए किसके शासनकाल में महामण्डलेश्वर नामक एक अधिकारी की नियुक्ति की गई थी
– अच्युतदेवराय के शासनकाल में
विजयनगर साम्राज्य में ‘आयंगार’ व्यवस्था के अनुसार ग्राम प्रसर्वमान्यम्’
शासन के लिए कितने व्यक्तियों को राज्य नियुक्त करता था– बारह व्यक्तियों को
विजयनगर साम्राज्य में आयंगार किससे संबंधित थे- ग्राम प्रशासन से
विजयनगर साम्राज्य में राजा द्वारा योग्य सैनिक अधिकारियों को जो जागीरें प्रदान की जाती थी वे क्या कहलाती हैं
– ‘पडइप्पर्स विजयगर साम्राज्य में सैन्य विभाग को क्या कहा जाता था- कण्डाचार
कौन-सा एक स्थल समूह विजयनगर के पण्डिमण्डलम क्षेत्र को निरूपित करता है
– मदुरै, चिंगलपुट, दक्षिणी अर्काट, तिरुनेलवेलि
विजयनगर में सामाजिक और धार्मिक विषयों पर निर्णय कौन देते थे- समयाचार्य अथवा देशरि
विजयनगर राज्य में प्रांतपति, जो राजपरिवार के नहीं थे किंतु योग्यता के आधार पर नियुक्त किए जाते थे, प्रायः क्या कहलाते थे- दंडनायक
विजयनगर साम्राज्य के संबंध में सत्य कथन हैं
– विजयनगर साम्राज्य का राजनैतिक इतिहास विभिन्न राजवंशों के बदलाव एवं आंतरिक युद्धों का इतिहास है
– बहमनी सल्तनत एवं उसके उत्तराधिकारी राज्य विजयनगर साम्राज्य के लिए गंभीर खतरा बने रहे
विजयनगर साम्राज्य के विषय में सही कथन है
– राजा साम्राज्य का सर्वोच्च होता था
– कृषि व व्यापार समुन्नत दशा में थे
– ‘अथवन विभाग’ भू-राजस्व की व्यवस्था करता था
विजयनगर साम्राज्य की समग्र प्रशासनिक व्यवस्था की जानकारी कहाँ से मिलती है
– ‘हरिहर द्वितीय के चन्नराय पट्टन अभिलेख’ एवं मितर अभिलेख से
विजयनगर साम्राज्य के संदर्भ में सत्य कथन है
– विजयनगर साम्राज्य में संयुक्त शासक प्रणाली के भी उदाहरण मिलते हैं
आर्थिक जीवन
विजयनगर शासकों ने कृषि को किस प्रकार से बढ़ावा दिया था- बाँध एवं तड़ाग ( तालाब) निर्माण करके कृषि कार्य में विस्तार
विजयनगर साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में ‘शिष्ट’ क्या था-भू-राजस्व था
विजयनगर राज्य की आय का मुख्य साधन क्या था – भू-राजस्व
विजयनगर राज्य में भू-राजस्व कितना था
– उपज का 1/6 भाग
विजयनगर में ‘अथवन’ (अठानवे) क्या था
– भू-राजस्व विभाग
कौन-सी वस्तु थी जिसका विजयनगर साम्राज्य में बड़े पैमाने पर निर्यात होता था- काली मिर्च
विजयनगर साम्राज्य में आयातित होने वाली सर्वाधिक अकेली वस्तु क्या थी-घोड़े
विजयनगर साम्राज्य में पुलिस का वेतन किससे दिया जाता था- वेश्यालयों से होने वाली आय से
विजयनगर साम्राज्य के सदाशिव राय ने किसे व्यवसाय कर से मुक्त कर दिया था- नाइयों को
विजयनगर में ‘कसायिगुत्त’ नामक कर किस वर्ग पर लगाया गया था- बढईयों पर
विजयनगर की नायंकर पद्धति के अंतर्गत किनको भू-आवंटन किया जाता था
– वार्षिक शुल्क तथा सैन्य सेवा के बदले व्यक्तियों को
हरिहर द्वितीय ने कहाँ पर आक्रमण किया तथा कर की उगाही की थी- श्रीलंका से
