मध्यकालीन भारत वन लाइनर – 6

 

सल्तनतकालीन प्रशासन

 

⇒ दिल्ली सल्तनत में केंद्रीय शासन का प्रधान कौन होता था – सुल्तान

 

⇒ दिल्ली सुल्तानों की राज्य सत्ता का मूल स्रोत क्या था – सैन्य शक्ति

 

⇒ सल्तनत काल के अधिकांश अमीर एवं सुल्तान किस वर्ग के थे – तुर्क वर्ग के

 

⇒ सल्तनतकालीन प्रशासन में वे चार प्रमुख मंत्री कौन थे जिनके ऊपर सल्तनत का संपूर्ण प्रशासनिक ढाँचा टिका हुआ था – दीवान-ए-विजारत, दीवान-ए-अर्ज, दीवान-ए-इंशा व दीवान-ए-रसालत

 

⇒ सल्तनत की केन्द्रीय सरकार में कौन अधिकारी सबसे बड़ा ओहदा रखता था – नायब-ए-मुल्क

 

⇒ सल्तनत काल में राज्य का प्रधानमंत्री क्या कहलाता था – वजीर

 

⇒ किस इतिहासकार ने लिखा है कि – “एक बुद्धिमान वजीर के – बिना राजत्व व्यर्थ है।” -बरनी

 

⇒ वजीर का कार्यालय क्या कहलाता था -दीवान-ए-वजारत

 

⇒ दिल्ली सुल्तानों के राज परिवार के प्रमुख अधिकारी को किस नाम से जाना जाता था – वकील-ए-दर

 

⇒ दिल्ली के सुल्तानों में से किसने दिल्ली सल्तनत की शाही संरचना के तीन सबसे प्रमुख अंगों इक्ता, सेना तथा मुद्रा प्रणाली को सुव्यवस्थित किया –  शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने

 

‘तुर्कान-ए-चिहलगानी’ का गठन किसने किया था– इल्तुतमिश ने

 

किसने सुल्तान इल्तुतमिश के प्रधानमंत्री का कार्यवहन किया – निजामूल मुल्क मुहम्मद जुनैदी

 

⇒ निजामुद्दीन जुनेदी किसका वजीर था- इल्तुतमिश का      

 

⇒ सल्तनत काल में किसे ‘रावत-ए-अर्ज’ की पदवी दी गई थी -इमादुलमुल्क को

 

⇒ “राजा देवत्व का अंश होता है। उसकी समानता कोई भी मनुष्य नहीं कर सकता।” यह कथन किसका है- बलबन का अपने पुत्र बुगरा खाँ के प्रति

 

⇒ सुल्तान बलबन ने अपने दरबार का गठन किस पद्धति पर किया- फारसी पद्धति पर

 

⇒ बलबन द्वारा कौन-सी प्रथाएं प्रचलन में लाई गई थीं- बलबन ने ‘सिजदा’ (दण्डवत ) तथा ‘पैबोस’ ( सम्राट के पैर चूमना) की प्रथा 

 

वह सुल्तान जो अधिराजत्व में विश्वास करता था, न कि प्रभुसत्ता पर, कौन था – अलाउद्दीन खिलजी

 

⇒ “मुझे नहीं मालूम क्या कानूनी है या क्या गैर-कानूनी, मैं राज्य की आवश्यकता अनुसार कानून बनाता हूँ।” यह किसने कहा था – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

⇒ ‘दीवान-ए-रियासत’ नामक पद का सृजन किसने किया था – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

⇒ कौन-से अधिकारी अलाउद्दीन खिलजी के बाजार नियंत्रण से संबंधित थे – दीवान-ए-रियासत, वरीद-ए-मंडी, शहना-ए-मंडी

 

⇒  अलाउद्दीन खिलजी द्वारा बाजार नियंत्रण उपायों के अन्तर्गत अनाज मंडी का नियंत्रक किसे नियुक्त किया गया था – मलिक कबूल को

