मध्यकालीन भारत वन लाइनर – 7

 

सल्तनतकालीन अर्थव्यवस्था

 

सल्तनत काल के पाँच प्रमुख कर कौन थे – उन, खराज, खम्स (खुम्स), जकात, तरकात और जजिया

 

उन किस प्रकार का कर था – मुसलमानों से लिया जाने वाला भूमिकर था

 

प्राकृतिक साधनों से सिंचित भूमि से पैदावार का कितना प्रतिशत भाग भूमिकर के रूप में लिया जाता था -10% भाग कर था

 

खराज किस प्रकार का कर था – गैर-मुसलमानों से लिया जाने वाला भूमिकर था

 

विभिन्न सुल्तानों द्वारा पैदावार का कितना भाग खराज के रूप में वसूल किया गया – पैदावार के एक-तिहाई से लेकर आधे भाग तक

 

ख़ुम्स  क्या था – यह लुटे हुए धन, खानों अथवा भूमि में गड़े हुए खजानों से प्राप्त संपत्ति था

 

खम्स (खुम्स) के कितने भाग पर सुल्तान का अधिकार होता था – 1/5 भाग पर (शेष 4/5 भाग पर उसके सैनिकों, अधिकारियों अथवा खजाने को प्राप्त करने वाले व्यक्ति का अधिकार होता था 

 

लूट के धन का 80 प्रतिशत भाग किस शासक ने लेना आरम्भ किया था – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

जकात किस प्रकार का कर था – 88यह एक धार्मिक-कर था, जो केवल धनवान मुसलमानों से लिया जाता था

 

सल्तनत काल में जकात कर किस पर लगाया जाता था – मुसलमानों पर

 

मुसलमानों से उनकी आय का कितने प्रतिशत भाग जकात के रूप में वसूल किया जाता था -आय का ढाई (2 1/2) प्रतिशत

 

जजिया किस प्रकार का कर था – गैर-मुसलमानों से वसूल किया जाने वाला धार्मिक-कर था।

 

किसके शासनकाल में ब्राह्मणों से भी जजिया वसूल किया गया – फिरोज तुगलक के समय

 

सल्तनत काल में राज्य की आय का प्रमुख स्रोत क्या था-भू-राजस्व

 

भारत के किस मध्यकालीन शासक ने ‘इक्ता व्यवस्था’ प्रारंभ की – इल्तुतमिश ने

 

इक्ता का आवंटन किसने शुरू किया था – इल्तुतमिश ने

 

‘इक्ता’ का क्या अर्थ था – सैनिक सेवा के बदले दिया जाता था

 

‘अक्ता’ वह भूमि होती थी, जिसकी आय पर – सैन्य प्रशासन का नियंत्रण था

 

दिल्ली सल्तनत में इक्ता पद्धति के सम्बन्ध में सही कथन है-

  1. इक्ता क्षेत्रों का एक आवंटन था
  2. निजाम-उल-मुल्क ने मुक्तियों के कर वसूली तथा उसमें से भागीदारी लेने के अधिकार पर बल दिया
  3. बलबन ने आदेश दिया कि अधिशेष की राशि इक्ता से सुल्तान के कोषागार में भेजी जाय

 

दिल्ली सल्तनत में क्षेत्रीय राजस्व समानुदेशन को क्या कहते थे – इक्ता

 

इक्ता व्यवस्था के संदर्भ में सत्य कथन है

  1. उत्तर भारत में इस्लाम को प्रतिष्ठित करने में इक्ता व्यवस्था का दूरगामी प्रभाव हुआ
  2. इस प्रथा के द्वारा सुल्तान तुर्की अमीर वर्ग को नियंत्रित करना चाहते थे

 

इक्तेदारों के विषय में सत्य कथन है

  1. सुल्तान इक्तेदारों को स्थानान्तरित कर सकता था
  2. राज्य इक्तेदारों के इक्ते को जब्त कर सकता था
  3. राज्य इक्तों की आय-व्यय की जाँच करता था

 

सल्तनत कालीन अक्ता व्यवस्था का क्या अभिप्राय था

  1. नकद वेतन के बदले किसी खास भू-भाग का राजस्व अधिन्यास
  2. किसी भू-भाग का अधिन्यास पारितोषिक एवं सेवानिवृत्ति वेतन स्वरूप

 

इक्ता एवं इजारा के संदर्भ में सत्य कथन है

इक्ता – नागरिक एवं सैन्य सेवा के लिए दिया जाने वाला राजस्व नियत कार्य

इजारा – राजस्व नियत-कार्य की एक अनुबंधात्मक पद्धति

 

दिल्ली सल्तनत में राज्य और प्रशासन के सन्दर्भ में, ‘मुक्ति’ शब्द का क्या अर्थ है – भूमि अभिहस्तांकन जिसे ‘इक्ता’ कहा जाता है, का धारक

 

दिल्ली सुल्तानों के अन्तर्गत इक्ता एक क्षेत्रीय आवंटन था और इसको धारण करने वाला मुक्ता कहलाता था, जो – देय भूमि कर के अतिरिक्त किसान पर कोई दावा नहीं रखता था।

 

प्रथम सुल्तान जिसने दोआब की आर्थिक क्षमता समझी, कौन था – इल्तुतमिश

 

किस सुल्तान ने नकद वेतन के बदले ‘इक्ता’ का आवंटन बन्द कर दिया था – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

इक्ता को किसने वंशानुगत बना दिया था– फिरोज तुगलक ने

 

