भारत ने यूनेस्को की अस्थायी सूची में छह नए स्थलों को जोड़ा

भारत ने छह नए स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर केंद्र की अस्थायी सूची (Tentative List) में शामिल किया है। इनमें कुछ स्थल क्रमिक रूप से सूचीबद्ध किए गए हैं, जैसे कि अशोककालीन शिलालेख स्थल (Ashokan Edict Sites) और चौसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Temples), जो देश के विभिन्न राज्यों में स्थित हैं।

भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल (Permanent Delegation of India to UNESCO) ने 7 मार्च को इन स्थलों को सूची में जोड़े जाने की घोषणा की। इस संबंध में भारत ने यूनेस्को के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” (X) पर एक बयान साझा किया।

भारत की अस्थायी सूची में जोड़े गए छह नए स्थलों में शामिल हैं:

  1. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Kanger Valley National Park) – छत्तीसगढ़
  2. मुडुमल मेगालिथिक मेन्हिर्स (Mudumal Megalithic Menhirs) – तेलंगाना
  3. अशोककालीन शिलालेख स्थल (Ashokan Edict Sites) – विभिन्न राज्य (क्रमिक नामांकन)
  4. चौसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Temples) – विभिन्न राज्य (क्रमिक नामांकन)
  5. गुप्तकालीन मंदिर (Gupta Temples) – उत्तर भारत के विभिन्न राज्य (क्रमिक नामांकन)
  6. बुंदेला शासकों के महल-किले (Palace-Fortresses of the Bundelas) – मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश

किसी भी स्थल को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची (World Heritage List) में शामिल किए जाने के लिए पहले उसे अस्थायी सूची में जोड़ा जाना अनिवार्य होता है। यह अस्थायी सूची उन स्थलों की सूची होती है, जिन्हें प्रत्येक देश भविष्य में विश्व धरोहर के रूप में नामांकित करने का इरादा रखता है। इन छह स्थलों के जोड़ने के साथ ही भारत के पास अब कुल 62 स्थल अस्थायी सूची में शामिल हो चुके हैं।

यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, चौसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Temples) देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं और इन्हें क्रमिक रूप से नामांकित किया गया है।

  • इन मंदिरों में कुल 64 योगिनियों की प्रतिमाएँ होती हैं, जो अपने-अपने व्यक्तिगत मंदिरों (श्राइन) में स्थापित होती हैं।
  • यह मंदिर वृत्ताकार (circular) रूप से बने होते हैं और इनमें पत्थर की बारीक नक्काशी की जाती है।
  • ये मंदिर आमतौर पर पहाड़ियों की चोटियों पर स्थित होते हैं।
  • ‘योगिनी’ शब्द का अर्थ है योग की महिला साधिका, और ‘चौसठ’ का अर्थ है 64
  • योगिनियाँ मुख्य रूप से वन आत्माएँ (forest spirits) और मातृ देवियाँ (mother goddesses) मानी जाती हैं।
  • इन योगिनियों में आकर्षण और भय दोनों का मिश्रित रूप देखने को मिलता है।

वर्तमान में भारत में कुल 43 स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। इनमें शामिल श्रेणियाँ निम्नलिखित हैं:

  • 35 सांस्कृतिक (Cultural) स्थल
  • 7 प्राकृतिक (Natural) स्थल
  • 1 मिश्रित (Mixed) स्थल

साल 2024 में भारत ने पहली बार विश्व धरोहर समिति (World Heritage Committee) की बैठक की मेजबानी की। इस बैठक के दौरान मोइडाम (Moidams) – अहोम वंश (Ahom Dynasty) की समाधि प्रणाली को यूनेस्को की विश्व धरोहर का दर्जा प्रदान किया गया।

मोइडाम्स क्या हैं?
मोइडाम्स असम में स्थित अहोम वंश के शाही समाधि स्थल हैं, जो ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। ये समाधियाँ टीले (mound) के रूप में बनाई गई थीं और इनमें शाही परिवारों के अवशेष संरक्षित किए गए थे। इन्हें भारत के सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जाता है।

भारत की इस नई पहल से देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को वैश्विक पहचान मिलेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

Source: The Hindu