सतपुड़ा श्रेणी का पश्चिमी और पूर्वी विस्तार कहाँ तक है – रतनपुर से अमरकंटक तक
सतपुड़ा श्रेणी की औसत ऊँचाई लगभग कितनी है – 770 मी.
कौन-सी पर्वत श्रेणी नर्मदा एवं ताप्ती नदियों के मध्य स्थित है – सतपुड़ा श्रेणी
अरावली के पूर्वी भाग से कौन-सी नदी निकलती है – बनास नदी
सतपुड़ा श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है – धूपगढ़ (1350 मी.)
धूपगढ़ चोटी कहाँ अवस्थित है – महादेव पर्वत पर
पंचमढ़ी शिखर (1350 मीटर) कहाँ अवस्थित है – महादेव पहाड़ी पर
मैकाल श्रेणी की सर्वोच्च चोटी कौन-सी है – अमरकंटक (1065 मी.)
नीलगिरी, अन्नामलाई, कार्डामम तथा पालनी पहाड़ियाँ कहाँ स्थित है – केरल एवं तमिलनाडु की सीमा पर
कौन-सी पहाड़ियाँ कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु राज्यों के मिलन स्थल पर स्थित है – नीलगिरि पहाड़ियाँ
किस पहाड़ी पर पूर्वी घाट, पश्चिमी घाट से मिलता है – नीलगिरि पहाड़ी पर
नीलगिरी पर्वत की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है – डोडाबेट्टा (2637 मी.)
नीलगिरी पर्वत की दूसरी सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है – माकुमी (2554 मी.)
दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है – अनाईमुड़ी (2695 मी.)
अनाईमुडी चोटी किस पर्वतमाला का भाग है – अन्नामलाई पर्वत
प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ‘कोडाईकनाल’ कहाँ अवस्थित है – पालनी पहाड़ियों में
दक्षिण भारत के भगवान रंगनाथा (जिन्हें भगवान वेंकटेश भी कहते हैं) का मंदिर कहाँ स्थित है – तिरूमल्ला पहाड़ी पर
चंदन के वनों के लिये कौन-सी पर्वत श्रेणी प्रसिद्ध है – मलय गिरि पर्वत श्रेणी
कौन-सा पर्वत प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणतम भाग में अवस्थित है – इलायची (कार्डामम) पर्वत
कन्याकुमारी से सटी पहाड़ियाँ कौन-सी है – कार्डामम पहाड़ियाँ
पश्चिमी घाट पर्वत की लम्बाई कितनी है – 1600 किमी.
पश्चिमी घाट पर्वत का विस्तार कहाँ से कहाँ तक है – ताप्ती नदी घाटी से कन्याकुमारी तक
किस पर्वतमाला को सह्याद्रि के नाम से जाना जाता है – पश्चिमी घाट को
उत्तरी सह्याद्रि का सर्वोच्च शिखर कौन-सा है – कल्सुबाई (1646 मी.)
उत्तरी सह्याद्रि का दूसरा सर्वोच्च शिखर कौन-सा है – महाबलेश्वर (1438 मीटर)
उत्तरी एवं दक्षिणी सह्याद्रि की विभाजक रेखा कौन-सी है – 16° उत्तरी अक्षांश रेखा
दक्षिणी सह्याद्रि का निर्माण मुख्य रूप से किस चट्टान से हुआ है – ग्रेनाइट एवं नीस चट्टान से
दक्षिणी सह्याद्रि का सर्वोच्च शिखर कौन-सा है – कुद्रेमुख (1892 मी.)
दक्षिणी सह्यादि का दूसरा सर्वोच्च शिखर कौन-सा है – पुष्पगिरि (1714 मी.)
महाबलेश्वर तथा हरिश्चंद्र किस पर्वत श्रेणी की प्रमुख चोटियाँ हैं – पश्चिमी घाट
पश्चिमी घाट पर्वत का पश्चिमी ढाल कैसा है – तीव्र एवं खड़ा
पश्चिमी घाट पर्वत का पूर्वी ढाल कैसा है – मंद एवं सीढ़ीनुमा
पश्चिमी घाट की प्रमुख पहाड़ियों का उत्तर से दक्षिण का क्रम है – नीलगिरी पहाड़ी अन्नामलाई पहाड़ी इलायची या कार्डामम पहाड़ी
पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट को जोड़ने वाली पहाड़ियाँ कौन-सी हैं – नीलगिरि पहाड़ियाँ
किसी स्थलीय भाग के दोनों ओर के स्थल खंडों के नीचे धंस जाने से मध्य का भाग जो पर्वत की तरह ऊँचा उठा रह जाता है, क्या कहलाता है – ब्लॉक पर्वत (भ्रंशोत्थ)
पूर्वी घाट पर्वत का विस्तार कहाँ तक है – ओडिशा से लेकर तमिलनाडु तक
पूर्वी घाट पर्वत का सर्वोच्च शिखर कौन-सा है – जिंधागड़ा, विशाखापत्तनम् (1690 मीटर)
पूर्वी घाट पर्वत का दूसरा सर्वोच्च शिखर कौन-सा है – महेन्द्रगिरि (1501 मीटर)
पूर्वी घाट की औसत ऊँचाई पश्चिमी घाट की अपेक्षा लगभग कितने मीटर कम है – 1100 मीटर
पूर्वी घाट के मध्य भाग में स्थित पूर्वी तथा पश्चिमी पहाड़ियों को क्रमशः किन श्रेणियों के नाम से जाना जाता है – वेलीकोंडा श्रेणी एवं पालकोंडा श्रेणी
पूर्वी घाट में शिखरों की आकृति कैसी है – कँटीली
भारतीय तटीय मैदान का विस्तार कहाँ तक है – प्रायद्वीपीय पर्वत श्रेणी एवं समुद्र तट के मध्य
तटीय मैदान के निर्माण का प्रमुख कारण क्या है – सागरीय तरंगों द्वारा अपरदन एवं निक्षेपण तथा पठारी नदियों के अवसाद के जमाव
पश्चिमी तटीय मैदान का विस्तार कहाँ तक हैं – सूरत से कन्याकुमारी तक