किसी पदार्थ का वह गुण, जिससे वह, उस पर प्रत्यारोपित बल को हटाने पर अपनी प्रारम्भिक आकृति एवं आकार को पुनः प्राप्त कर लेती है, कहलाता है – प्रत्यास्थता
प्रत्यारोपित बल कहलाता है – विरूपक बल (Deforming force)
प्रत्यास्थता की सीमा क्या होती है – विरूपक बल के परिमाण की वह सीमा, जिससे कम बल लगाने पर पदार्थ में प्रत्यास्थता का गुण बना रहता है। तथा अधिक बल लगाने पर प्रत्यास्थता का गुण समाप्त हो जाता है।
प्रतिबल किसे कहते हैं – एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले प्रत्यानयन बल को (प्रत्यानयन बल, प्रत्यारोपित बल के बराबर तथा दिशा में उसके विपरीत होता है)
विकृति क्या है – वस्तु के एकांक आकार में होने वाले तुलनात्मक परिवर्तन की दर
यंग प्रत्यास्थता गुणांक पदार्थ की किस अवस्था को दर्शाता है – पदार्थ की कठोरता को
किसी पदार्थ को कितनी आसानी से मोड़ा या खींचा जा सकता है यह किससे पता चलता है – यंग प्रत्यास्थता गुणांक से
किनका प्रत्यास्थता गुणांक सर्वाधिक होता है – धातुओं का
प्वासो अनुपात (Poisson’s Ratio) क्या होता है – पार्श्विक विकृति (lateral strain) तथा अनुदैर्ध्य विकृति (longitudinal strain) का अनुपात
आकार में बदलाव के कारण वस्तु द्वारा प्राप्त ऊर्जा को क्या कहा जाता है प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा
जब क्वॉइल स्प्रिंग (Coil Spring) को कॉम्प्रेस (Compress) करते हैं तो प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा पर क्या प्रभाव होता है – प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा का मान बढ़ता है
C.G.S. प्रणाली में विकृति की क्या इकाई होती है – कोई इकाई नहीं होती है
बिना भंजन के पदार्थ के विकृत होने की योग्यता क्या कहलाती है – सुघट्यपन (Plasticity)
पूर्णतः प्रत्यास्थ वस्तुओं का प्रत्यास्थता गुणांक क्या होता है – 1.0
कमानीदार तुला किस नियम पर काम करता है – हुक के नियम पर
पृष्ठ तनाव का S.I. मात्रक क्या होता है – न्यूटन/मीटर
द्रव का ताप बढ़ाने पर पृष्ठ तनाव के मान पर क्या प्रभाव पड़ता है – पृष्ठ तनाव कम हो जाता है।
प्रष्ठ तनाव का मान किस ताप पर शून्य हो जाता है – क्रांतिक ताप पर
एक ही पदार्थ के अणुओं के मध्य कौन-सा आकर्षण बल कार्य करता है – ससंजक बल (Cohesive force)
- ठोसों में सर्वाधिक
- द्रवों में न्यूनतम
- गैसों में लगभग नगण्य
किस बल के कारण किसी द्रव की बूँदें आपस में मिलकर एक बड़ी बूँद बना लेती है – ससंजक बल के कारण
शीत वैल्डिंग (Cold Welding) की प्रक्रिया किस गुण पर आधारित होती है – ससंजक बल के गुण पर
दो भिन्न पदार्थों के मध्य कौन-सा आकर्षण बल कार्य करता है – आसंजक बल (Adhesive force)
ब्लैक बोर्ड पर चॉक से लिखना किसके कारण संभव होता है – आसंजक बल के कारण
किस बल के कारण जल किसी वस्तु को भिगोता है – आसंजक बल के कारण
कोई द्रव किसी पदार्थ को किस स्थिति में गीला नहीं कर पाता है – जब आसंजक बल का मान द्रव के अणुओं के ससंजक बल के मान से कम होता है। जैसे-पारा का काँच पर नहीं चिपकना
कोई द्रव किसी पदार्थ को किस परिस्थितियों में गीला कर देता है – जब आसंजक बल का मान द्रव के अणुओं के ससंजक बल के मान से अधक होता है जैसे-पानी का काँच पर चिपकना
द्रव बूँद की संकुचित होकर न्यूनतम क्षेत्र घेरने की प्रवृत्ति का क्या कारण है – पृष्ठ तनाव
तेल जल के तल पर क्यों फैल जाता है – क्योंकि तेल का तल तनाव, पानी से कम है
मिट्टी का तेल पानी के ऊपर इसलिए तैरता है क्यों – क्योंकि उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है
एक सुई पानी में डूब जाती है जबकि लोहे से बना जहाज पानी पर तैरता है क्यों – क्योंकि सूई का आपेक्षिक घनत्व उसके द्वारा हटाये गये पानी के आपेक्षिक घनत्व से अधिक होता है केशिकत्व (Capillarity)
केशनली में द्रव के ऊपर चढ़ने या नीचे उतरने की घटना क्या कहलाती है – केशिकत्व
किस कारण केशनली में द्रव ऊपर/नीचे गति करता है – पृष्ठ तनाव
वे द्रव, जो काँच को भिगोते हैं – काँच की केशनली में ऊपर की ओर चढ़ते हैं,
जैसे- जल
किसी द्रव का ऊपर/नीचे गति करना किस पर निर्भर करता है – केशनली की त्रिज्या पर
केशनली में ऊपर चढ़ने वाले दो द्रवों में से कौन अधिक ऊपर चढ़ेगा – जिसका पृष्ठ तनाव अधिक होगा।
केशिकत्व के कुछ व्यावहारिक उदाहरण निम्न है।
– लालटेन या लैम्प की बत्ती में तेल का ऊपर चढ़ना
– ब्लॉटिंग पेपर स्याही को शीघ्र सोख लेता है
– पेड़-पौधों की शाखाओं, तनों व पत्तियों तक जल और आवश्यक खनिजों का पहुँचना
शुद्ध जले के लिए स्पर्श कोण का मान कितना होता है – लगभग शून्य
पारा के लिए स्पर्श कोण का मान कितना होता है – 135° (अर्थात Cas 135° -0.71) अतः पारे के लिए h का मान ऋणात्मक होगा, जो यह बताता है कि पारा केशनली में नीचे गिर जायेगा)
भारहीनता की अवस्था में किसी केशनली को जल में खड़ा किया जाये, तो क्या घटित होगा? – जल नली के एक सिरे से दूसरे सिरे तक चढ़ जायेगा