उत्तोलक के आलम्ब (Fulcrum), आयाम (Effort) व भार (Load) की एक-दूसरे के सापेक्ष स्थित्तियों के कारण ये कितने प्रकार के होते हैं – 3 प्रकार के
प्रथम श्रेणी के उत्तोलक का यांत्रिक लाभ क्या होता है? – 1 से अधिक, 1 के बराबर एवं 1 से कम (जैसे- कैंची, प्लास, सिड़ासी उखाड़ने की मशीन, साइकिल के ब्रेक, डंडी तराजू इत्यादि)
द्वितीय श्रेणी के उत्तोलक का यांत्रिक लाभ क्या होता है? – सदैव 1 में अधिक (जैसे- सरौता, नींबू निचोड़ने की मशीन, तम्बाकू काटने वाली मशीन, पहिया, कब्जे पर घुमनेवाला दरवाजा इत्यादि)
तृतीय श्रेणी के उत्तोलक का यांत्रिक लाभ क्या होता है? – सदैव 1 से कम। (जैसे-चिमटा, मनुष्य का हाथ, किसान का हल इत्यादि)
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम क्या है – ब्रह्माण्ड में किन्हीं दो पिण्डों के मध्य कार्य करने वाला आकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके मध्य दूरी के वर्ग के
व्युत्क्रमानुपाती होता है
ब्रह्माण्ड में किन्हीं दो निकायों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस पर निर्भर नहीं करता है – उनके द्रव्यमानों के योग पर
किस कारण पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है – गुरुत्वाकर्षण बल के कारण
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक ‘G’ की खोज किसने की थी – हेनरी कैवेंडिश ने
गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त किसने दिया – आइजैक न्यूटन ने
गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम कहाँ लागू होता है – वस्तुओं के किसी भी युग्म पर
कौन-सा बल हमारे सौर मण्डल की संरचना को बनाये रखता है – गुरुत्वाकर्षण बल
गुरुत्वीय त्वरण का मान भूमध्य रेखा व ध्रुवों पर क्या होता है – भूमध्य रेखा पर न्यूनतम व ध्रुवों पर अधिकतम (अर्थात वस्तु का भार भूमध्य रेखा पर न्यूनतम तथा ध्रुवों पर अधिकतम होगा)
चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण का मान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का कितना होता है – 1/6 भाग
भारहीनता क्या होती है – गुरुत्वाकर्षण की शून्य
स्थिति यदि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का मान शून्य हो जाये, तो – वस्तु का भार शून्य हो जायेगा परन्तु द्रव्यमान वही रहेगा
भारहीनता की अवस्था मे मोमबत्ती का आकार होगा – गोलाकार
पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी को दोगुना करने पर गुरुत्वीय बल का मान कितना होगा – एक चौथाई (1/4) भाग
पृथ्वी, सूर्य के चारो ओर और चन्द्रमा, पृथ्वी के चारो ओर किस बल के कारण गति करते हैं गुरुत्वाकर्षण बल के कारण
वस्तु का भार किस पर निर्भर करता है – गुरुत्वीय बल पर
वस्तु का भार ध्रुवों व भूमध्य रेखा क्या पर होता है – ध्रुवों पर सर्वाधिक; भूमध्य रेखा पर न्यूनतम
वायु, जल, हाइड्रोजन एवं निर्वात् में से किसमें वस्तु का भार अधिक होगा – वायु में
लोहे की एक गेंद जिसका पृथ्वी पर भार 10kg है अन्तरिक्ष में मान क्या होगा – शून्य
भूमि में गुरुत्वीय जल किस दाब पर रहता है – 1/3 वायुमण्डलीय दाब पर
जब कोई वस्तु ऊपर से गिराई जाती है तो उसके भार में क्या परिवर्तन होता है अपरिवर्तित रहता है
पृथ्वी के पलायन वेग का क्या मान होता है – 11.2 km/sec.
पायलन वेग क्या है – पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर फेंकें जाने हेतु आबश्यक वेग ही पलायन वेग होता है। इसके उपरान्त वस्तु पृथ्वी पर वापस नहीं आती है
लकड़ी, लोहे व मोम के सामान आकार के टुकड़ों को समान उंचाई से गिराने पर क्या होगा – सभी साथ-साथ पहुँचेंगे। क्योंकि गुरुत्वीय त्वरण पर
वस्तु के द्रव्यमान का प्रभाव नहीं पड़ता है
पृथ्वी अपने कक्ष में लगभग 4400 Km/h की गति से घुमती है हमारे द्वारा इस गति का अनुभव क्यों नहीं होता है – क्योंकि पृथ्वी की गति की अपेक्षा हमारी गति शून्य रहती है
भू उपग्रह अपने कक्ष में निरन्तर गति करता है, यह अभिकेन्द्रीय बल के प्रभाव से होता है, जो इसे प्राप्त होता है – पृथ्वी द्वारा उपग्रह पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण से
गुरूत्व बल, विद्युत चुम्बकत्व बल, दुर्बल नाभिकीय बल तथा प्रबल नाभिकीय बल के सन्दर्भ में निम्न कथन सत्य है
– विद्युत चुम्बकत्व बल सिर्फ विद्युत आवेश वाले कणों पर किया करते है
– दुर्बल नाभिकीय बल, विघटनाभिकता का कारण है
– प्रबल नाभिकीय बल, परमाणु के केन्द्रक में प्रोटानों और न्यूट्रानों को धारित किये रखता है
गुरूत्व बल, विद्युत चुम्बकत्व बल, दुर्बल नाभिकीय बल व प्रबल नाभिकीय बल में से प्रबलतम और सबसे क्षीण बल है –
– नाभिकीय बल (सबसे प्रबल)
– गुरूत्वीय बल, (सबसे क्षीण)
चन्द्रमा पर वायुमण्डल न होने के क्या कारण है – चन्द्रमा पर गैस अणुओं का पलायन वेग उनके वर्ग माध्य मूल वेग से कम होता है
चन्द्रमा पर पलायन वेग का मान होता है – 2.4 km/Sec.
पृथ्वी तल से ऊपर या नीचे जाने पर गुरुत्वीय त्वरण के मान पर क्या प्रभव पड़ता है – दोनों ही स्थितियों में g का मान घटता है
पृथ्वी के केन्द्र पर गुरुत्वीय त्वरण का क्या मान होता है – शून्य (अतः केन्द्र पर वस्तु का भार शून्य तथा द्रव्यंमान पूर्ववत् रहता है)