यूनेस्को के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत IndiaAI मिशन और Ikigai Law के सहयोग से AI Readiness Assessment Methodology (RAM) पर आधारित पांचवें और अंतिम हितधारक परामर्श सत्र का आयोजन 3 जून को नई दिल्ली के शांग्री-ला एरोस होटल में किया।
इस सत्र में 200 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें सरकार, शिक्षा जगत, उद्योग और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल थे।
उद्देश्य था – भारत में जिम्मेदार और नैतिक AI अपनाने की रणनीति तैयार करना।
परामर्श श्रृंखला का समापन
यह अंतिम परामर्श सत्र, नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुवाहाटी में आयोजित पाँच सत्रों की श्रृंखला का समापन था। ये सत्र यूनेस्को और MeitY के IndiaAI मिशन के तहत आयोजित संयुक्त AI RAM पहल का हिस्सा थे। इसका उद्देश्य भारत-विशिष्ट एक ऐसा AI नीति रिपोर्ट तैयार करना है जो भारत की क्षमताओं की पहचान करे, अवसरों को रेखांकित करे और नैतिक AI अपनाने के लिए व्यावहारिक सिफारिशें दे।
RAM फ्रेमवर्क का महत्व
AI Readiness Assessment Methodology (RAM) एक डायग्नोस्टिक टूल के रूप में कार्य करता है, जो सरकारों को AI विनियमन और संस्थागत शासन की क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है। इसे भारत के संदर्भ में अनुकूलित किया गया है और यह कानूनी, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और तकनीकी आयामों में AI पारिस्थितिकी तंत्र का मूल्यांकन करता है।
उद्घाटन भाषण और विचार
यूनेस्को दक्षिण एशिया कार्यालय के निदेशक टिम कर्टिस ने उद्घाटन भाषण में ‘एथिक्स-बाय-डिज़ाइन’ (Ethics by Design) दृष्टिकोण की वकालत की। उन्होंने कहा कि AI में वास्तविक समावेशन तभी संभव है जब नैतिक सिद्धांतों को उसकी नींव में ही शामिल किया जाए। उन्होंने भारत के विश्वसनीय और पारदर्शी AI इकोसिस्टम के लक्ष्य में यूनेस्को की प्रतिबद्धता दोहराई।
MeitY के अतिरिक्त सचिव, IndiaAI मिशन के सीईओ और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के महानिदेशक अभिषेक सिंह ने मुख्य भाषण में भारत के प्रगतिशील और नवाचार समर्थक दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने AI Kosh प्लेटफॉर्म, फाउंडेशन मॉडल्स का विकास, और मिशन के Safe and Trusted AI स्तंभ के तहत जिम्मेदार AI परियोजनाओं के समर्थन की जानकारी दी।
पैनल चर्चा: भारत में AI की सुरक्षा और नैतिकता
एक प्रमुख पैनल चर्चा का विषय था – “भारत के AI इकोसिस्टम में सुरक्षा और नैतिकता”, जिसमें शामिल थे:
- देबजानी घोष, नीति आयोग की विशिष्ट फेलो
- कविता भाटिया, COO, IndiaAI मिशन
- यूंसॉन्ग किम, प्रोग्राम स्पेशलिस्ट, यूनेस्को
- डॉ. बी. रविंद्रन, प्रमुख, डेटा साइंस और AI, IIT मद्रास
- मयंक वत्स, प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस, IIT जोधपुर
पैनल में नीतिगत ढाँचे, नियामक तंत्र और शासन रणनीतियों पर चर्चा की गई। देबजानी घोष ने AI की संभावनाओं और जोखिमों के बीच संतुलन साधने की चुनौती पर ज़ोर दिया, जबकि कविता भाटिया ने नवाचार और उत्तरदायित्व को साथ लेकर चलने की IndiaAI मिशन की नीति पर प्रकाश डाला।
विशेष समूह चर्चाएं
कार्यक्रम में विभिन्न ब्रेकआउट सत्र हुए जिनमें चर्चा के मुख्य क्षेत्र थे:
- AI शासन तंत्र (Governance)
- तकनीकी आधारभूत संरचना
- वर्कफोर्स की तैयारी
- विभिन्न क्षेत्रों में AI को अपनाना
- युवाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण
इन चर्चाओं से भारत की AI नीति की रूपरेखा के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव और इनपुट प्राप्त हुए।
यह परामर्श श्रृंखला भारत को एक नैतिक, सुरक्षित और समावेशी AI नीति की ओर अग्रसर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। RAM फ्रेमवर्क, जो भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक और तकनीकी परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, सरकार को AI के उत्तरदायी और प्रभावी नियमन की दिशा में सशक्त बनाएगा।
Source: DD News