भौतिक विज्ञान वन लाइनर – 5

 

यदि कोई वस्तु किसी सतह पर फिसलती है, तो उनके बीच गति का प्रतिरोध करने वाला बल क्या कहलाता है – घर्षण बल

 

घर्षण बल को कम करने हेतु क्या उपाय अपनाये जाते हैं – मशीनों में स्नेहक (Lubricate) तथा बाल बियरिंग (Ball bearing) का प्रयोग

 

बल गुणनफल है – द्रव्यमान एवं त्वरण का

 

भरी हुई गाड़ी को चलाने में, उसे चलायमान रखने के लिए आवश्यक बल की अपेक्षा अधिक बल से धक्का देना पड़ता है क्यों – क्योंकि एक बार गाड़ी चल पड़ने के बाद घर्षण कम हो जाता है 

 

स्थिति विज्ञान (statics-science) के अन्तर्गत अध्ययन किया जाता है – विश्राम की स्थिति का

 

वस्तु की स्थिरता किस पर निर्भर करती है – स्थायी संतुलन की शर्तों पर

 

‘पीसा’ की झुकी हुई मीनार नहीं गिरती है, क्यों, – क्योंकि पीसा के गुरुत्व केन्द्र से गुजरने वाली उर्ध्वाधर रेखा पीसा के तल से होकर गुजरती है

 

यदि लिफ्ट ऊपर की ओर गति कर रही है तो लिफ्ट में स्थित व्यक्ति को क्या महसूस होगा – बढ़ा हुआ भार प्रतीत होगा

 

यदि लिफ्ट नीचे की ओर गति कर रही है तो लिफ्ट में स्थित व्यक्ति का भार क्या होगा – घटा हुआ भार प्रतीत होगा 

 

यदि लिफ्ट एक समान वेग से (त्वरण a=0) ऊपर या नीचे गति करती है तो व्यक्ति का भार क्या होगा – भार में कोई परिवर्तन नहीं होगा 

 

नीचे आते वक्त यदि लिफ्ट का त्वरण (a), गुरुत्वीय त्वरण (g) से अधिक हो तो व्यक्ति के भार पर क्या क्या प्रभाव पड़ेगा – व्यक्ति लिफ्ट की फर्श से उठकर छत से टकरा जायेगा

 

किसी वस्तु को चाँद की सतह से पृथ्वी तल पर लाने के बाद वस्तु का भार क्या होगा – भार में वृद्धि होगी 

 

चन्द्रमा पर कम गुरुत्वाकर्षण बल का क्या कारण है – वायुमण्डल का अभाव 

 

नैनोद्रव्यों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण गुण होता है – घर्षण

 

वृत्ताकार पथ में केंद्र की ओर कौन सा बल लगता है – अभिकेन्द्री बल

 

एक सेकेण्ड में पिण्ड अपनी गति को जितनी बार दोहराती है, वह पिण्ड की क्या कहलाती है – आवृत्ति

 

आवृत्ति का S.I. मात्रक क्या होता है – हर्ट्ज या प्रति सेकेण्ड

 

आवर्तकाल का मान किस पर निर्भर करता है – डोरी की प्रभावी लम्बाई व गुरुत्वीय त्वरण (g) के मान पर

 

यदि सरल लोलक की प्रभावी लम्बाई बढ़ा दी जाये तो आवर्तकाल क्या होगा – आवर्तकाल बढ़ जायेगा 

 

यदि किसी प्रणाली पर कार्य करने वाले आघूर्ण का सदिश योग शून्य है, तो वस्तु की स्थिति क्या कहलाती है – घूर्णीय संतुलन

 

एक घूर्णन करती वस्तु का प्रत्येक बिन्दु पर क्या एक समान होता है – कोणीय वेग

 

यदि पृथ्वी के घूर्णन की गति बढ़ा दी जाये, तो शरीर के वजन पर क्या प्रभाव पड़ेगा – शरीर का वजन घट जायेगा

 

पेण्डुलम लयबद्ध दोलक की तरह काम करता है। अतः इसका प्रयोग कहाँ किया जाता है – घड़ी में

 

लट्टू का घूमना किसका उदाहरण है – केन्द्राभिमुखी बल का

 

रोलर कोस्टर की सवारी में कौन-सा बल कार्य करता है – अभिकेन्द्रीय बल

 

किसी निकाय को एक समान वृत्तीय गति में चलाने में लगने वाले आवश्यक नियत बल को क्या कहा जाता है – अभिकेन्द्री बल

 

जब कोई वस्तु एक समान वृत्तीय गति से घूर्णन करती है तो प्रत्येक बिन्दु पर क्या परिवर्तित होता रहता है – वेग

 

किसी इलेक्ट्रानिक घड़ी में लोलक घड़ी के लोलक के समतुल्य पुर्जा होता है – क्रिस्टलीय दोलित्र (Crystal oscileator)

 

घड़ी में स्फटिक क्रिस्टल का कार्य किस पर आधारित होता है – दाब विद्युत् प्रभाव पर

 

लोलक घड़ियाँ गर्मियों में सुस्त हो जाती है क्यों, क्योंकि

-लोलक की लम्बाई बढ़ जाती है

-दोलन का समय बढ़ जाता है

-लम्बाई बढ़ने से आवर्तकाल बढ़ जायेगा

 

लोलक की कालावधि (Time Period) किस पर निर्भर करती है – लोलक की लम्बाई पर 

 

आयतन, भार, द्रव्यमान व घनत्व में से क्या अपरिवर्तित रहेगा, यदि वस्तु की मात्रा में परिवर्तन कर दिया जाये – घनत्व अपरिवर्तित रहेगा

 

साधारण यंत्र किसी व्यक्ति की सहायता कैसे करता है – कम बल का प्रयोग करके भी उतनी ही मात्रा में काम किया जा सकता है

 

साधारण यंत्र या सरल मशीन किस सिद्धान्त पर कार्य करते हैं – बल आघुर्ण के सिद्धान्त पर 

 

सरल मशीन के उदाहरण निम्न है

उत्तोलक (Wever),

घिरनी (Pulley),

आनततल (Inclined Plane)

स्क्रू जैक (Serew Jack) 

 

सरल मशीन की दक्षता (Efficiency) कितनी होती है – 100% से कम होती है