भारत का भूगोल वन लाइनर – 3

 

भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 11% भू-भाग पर्वतीय, 18% पहाड़ी, 20% पठारी और शेष 43% भू-भाग मैदानी है।

 

हिमालय पर्वत का निर्माण कैसे हुआ है – ‘युरेशियाई प्लेट’ (अंगारालैण्ड) और भारतीय प्लेट के टकराने से (गोंडवाना लैंड)

 

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार, हिमालय उत्पत्ति का कारण क्या माना जाता है – टेथिस सागर में जमें मलबों में दबाव या टेथिस सागर के अवसादों में वलन पड़ना

 

हिमालय का निर्माण किस काल में हुआ – टर्शियरा काल में

 

कुमायूँ हिमालय का सर्वोच्च पर्वत शिखर कौन-सा है – नंदादेवी

 

गंगोत्री हिमनद किस हिमालय में अवस्थित है – कुमायूँ हिमालय में

 

‘फूलों की घाटी’ कहाँ अवस्थित है – कुमायूॅ हिमालय में

 

हिमालय का सर्वाधिक ऊँचा भाग विद्यमान है- नेपाल हिमालय में

 

पश्चिमी भाग की अपेक्षा हिमालय के पूर्वी भाग की ऊँचाई में जैव विविधता पाई जाती है – अधिक

 

विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी कौन-सी है – हिमालय

 

हिमालय के प्रादेशिक विभाजन की संकल्पना किसने दी थी – ‘सिडनी बुर्रार्ड’ ने

 

हिमालय अपनी वर्षा का अधिकांश भाग किस मानसून से प्राप्त करता है – दक्षिण पश्चिम मानसून से

 

हिमालय से निकलने वाली सभी नदियाँ हैं – सतत वाहिनी

 

यदि हिमालय पर्वत श्रेणियाँ नहीं होती तो भारत पर सर्वाधिक संभाव्य भौगोलिक प्रभाव क्या होता – 

(i) देश के अधिकांश भाग में साइबेरिया से आने वाली शीत लहरों का अनुभव होता है

(ii) सिंध-गंगा मैदान इतनी सुविस्तृत जलोढ़ मृदा से वंचित होता

(iii) मानसून का प्रतिरूप वर्तमान प्रतिरूप से भिन्न होता है

 

तिब्बती हिमालय किसे कहा जाता है – ट्रांस हिमालय

 

ट्रांस हिमालय के अंतर्गत कौन-सी पर्वत श्रेणियाँ सम्मिलित हैं – काराकोरम, लद्दाख, जास्कर एवं कैल

 

ट्रांस हिमालय की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है – गॉडविन ऑस्टिन 

 

विश्व की सर्वाधिक तीव्र ढाल वाली चोटी ‘राकापोशी’ कहाँ स्थित है – ट्रांस हिमालय में

 

ट्रांस हिमालय में स्थित किस पर्वत श्रेणी को ‘उच्च एशिया की रीढ़’ कहा जाता है – काराकोरम श्रेणी को

 

काराकोरम श्रेणी का पश्चिमी विस्तार कहाँ तक है – पामीर गाँठ तक

 

काराकोरम श्रेणी का पूर्वी विस्तार कहाँ तक है – कैलाश श्रेणी तक

 

ट्रांस हिमालय, वृहद हिमालय से किस संरचना द्वारा अलग होता है – इंडस सांगपो शचर जोन (ITSZ) द्वारा

 

ट्रांस हिमालय के किन श्रेणियों के मध्य से होकर सिंधु नदी बहती है – जास्कर एवं लद्दाख श्रेणी से

 

अक्साई चीन किस श्रेणी में अवस्थित है – लद्दाख श्रेणी में

 

लद्दाख श्रेणी की सर्वोच्च चोटी कौन-सी है – राकापोशी

 

जास्कर श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है – नंगा पर्वत

 

‘भारत की सबसे गहरी गार्ज’ कहाँ स्थित है – बुंजी (लद्दाख श्रेणी 5200 मी गहरी)

 

काराकोरम श्रेणी को किस उपनाम से जाना जाता है – कृष्णागिरी पर्वत

 

पामीर की गाँठ कहाँ स्थित हैं – ट्रांस हिमालय (तिब्बत) में

 

बर्फीला हिमालय अथवा ‘हिमाद्रि’ किस हिमालय को कहा जाता है – महान हिमालय को

 

महान हिमालय का विस्तार कहाँ तक है – सिंधु नदी से नामचाबरवा पर्वत तक

 

महान हिमालय, लघु हिमालय से किस संरचना द्वारा अलग होता है – मेन सेन्ट्रल थ्रस्ट द्वारा

 

विश्व की सबसे ऊँची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ या ‘सागरमाथा’ किस पर्वतश्रृंखला में अवस्थित है – महान हिमालय में

 

महान हिमालय के वलय की प्रकृति कैसी है – असममित

 

वृहद हिमालय का पर्वतीय ढाल, उत्तर में मंद तथा दक्षिण में तीव्र होने का प्रमुख कारण क्या है – इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट द्वारा लगने वाला अभिसारी बल

 

वृहद हिमालय काटकर बहने वाली पूर्ववर्ती नदियाँ कौन-कौन सी है – सिंधु, ब्रह्मपुत्र एवं अलकनंदा

 

एवरेस्ट, मकालू, अन्नपूर्णा तथा कंचनजंगा चोटियों में से सबसे पूर्व में स्थित चोटी कौन सी है – कंचनजंगा

 

हिमालय की रचना समांतर वलय श्रेणियों से हुई है, इसमें से प्राचीनतम् श्रेणी कौन-सी है – वृहद् हिमालय श्रेणी

 

