भारत की आर्थिक उपलब्धि:
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- भारत ने 4.186 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का रिकॉर्ड स्थापित किया है। यह उपलब्धि भारत के समाज के सबसे कमजोर वर्गों को भी विकास की मुख्यधारा में शामिल करने की प्रक्रिया का परिणाम है।
नीतिगत सुधार:
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- 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ लेने के समय भारत की अर्थव्यवस्था दसवीं सबसे बड़ी थी। लेकिन, भारत ने वस्तु एवं सेवा कर (GST), इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC), मेक इन इंडिया और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे सुधारों के माध्यम से अपने विकास को तेज़ किया।
- भारत की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग 2014 में 142 से बढ़कर 2020 में 63 हो गई।
डिजिटल इंडिया और तकनीकी नवाचार:
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- डिजिटल इंडिया मुहिम ने गांवों और शहरों तक इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं को पहुंचाया, जिससे डिजिटल भुगतान, स्टार्टअप और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिला।
- UPI जैसे प्रणालियों ने डिजिटल भुगतान को सहज और सरल बना दिया।
बुनियादी ढांचे और मैन्युफैक्चरिंग में सुधार:
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- भारतमाला, सागरमाला, और स्मार्ट सिटी मिशन जैसे परियोजनाओं के तहत 80,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हुआ।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और स्वच्छ भारत मिशन जैसी पहलों ने गांवों और शहरों का कायाकल्प किया।
निर्यात में वृद्धि:
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- 2023-24 में भारत का कुल निर्यात (सामान और सेवाएं) 824.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया। आईटी सेवाएं, फार्मा, रत्न और आभूषण, कपड़ा और इंजीनियरिंग उत्पाद में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।
समावेशी विकास:
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- प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 53.13 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए।
- उज्ज्वला योजना ने 11 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा की सुरक्षा मिली।
भारत का वैश्विक महत्व:
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- वैश्विक विश्लेषक मानते हैं कि भारत 2027 तक जापान को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
- भारत का विकास सशक्तिकरण और समानता के मूल्यों पर आधारित है, और यह भारत के नागरिकों के सामूहिक संघर्ष और सपनों की सफलता है।
निरंतर सुधारों की दिशा:
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- भारत की 25 वर्षीय यात्रा में FDI, डिजिटल नवाचार और आधिकारिक नीतियों ने अर्थव्यवस्था को मजबूत किया और इसे वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया।
Source: DD News