कौन एक पुर्तगाली सिक्का था जो विजयनगर राज्य के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में प्रचलित था
– क्रुजेडो
‘देश में अधिकांशतः अच्छी कृषि जोत है एवं भूमि बहुत उपजाऊ है, सैन्य संख्या लगभग ग्यारह लाख है’ विजयनगर राज्य से संबंधित उपर्युक्त कथन किसका है- अब्दुर्रज्जाक का
अपनी घुड़सवार सेना को मजबूत बनाने के लिए वीर नरसिंह ने किनके साथ यह संधि की थी कि वह उनके द्वारा आयातित सभी घोड़ों को खरीद लेगा – पुर्तगाली व्यापारियों के साथ
विजयनगर साम्राज्य की कृषि व्यवस्था में ‘वारम’ क्या था- भू-स्वामी एवं किसान के बीच कृषि उपज की हिस्सेदारी
15वीं शताब्दी तथा 16वीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में विजयनगर अर्थव्यवस्था के सशक्त होने के लिए कौन-सा उत्तरदायी कारक था – कृषि विस्तार तथा निर्यातक व्यापार
विजयनगर राज्य में वाणिज्य की स्थिति के विषय में सही कथन है
- चेट्टी व्यापार के लिए मलाया द्वीपसमूह जाते थे
- मालाबारी सौदागर दासों का भी व्यापार
करते थे और विजयनगर राज्य से पोत भर-भर कर दास ले जाते थे
- समुद्र पार व्यापार अधिकांशतः विदेशियों के हाथ में था
विजयनगर साम्राज्य में ‘अमरम्’ शब्द का क्या अर्थ था- सैनिक भूसामंत को अनुदान
विजयनगर काल में वह भूमि क्या कहलाती थी जो युद्ध क्षेत्र में बहादुरी के लिए या मृत हुए सैनिकों के परिवार वालों को दी जाती थी – रक्त कोड़गै
साहित्य, भाषा एवं संस्कृति
विजयनगर राज्य की राजकीय भाषा क्या थी – तेलगू
कृष्णदेव राय के दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ कौन थे
– आठ तेलगू कवि
वैदिक ग्रन्थों के प्रसिद्ध टीकाकार सायण किनसे संबद्ध थे- विजयनगर राज्य से
‘पाण्डुरंग महात्म्यम’ की रचना किसने की थी
– तेनाली रामकृष्ण ने
विजयनगर साम्राज्य के शासक कृष्णदेव राय की अमुक्तमाल्यद का शाब्दिक अर्थ क्या है
मोतियों की माला
कौन महाभारत के तेलगू अनुवादों के लिए विख्यात है- नन्नय और टिक्कन
किसने ‘मनुचरित’ (स्वरोचित संभव) की रचना की जिसमेंविजयनगर साम्राज्य का विस्तृत विवरण मिलता है- अल्लासानी पेद्दना ने
‘वरदाम्बिका परिणयम्’ की रचना किसने की थी
– तिरुमलाम्बा देवी ने
विजयनगर साम्राज्य के विषय में विवरण देने वाली पुस्तकें कौन-सी हैं- अमुक्तमाल्यद, मनुचरितम् और रेहला
विजयनगर काल में किस लिपि का प्रयोग होता था- नंदिनागरी लिपि का
‘शिवतत्वचिन्तामणि’ की रचना किसने की थी
– लक्कन दण्डेश
संस्कृत भाषा की रचना ‘महासुधानिधि’ (नाटक) किसने लिखी थी- देवराय द्वितीय ने
संस्कृत भाषा की रचना ‘महासुधानिधि’ (नाटक) किसने लिखी थीदेवराय द्वितीय ने
‘शिवतत्वचिंतामणि’ जो लिंगायतों के सिद्धांतों एवं अनुष्ठानों से संबंधित एक प्रबंध है, किसके शासनकाल में लिखी गई थी- देवराय द्वितीय के समय
तेलगू कवि श्रीनाथ किसके राजदरबार की शोभा बढ़ाते थे- देवराय द्वितीय के दरबार की