राजस्व सम्बन्धी नियमों तथा उपनियमों में सुधार करने का श्रेय सर्वप्रथम किस तुर्की सुल्तान को जाता है – अलाउद्दीन खिलजी को

 

राजस्व के मामले में पूर्ण रुचि लेने वाला सुल्तान कौन था – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधारों का मुख्य कारक क्या था-

  1. एक शक्तिशाली सेना का निर्वाह करना           
  2. अपनी साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करना

 

अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक आदेशों का प्रमुख उद्देश्य क्या था – शक्तिशाली सेना रखना

 

भूमि की माप के आधार पर भू-राजस्व का निर्धारण और प्रति बिस्वा उपज का आकलन (Estimation) सबसे पहले किसके अधीन किया गया – अलाउद्दीन खिलजी के अधीन

 

किस शासक ने मिल्क तथा इनाम भूमि के अनुदानों को रद्द कर दिया – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

किस सुल्तान ने भू-राजस्व को बढ़ाकर आधा कर दिया था – अलाउद्दीन खिलजी

 

सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने मालगुजारी का कितना हक पेश किया था – उपज के आधे भाग पर

 

अलाउद्दीन के भूराजस्व एवं इजारा के संदर्भ में सत्य कथन है

  1. अलाउद्दीन खिलजी ने भू-राजस्व की मांग का कुल उत्पादन के आधे तक बढ़ा दिया
  2. बाजार मूल्यों को एक नीचे के स्तर तक सीमित रखने के लिए अनाज की बड़ी मात्रा में आवक आवश्यक था

 

किस कारण से अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में किसानों के कष्ट बढ़े – अनेक प्रकार के करों के बोझ के कारण

 

अलाउद्दीन खिलजी ने कौन-सा कर लगाया था  – खराज, घरी, चराई

 

किस सुल्तान द्वारा खालिसा क्षेत्रों में भूमि की नाप के स्थान पर बँटाई प्रथा को जारी किया गया – गयासुद्दीन तुगलक द्वारा

 

 कौन-सा सुल्तान था, जिसने भूमि के नाप की व्यवस्था वापस ली और गल्ला बंटाई व्यवस्था अपनाई थी – गियासुद्दीन तुगलक ने

 

ग्रामीण बिचौलियों को गियासुद्दीन तुगलक द्वारा दी गई रियासत के सम्बन्ध में सही है – उसने उनकी भूमि को कर मुक्त कर दिया

 

⇒  दिल्ली के किस सुल्तान ने यह नियम बनाया कि किसी एक वर्ष में भू-राजस्व में 1/10 या 1/11 से अधिक की वृद्धि नहीं की जाएगी – गियासुद्दीन तुगलक ने

 

मुहम्मद तुगलक के खिलाफ दोआब में हुई बड़ी बगावत का कौन-सा एक कारण था – ग्रामीण इलाकों में कर वृद्धि

 

फिरोजशाह तुगलक द्वारा दिल्ली की गद्दी पर राज्यारोहण के उपरान्त समाप्त किए गए कृषि उपकर क्या कहलाते थे – अबवाब

 

किसने किसानों के ऊपर से अधिकाधिक कष्टकारी कर हटा लिया था – फिरोज तुगलक ने

 

फिरोज तुगलक ने उपज का 1/10 भू-राजस्व के रूप में किस भूमि से वसूल किया – उशरी भूमि से

 

सुल्तान फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल में हिसामुद्दीन जुनैदी द्वारा आकलित दिल्ली सल्तनत का कुल जमा क्या था – छः करोड़ पचासी लाख टंका

 

इतलाक, एक प्रकार की हुण्डी जिसकी सहायता से राजकीय सिपाही राज्य के राजस्व अधिकारियों से अपना वेतन प्राप्त करने में समर्थ था, की प्रथा किसने चलाई थी – फिरोजशाह तुगलक ने

 

सर्वप्रथम दिल्ली सल्तनत में ‘बाजार नियंत्रण’ व्यवस्था किसने लागू की – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

अलाउद्दीन खिलजी द्वारा बाजार नियंत्रण व्यवस्था या आर्थिक अधिनियमों के पीछे क्या मुख्य उद्देश्य था – सीमित वेतन में अपने सैनिकों को संतुष्ट रखना

 

अलाउद्दीन खिलजी की बाजार नियंत्रण व्यवस्था का जियाउद्दीन बरनी के अनुसार मुख्य उद्देश्य क्या था – एक विशाल स्थायी सेना का भरण-पोषण

 

अलाउद्दीन खिलजी की बाजार नियंत्रण व्यवस्था का प्रभारी अधिकारी कौन था – शहना-ए-मंडी

 

अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार का अधीक्षक किसे नियुक्त किया था – मलिक कबूल को

 

कौन-से अधिकारी अलाउद्दीन खिलजी की बाजार व्यवस्था से जुड़े थे – शहना-ए-मंडी, बरीद-ए-मंडी, मुनहियन

 

अलाउद्दीन खिलजी के गल्ला बाजार का प्रथम अधिनियम किससे संबंधित था – सभी प्रकार के गल्लों का भाव निश्चित करने से

 

सराय-ए-अदल किस प्रकार का बाजार था – सरकारी धन से सहायता प्राप्त बाजार था

 

किस मध्यकालीन शासक ने ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ प्रारम्भ की थी – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

अलाउद्दीन खिलजी के बाजार नियंत्रण का क्या उद्देश्य था – कम खर्च पर विशाल सेना रखना

 

अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में मूल्य वृद्धि का एक कारण था – मंगोल आक्रमण