भौतिक विज्ञान वन लाइनर – 7

 

क्या पृथ्वी के घूर्णन गति का प्रभाव गुरुत्वीय त्वरण पर पड़ता है – हाँ (यदि पृथ्वी घूमना बंद कर दे तो ध्रुवों के अतिरिक्त प्रत्येक स्थान पर गुरुत्वीय त्वरण का मान बढ़ जाता है)

 

पृथ्वी की किस घूर्णन गति के लिए विषुवत रेखा पर वस्तु का भार शून्य हो जायेगा – यदि घूर्णन गति 17 गुनी हो जाये 

 

किसी वस्तु का गुरुत्वकेन्द्र किस पर निर्भर करता है? – वस्तु के समस्त भार पर (वस्तु का भार गुरुत्व केन्द्र से ठीक नीचे की ओर कार्य करता है)

 

आर्किमिडीज का सिद्धान्त क्या है – वस्तु के भार में आभासी कमी, वस्तु द्वारा हटाये गये द्रब के भार के बराबर होता है।

 

कुएँ से पानी की बाल्टी को ऊपर खीचनें पर क्या महसूस होगा – पानी की सतह से ऊपर बाल्टी भारी प्रतीत होगी

 

प्रेशर कुकर के अन्दर का ताप किस पर निर्भर करता है – ऊपर के छेद के क्षेत्रफल व उस पर रखे गये वजन पर 

 

हवाई जहाज से यात्रा करते समय पेन से स्याही निकलने का क्या कारण होता है -;वायुदाब में कमी

 

जेट इंजन स्ट्रेटोस्फियर पर में आसानी से उड़ता है क्यों – क्योंकि

– स्ट्रेटोस्फियर परत में बादल व पानी की वाष्प नहीं होती है

– स्ट्रेटोस्फियर परत में लम्बरुपी हवायें नहीं चलती है

 

यदि सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी एक चौथाई (1/4) कर दी जाये तो वर्ष की अवधि क्या होंगी – वर्ष की अवधि कम हो जायेगी

 

पानी से भरे बीकर में रखे बर्फ के टुकड़े के पिघलने के पश्चात् क्या परिणाम होता है – पानी की सतह अपरिवर्तित रहती है

 

बर्फ का आयतन पानी के आयतन से….. होता है – अधिक 

 

जब बर्फ पिघलती है तो उसके आयतन पर क्या प्रभाव होगा – आयतन घटेगा

 

पानी का घनत्व किस ताप पर अधिकत्तम होता है – 4°C ताप पर

 

बर्फ के टुकड़े, जल में तैरते रहते हैं क्यों – क्योंकि बर्फ का घनत्व जल के घनत्व से कम होता है

 

महासागरों में आइसबर्ग का कितना भाग समुद्री सतह से ऊपर रहता है – 1/9 भाग

 

जल को 0°c से 4°c तक गर्म करने पर क्या होता है – आयतन घटता है तथा घनत्व बढ़ता है

जबकि अन्य द्रवों के सन्दर्भ में आयतन बढ़ता है तथा घनत्व घटता है

जल 4°C से आगे सामान्य द्रवों की भाँति कार्य करता है

 

जल का अधिकतम घनत्व केल्विन पैमाने पर क्या होगा – 277k. [(4+273) k = 277k.] 

 

ऊर्जा संरक्षण से क्या आशय है – ऊर्जा का न तो सृजन हो सकता है और न ही विनाश। अर्थात ऊर्जा का रुप ही परिवर्तित होता है

 

सूक्ष्म कणों की चालों का अध्ययन, भौतिकी की किस शाखा में किया जाता है – क्वांटम मैकेनिक्स

 

दूध को एकरूप (होमाजिनाइज) कैसे किया जाता है – इसके वसा कणों को सेन्ट्राफ्यूज की सहायता से सूक्ष्म आकार में बदल कर

 

क्रीम का दूध से पृथक्करण किस सिद्धांत पर आधारित है – अपकेन्द्रीय बल के सिद्धान्त पर

(Centrifugal force Theory)

 

वाशिंग मशीन द्वारा कपड़ा धोने का सिद्वान्त किस पर आधारित है – अपकेन्द्रण के सिद्धांत पर (Centrifugation force Theory)

 

ऑटोमोबाइल्स के हाइड्रॉलिक ब्रेक किस सिद्धांत पर कार्य करते है – पास्कल नियम के सिद्धांत पर

 

किस नियम द्वारा यदि गुरुत्वीय प्रभाव नगण्य माना जाये तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिन्दु पर दाब समान होगा – पास्कल नियम द्वारा

 

अन्तरिक्ष यात्री निर्वात् में सीधे खड़े नहीं रह सकते हैं क्यों, – क्योंकि वहाँ पर गुरुत्व नहीं होता हैं

 

एक अन्तरिक्ष यान, जो चक्कर लगा रहा है, से एक सेब छोड़ा जाता है, तो वह -;अन्तरिक्ष यान के साथ-साथ उसी गति से गतिमान रहेगा

 

एक चलायमान वस्तु का वेग दोगुना करने पर, गतिज ऊर्जा का मान क्या होगा – 4 गुना हो जायेगा

 

सड़क पर चलने की अपेक्षा, बर्फ पर चलना कठिन होता है क्यों – क्योंकि बर्फ में सड़क की अपेक्षा घर्षण कम होता है।

 

किस वैज्ञानिक ने न्यूटन से पूर्व ही बता दिया था कि, सभी वस्तुयें पृथ्वी की ओर गुरुत्वाकर्षित होती हैं – ब्रह्मगुप्त (ये गुप्तोत्तर कालीन गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री थे)

 

कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी से कैसे ट्रैक किया जा सकता है – डॉप्लर ट्रैकिंग द्वारा (डॉप्लर प्रभाव)

 

पेण्डुलम घड़ी की गति ऋतुओं में क्या होती है –  ग्रीष्म काल में घड़ी सुस्त हो जाती है,  शीत काल में घड़ी की चाल तीव्र हो जाती है।

 

किन परिस्थितियों में कार्य नहीं होता है – यदि व्यक्ति अपने कन्धे पर 10 kg का भार लेकर खड़ा है

 

वह वस्तु जो स्थान घेरती है उसमें द्रव्यमान होता है और जिसका अनुभव हम अपनी ज्ञानेन्द्रियों से कर सकते हैं क्या कहलाती है – द्रव्य

 

द्रव्य की कितनी अवस्थाएं होती हैं – सामान्यतः तीन (ठोस, द्रव, गैस)

 

द्रव्य की चौथी अवस्था को क्या कहते हैं – प्लाज्मा

 

द्रव्य की पाँचवी (नवीनतम) अवस्था को क्या नाम है – बोस-आइस्टाइन कंडेनसेट

 

किसी वस्तु के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगाए बल को क्या कहते हैं – प्रतिबल