प्रसिद्ध तेलुगु कवि श्रीनाथ को देवराय द्वितीय ने कौन-सी उपाधि प्रदान की थी- कवि सार्वभौम
‘वसुचरित्र’ किसने लिखा था- रामराज ने
विजयनगर साम्राज्य के प्रभुत्व-काल में किस टीका की रचना हुई -पराशर स्मृति पर माधव की टीका
इतिहासकार ‘राबर्ट सेवेल’ ने ‘ए फॉरगाटेन एम्पायर’ नामक पुस्तक लिखी है। इसमें किस राज्य का वर्णन है – विजयनगर साम्राज्य का
विदेशी यात्री
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इटली का निकोलो कोण्टी किसके शासन काल में भारत आया था-देवराय प्रथम के काल में
1420 ई. के लगभग विजयनगर पहुँचने वाला वेनिस का यात्री कौन था जो अपनी पत्नी के साथ यात्रा कर रहा था- निकोलो द कोण्टी
अब्दुर्रज्जाक ने किस सन में विजयनगर का भ्रमण किया था- 1443 ई. में
किसने अब्दुर्रजाक को देवराय द्वितीय के दरबार में राजदूत के रूप में भेजा था- खुरासान के सुल्तान शाहरूख ने
अब्दुर्रज्जाक ने किस राज्य का आँखो-देखा हाल लिखा था- विजयनगर का
पंद्रहवीं शताब्दी में किस शहर के सबसे महत्वपूर्णविवरणों में से एक का जिक्र अब्दुर्रज्जाक समरकंदी से प्राप्त होता है
-विजयनगर का
ईरानी राजदूत जिसने विजयनगर साम्राज्य का भ्रमण किया था कौन था- अब्दुर्रज्जाक
फारस से आने वाले अब्दुर्रज्जाक की हम्पी यात्रा के समय दक्षिण भारत में विजयनगर का शासक कौन था- देवराय द्वितीय था
किस विदेशी यात्री ने विजयनगर साम्राज्य में सती प्रथा के प्रचलन का उल्लेख किया है- डुआर्ट बारबोसा ने
कृष्णदेव राय के शासनकाल में आने वाले दो पुर्तगाली यात्री कौन थे-डोमिंगो पायस और फर्नाड़ीस नूनिज
“मलक्का कैम्बे बिना नहीं रह सकता और न कैम्बे मलक्का के बिना, अगर उन्हें बहुत धनी और समृद्ध बनाना हो।” एशियाई व्यापार के विषय में यह टिप्पणी किसने की थी- बारबोसा ने
किस लेखक ने विजयनगर साम्राज्य का एक समकालीन विवरण लिखा है- डोमिंगो पायस ने
प्रसिद्ध यात्री डुआर्ट बारबोसा कहाँ का निवासी था- पुर्तगाल का
विजयनगर विदेशी यात्रियों के संबंध में सत्य कथन है- डोमिंगो पायस और डुआर्ट बारबोसा पुर्तगाली यात्री थे जो कृष्णदेव राय के समय विजयनगर आए थे
विजयनगर के सम्राटों की धार्मिक सहिष्णुता के विषय में किसने लिखा है कि- “राजा ने इतनी स्वतंत्रता दे रखी है कि कोई भी व्यक्ति स्वतंत्रता से विचरण कर सकता है और अपने पालन कर सकता है, उसे न कोई कष्ट देगा और नर कि तुम ईसाई, यहूदी, मुसलमान या हिंदू हो।” – बारबोसा ने
डोमिंगो पायस के संदर्भ में सत्य कथन है
– विदेशी यात्री डोमिंगो पायस के अनुसार विजयनगर की सामाजिक व्यवस्था में देवदासियों की उच्च प्रतिष्ठा वाली स्थिति थी
किसने विजयनगर के पतन के शीघ्र बाद उस स्थान का दर्शन एवं वर्णन किया है-सीजर फ्रेडरिक ने
कोंटी, पायस, नूनिज तथा मनूची ये सभी कौन थे
– विदेशी पर्यटक थे