 

⇒ ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ विभाग की स्थापना किस लिए की गई थी – बकाया लगान की वसूली के लिए

 

⇒ किस एक विभाग की स्थापना अलाउद्दीन खिलजी द्वारा राज्य की राजस्व कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए की गई थी -दीवान-ए-मुस्तखराज की

 

⇒ ‘दीवाने-मुस्तखराज’ किस विभाग से संबंधित था – भूराजस्व विभाग से

 

दिल्ली सल्तनत में ‘शुहना’ नामक अधिकारी का क्या कार्य था – पुलिस विभाग का पर्यवेक्षण

 

⇒ किस सुल्तान ने अमीरों के मद्य समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया था – अलाउद्दीन खिलजी द्वारा

 

⇒ अलाउद्दीन खिलजी के विषय में सही है- भू-राजस्व की वृद्धि की, गुप्तचर प्रणाली,  मद्य-निषेध लागू किया

 

किस राजवंश के अन्तर्गत विजारत का चरमोत्कर्ष हुआ – तुगलक राजवंश के अन्तर्गत

 

⇒  वली और अमीर के पदों को किसने पृथक् करवाया – मुहम्मद तुगलक ने

 

⇒  किस दिल्ली सुल्तान ने एक कृषि विकास मत्रालय की स्थापना की थी – मुहम्मद तुगलक ने

 

⇒ दिल्ली सुल्तानों के अन्तर्गत वली कौन था – प्रान्तीय गवर्नर

 

‘अमीर-ए-सादाँ’ की नियुक्ति करने वाला प्रथम सुल्तान कौन था – मुहम्मद बिन तुगलक

 

⇒ दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ (कृषि विभाग) की स्थापना की – मुहम्मद बिन तुगलक ने

 

⇒ मुहम्मद तुगलक के अन्तर्गत दीवान-ए-कोही का विभाग किस तरह के कार्य की देख-रेख करता था – कृषि से

 

⇒ दिल्ली सल्तनत में ‘मुस्तौफी-ए-मुमालिक’ का कार्य किससे संबंधित था – लेखापरीक्षक से

 

⇒ ‘दीवाने इंशा’ किस विभाग से संबंधित था -पत्राचार विभाग से

 

⇒ कौन सल्तनत काल में शाही सचिवालय का व्यंजक था – दीवाने इंशा

 

⇒ सल्तनत काल में शाही सचिवालय का प्रधान क्या कहलाता था – दबीर-ए-मुमालिक

 

⇒ फिरोज तुगलक द्वारा स्थापित विभाग थे – दीवान-ए-खैरात, दीवान-ए-बन्दगान और दारुल सफा

 

दासों के रख-रखाव के लिए किसने अलग विभाग की स्थापना की थी – फिरोजशाह तुगलक ने 

 

⇒ किस सुल्तान ने विवाह विभाग स्थापित किया था – फिरोजशाह तुगलक ने

 

⇒ कौन-सा पद (शब्द) दिल्ली सल्तनत में गुप्तचरों को निर्दिष्ट करता है – बरीद

 

⇒ बरीद किसे कहते हैं – सूचना पहुँचाने वाले गुप्तचर को 

 

⇒ अलाउद्दीन खिलजी कालीन प्रशासन में राजसी खुफिया विभाग का मुखिया क्या कहलाता था -बरीद-ए-मामलिक

 

⇒ ‘अलमखाना’ किस विभाग से संबंधित था – पताकाओं से संबंधित विभाग से

 

⇒  सल्तनत कालीन अधिकारियों का ऊपर से नीचे का क्रम निम्न प्रकार हैं – नायब सुल्तान-शिकदार-आमिल

 

⇒ लोदियों का राजत्व सिद्धांत किस पर आधारित था – अफगान सरदारों की समानता पर

 

