भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संबंध और पीएम मोदी की यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11-12 मार्च, 2025 को मॉरीशस की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे, जहां वे मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस यात्रा से पहले, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने मॉरीशस के चागोस द्वीपसमूह पर दावे का समर्थन किया है, क्योंकि यह भारत की विदेश नीति के तहत उपनिवेशवाद समाप्ति की परंपरा का हिस्सा है।

विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बताया कि चागोस द्वीपसमूह के मुद्दे पर भारत ने मॉरीशस के दावे का समर्थन किया है, क्योंकि यह उपनिवेशवाद समाप्त करने की नीति के अनुरूप है। चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही थी। हाल ही में, यू.के. और मॉरीशस के बीच एक राजनीतिक समझौता हुआ, जिसके तहत मॉरीशस की संप्रभुता को चागोस द्वीपसमूह पर बहाल किया जाएगा, जबकि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण डिएगो गार्सिया सैन्य अड्डा यू.एस.-यू.के. गठबंधन के अंतर्गत बना रहेगा।

3 अक्टूबर, 2024 को, ब्रिटेन ने घोषणा की थी कि इस समझौते को औपचारिक रूप देने के लिए एक संधि पर काम किया जा रहा है। यह समझौता तब और अधिक चर्चाओं में आ गया जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रारंभिक टिप्पणियों से यह संकेत मिला कि अमेरिका इस संधि में ब्रिटेन का समर्थन नहीं करेगा। हालांकि, हाल की रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ने इस समझौते के लिए ब्रिटेन का समर्थन करने का फैसला किया है। यू.के. के विदेश सचिव डेविड लैमी ने स्पष्ट किया है कि यदि ट्रंप इस समझौते पर वीटो लगाते हैं, तो ब्रिटेन इसे आगे नहीं बढ़ाएगा।

विदेश सचिव मिश्री ने मॉरीशस को भारत का एक महत्वपूर्ण समुद्री साझेदार बताया और कहा कि इस यात्रा के दौरान भारतीय वायुसेना की टुकड़ी और भारतीय नौसेना का एक जहाज मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेगा। प्रधानमंत्री मोदी की पिछली मॉरीशस यात्रा 2015 में हुई थी, और इस बार भी उनकी यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

इस यात्रा के दौरान भारत और मॉरीशस के बीच समुद्री सुरक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने वाले कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। भारत और मॉरीशस के घनिष्ठ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, और यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।

Source: The Hindu