वह कौन-सा यात्री था, जिसने 1567 ई. में विजयनगर की पराजय के ठीक बाद वहाँ की यात्रा की थी, विजयनगर के 24 मील के घेरे में बने होने का वर्णन करता है- सीजर फ्रेडरिक
एथेनेसियस निकितिन कौन था – एक रूसी अश्व व्यापारी
माहुयान नामक चीनी यात्री किसके समय में समुद्री मार्ग से भारत आया था- मल्लिकार्जुन के समय
स्थापत्य कला
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कल्याण मंडप किस राज्य के मंदिर-वास्तु का विशिष्ट लक्षण था विजयनगर राज्य का
विजयनगर में कौन-सा हिंदू स्थापत्य का एक निदर्शन है जिसपर इस्लामी प्रभाव परिलक्षित होता है- कमल भवन, विजयनगर
प्रसिद्ध विजय बिट्ठल मंदिर जिसके 56 तक्षित स्तम्भ संगीतमय स्वर निकलते हैं, कहाँ अवस्थित है-हम्पी में
मध्य एशियाई यात्री अब्दुर्रज्जाक समरकंदी ने जिसने विजयनगर राज्य का भ्रमण किया था, विशेषकर अपने साथ वापस अपने देश ले जाने के लिए जो भारतीय सामान क्रय किया था, वह क्या था-चित्रकलाएं
हम्पी में स्थित स्मारकों का समूह किस धर्म से संबंधित है- हिंदू धर्म से
विविध
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किस भू-भाग के लिए बहमनी राज्य एवं विजयनगर साम्राज्य बार-बार लड़ते रहे
– रायचूर दोआब के लिए
विजयनगर के राजा रामराय के राज्यकाल के विषय में सही कथन है
- सेना में मुसलमानों की भर्ती
- दक्कन में मुस्लिम राज्यों में हस्तक्षेप
- पुर्तगालियों के साथ दीर्घकालीन मैत्री संबंध
प्रथम बार विजयनगर साम्राज्य को अस्त-व्यस्त किसने किया था- बहमनी राजा ने
किस खेल में उच्च योग्यता प्राप्त करने पर विजयनगर राज्य पारितोषिक देता था तथा उसे राज्य की स्वीकृति प्रदान करता था- शतरंज में
विजयनगर शहर किस नदीतट पर स्थित था
– तुंगभद्रा नदी पर
विजयनगर एवं बहमनी राज्यों के बीच झगड़े का एक कारण रायचूर दोआब था। यह क्षेत्र किन नदियों के मध्य स्थित था- कृष्णा एवं तुंगभद्रा नदियों के मध्य
विजयनगर साम्राज्य के पतन का अंतिम कारण क्या था- तालीकोटा का युद्ध
तालीकोटा के युद्ध के संदर्भ में सत्य कथन है
– तालीकोटा के युद्ध में दक्षिण में हिंदू शक्ति का विनाश हुआ
कहाँ के शासक को तालिकोटा के युद्ध में विजयनगर के विरुद्ध लड़ने के लिए संघ में शामिल होने हेतु आमंत्रित नहीं किया गया था – बरार के शासक को
विजयनगर शासकों के संदर्भ में सत्य कथन है
- नरसिंह सालुव ने संगम वंश का अंत किया, उसने राजसिंहासन छीनकर सालुव वंश आरंभ किया
- वीर नरसिंह ने अंतिम सालुव शासक को गद्दी से उतारकर राजसिंहासन छीना
- वीर नरसिंह के उत्तरवर्ती उनकी अनुज कृष्णदेव राय थे
- कृष्णदेव राय के उत्तरवर्ती उनके अर्द्ध भाई अच्युत देव राय थे
विजयनगर शासन में स्त्रियों की स्थिति के संबंध में सत्य कथन हैं
- विभिन्न शस्त्रों के प्रयोग का उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता था
- कतिपय स्त्रियाँ न्यायाधीश भी होती थीं
- समाज और साहित्य में स्त्रियों ने ऊँचा स्थान प्राप्त किया