⇒ किस सुल्तान ने तुर्की अमीर एतगीन को नियुक्त करने के लिए ‘नायब’ का पद बनाया – बहरामशाह ने

 

⇒ दिल्ली सल्तनत में भू-राजस्व (Land Revenue) के लिए सर्वोच्च ग्रामीण सत्ता थी – चौधरी

 

⇒ ‘मुकद्दम’ क्या थे – ग्रामीण नेता ( गाँव का मुखिया)

 

सेना

 

⇒  सल्तनतकालीन सेना के कितने मुख्य भाग थे – तीन भाग ( घुड़सवार सेना, गज सेना व पैदल सेना)

 

⇒ ‘दीवान-ए-अर्ज’ का सम्बन्ध किससे था – सेना से

 

⇒ ‘आरिज-ए-मुमालिक’ किस विभाग का प्रबन्धकर्ता था – सेना का 

 

⇒ दिल्ली सल्तनत में ‘दीवान-ए-अर्ज’ विभाग (सैन्य स्थापना किसने की थी विभाग) की -बलबन ने

 

⇒ ‘दीवान-ए-अर्ज’ विभाग किससे संबंधित था – रक्षा विभाग से

 

⇒  इल्तुतमिश के शासनकाल के दौरान, विशेष गुलामों को सैन्य सेवा के लिए खरीदा जाता था, उन्हें किस नाम से जाना जाता था – बन्दगान के नाम से

 

⇒  प्रारम्भिक देहली सल्तनत में सैन्य दस्तों के संगठन को देखने वाले मंत्री को क्या कहते थे – दीवान-ए-अर्ज

 

सल्तनत काल में सर्वोच्च सैन्य अधिकारी कौन था – खान

 

⇒ किसके शासनकाल में दिल्ली सल्तनत के अमीर वर्ग के लिए ‘खान’ की पदवी प्रारंभ की गई – बलबन द्वारा

 

⇒ सल्तनत काल में प्रदान की जाने वाली कौन-सी एक पदवी आधिकारिक पदानुक्रम में सर्वोच्च थी – खान

 

⇒ सल्तनत काल में पैदल सैनिक क्या कहलाते थे – पायक

 

⇒ दिल्ली सल्तनत में स्थायी सैन्य व्यवस्था किसने लागू की थी – अलाउद्दीन खिलजी ने

 

⇒ घोड़ों को दागने तथा हुलिया रखे जाने की प्रथा किस सुल्तान ने शुरू की थी – अलाउद्दीख खिलजी ने

 

⇒ सुल्तानों के काल में सेना का सबसे महत्वपूर्ण अंग क्या था – अश्व सेना

 

⇒ दिल्ली सल्तनत में सीधे राजकीय सेवा में रहने वाली सेना, क्या कहलाती थी – हश्मे कल्ब

 

⇒ वह कौन शासक था, जिसने एक सैनिक को निरीक्षक लिपिक को घूस देने के लिए सोने का एक सिक्का दिया था – फिरोज तुगलक ने

 

⇒ ‘उर्दू-ए-मुअल्ला’ से क्या अभिप्राय है – शाही शिविर था

 

न्याय

 

⇒ सल्तनत काल में राज्य का सबसे बड़ा न्यायाधीश कौन होता था – सुल्तान

 

⇒ जवाबित का सम्बन्ध किससे था – राज्य कानून से

 

⇒ मध्यकालीन राजनीतिक विचारों द्वारा प्रतिपादित अद्ल का सिद्धान्त क्या व्यक्त करता था – न्याय को व्यक्त करता था

 

⇒ हदीस क्या है – एक इस्लामिक कानून है

 

⇒ सुल्तान इल्तुतमिश के शासनकाल में न्याय चलाने वाले व्यक्ति को किस रंग की पोशाक पहननी पड़ती थी – लाल पोशाक

 

⇒ कौन-सा विदेशी यात्री दिल्ली का काजी नियुक्त हुआ – इब्नबतता

 

⇒ दस्तार बन्दान’ कौन कहलाते थे – उलेमा

 

⇒ मध्यकालीन भारत में युद्ध में प्रयोग में लाए जाने वाले मिट्टी के उस टीले को क्या कहते थे, जिनका निर्माण घेराबन्दी वाले किले के शीर्ष पर पहुँचने के लिए किया जाता था – पाशेब

 

⇒ सिकंदर लोदी के संदर्भ में सत्य कथन है

  1. सिकन्दर लोदी ने अपना आवास दिल्ली से आगरा परिवर्तित किया था।
  2. बड़े अमीरों के व्यक्तिगत सैनिक सिकन्दर लोदी द्वारा स्वयं नियुक्त किए जाते थे।

 

⇒ मुहम्मद तुगलक के संबंध में सत्य कथन है – मुहम्मद तुगलक ने कई विदेशियों, हिन्दुओं तथा मंगोलों को सम्मान तथा उच्च पद प्रदान किए।

 

⇒ ‘जिम्मी’ शब्द से क्या तात्पर्य है – राज्य द्वारा संरक्षित नागरिक

 

⇒ ‘साहिबे दीवाने बन्दगान’ किससे संबंधित था – दासों से

 

कौन-सी नगरी लोदी सुल्तानों की प्रारंभिक राजधानी थी – दिल्ली; 

 

⇒ दिल्ली सल्तनत के किस वंश ने सबसे कम समय शासन किया – खिलजी वंश ने

 

⇒ मुहम्मद तुगलक की राजधानी परिवर्तन की असफलता का कारण क्या था – नागरिकों का साथ न देना

 

⇒ मुहम्मद तुगलक ने अपनी दूसरी राजधानी कहाँ बनाई – दौलताबाद

 

⇒ दिल्ली सल्तनत राज्य का विस्तार किस शासक के समय  सबसे अधिक था- मुहम्मद बिन तुगलक के समय

 

⇒ मुहम्मद बिन तुगलक के समय किसे चीन का राजदूत नियुक्त किया गया था – इब्नबतूता को

 

⇒ मुहम्मद बिन तुगलक के सुधार क्यों असफल हुए – क्योंकि उन्हें गलत ढंग से लागू किया गया था

 

⇒ किसने सल्तनत काल में डाक व्यवस्था का विस्तृत विवरण दिया है – इब्नबतूता

 

⇒ फिरोज तुगलक द्वारा स्थापित ‘दार-उल-शफा’ क्या था – एक खैराती अस्पताल

 

⇒ किस शासक के काल में काजी मुगिस को सद्र-उस-सुदूर (मुख्य काजी) नियुक्त किए गए थे – अलाउद्दीन खिलजी के काल में

 

⇒ प्रशासन को सुदृढ़ करने हेतु अलाउद्दीन खिलजी का महत्वपूर्ण कदम क्या था – मूल्य नियंत्रण

 

⇒ फिरोज तुगलक द्वारा स्थापित ‘दार-उल-शफा’ क्या था – एक खैराती अस्पताल

 

⇒ किस शासक के काल में काजी मुगिस को सद्र-उस-सुदूर (मुख्य काजी) नियुक्त किए गए थे – अलाउद्दीन खिलजी के काल में

 

⇒ प्रशासन को सुदृढ़ करने हेतु अलाउद्दीन खिलजी का महत्वपूर्ण कदम क्या था – मूल्य नियंत्रण

 

⇒ फिरोज तुगलक द्वारा प्रारंभ जागीरदारी प्रथा का महत्वपूर्ण परिणाम क्या था – वंश का पतन

 

आइन-उल-मुल्क मुल्तानी ने किन शासकों के अधीन सेवा की थी – अलाउद्दीन खिलजी, मुहम्मद बिन तुगलक व फिरोज तुगलक के अधीन