महान हिमालय के दक्षिण में स्थित श्रृंखला को क्या कहा जाता है – लघु/मध्य हिमालय

 

लघु हिमालय की सबसे लम्बी पर्वत श्रृंखला कौन-सी है – पीर पंजाल 

 

हिमालय की कौन-सी श्रेणी सर्वाधिक चौड़ी है – लघु हिमालय 

 

अटल टनल (9.02 किमी.) किस पर्वत श्रृंखला में अवस्थित है – पूर्वी पीरपंजाल श्रृंखला

 

कश्मीर घाटी में हिमोढ़ निक्षेप द्वारा निर्मित संरचना को क्या कहा जाता है? – करेवा

 

लघु हिमालय श्रेणी को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है – महाभारत श्रेणी/हिमाचल श्रेणी

 

लघु हिमालय कहाँ अवस्थित है – शिवालिक और महान हिमालय के मध्य में

 

किन दो पर्वत श्रेणियों के मध्य कश्मीर घाटी स्थित है – वृहद हिमालय व पीरपंजाल के मध्य

 

पीरपंजाल के दक्षिण में अवस्थित पर्वतीय क्षेत्र कौन-सा है – धौलाधर

 

पीरपंजाल एवं बनिहाल दर्रा किस पर्वत श्रेणी में स्थित है – पीरपंजाल श्रेणी

 

शिमला नगर किस पर्वत श्रेणी पर स्थित है – धौलाधर श्रेणी पर 

 

लघु हिमालय की ढाल पर छोटे-छोटे घास के मैदानों को कश्मीर तथा उत्तराखण्ड क्रमशः किन नामों से जाना जाता है – ‘मर्ग’ तथा बुग्याल (पयार)

 

भारत के प्रसिद्ध स्वास्थ्यवर्द्धक पर्यटन स्थल जैसे- शिमला, मसूरी, नैनीताल, रानीखेत आदि कहाँ अवस्थित है – लघु हिमालय व शिवालिक श्रेणी के मध्य

 

मध्य हिमालय की औसत ऊँचाई लगभग कितनी है – 3700-4500 मीटर

 

काठमांडू घाटी हिमालय के किस भाग में स्थित है – मध्य तथा महान हिमालय के बीच में

 

कश्मीर घाटी, लाहुल स्पीति, कुल्लू एवं कांगड़ा घाटियाँ कहाँ अवस्थित है – वृहद एवं लघु हिमालय के मध्य में

 

हिमालय में मुख्य सीमान्त भ्रंश (MBT) किसको पृथक करता है – मध्य हिमालय को शिवालिक श्रेणी

 

हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला (सबसे दक्षिण) को क्या कहा जाता है – शिवालिक

 

हिमालय की नवीनतम् पर्वत श्रेणी कौन-सी है – शिवालिक श्रेणी

 

हिमालय के किस भाग में सबसे गहन अपरदन है – शिवालिक उपांत में

 

शिवालिक श्रेणियों की औसत ऊँचाई कितनी है – 900-1200 मीटर

 

शिवालिक की उत्पत्ति का प्रमुख कारण क्या है – अवसादों का निक्षेपण तथा उनमें वलन पड़ना

 

शिवालिक का विस्तार कहाँ तक है – पाकिस्तान के पोटवार बेसिन से असम के दिहांग तक

 

शिवालिक के निचले भाग को क्या कहते हैं – तराई

 

कौन-सी संरचना शिवालिक को भारत के उत्तरी मैदान से अलग करती है – हिमालयन फ्रॉन्टल फॉल्ट (HFF)

 

शिवालिक हिमालय तथा लघु हिमालय के मध्य में स्थित लंबवत घाटी को किस नाम से जाना जाता है – दून व द्वार

 

हिमालय के सबसे पूर्वी सीमा का निर्धारण करती है – ब्रह्मपुत्र नदी

 

उत्तर-पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में निवासित जनजातियाँ किस प्रकार की खेती करती है – ‘झूम’ या ‘स्थानांतरी कृषि’

 

मिकिर पहाड़ियाँ किस राज्य में स्थित हैं – असम

 

पूर्वी हिमालय की तुलना में ट्री-लाइन का ऊँचाई मान पश्चिम हिमालय में होता है – कम

 

हिमालय का सबसे बड़ा ग्लेशियर कौन-सा है – सियाचिन (76.64 किमी.)

 

सियाचीन हिमनद की अवस्थिति कहाँ है – कराकोरम श्रेणी

 

अरावली पर्वत श्रेणी की उत्पत्ति किस काल में हुई है – प्री-कैंब्रियन काल में

 

भारत की प्राचीनतम पर्वत श्रेणी कौन-सी है – अरावली

 

अरावली श्रेणियाँ मुख्यतः किस राज्य में स्थित है – राजस्थान

 

कौन-सी पर्वत श्रेणी ‘रेजीड्युल पर्वत’ (अवशिष्ट पर्वत) का उदाहरण है – अरावली पर्वत

 

अरावली पर्वत का विस्तार लगभग कितना है – 800 किमी. (दिल्ली रिज से गुजरात के पालनपुर तक)

 

अरावली पर्वत की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है – गुरू शिखर (1722 मी.)

 

जैनियों का प्रसिद्ध धर्मस्थल ‘दिलवाड़ा जैन मंदिर’ किस पहाड़ी में स्थित है – आबू पहाड़ी में

 

कुंभलगढ़ शिखर किस पर्वतश्रेणी का भाग है – अरावली

 

गुरू-शिखर चोटी किस पहाड़ी पर स्थित है – माउंट आबू पहाड़ी पर

 

विंध्य श्रेणी का विस्तार कहाँ तक है- गुजरात से छत्तीसगढ़ तक

 

विंध्य श्रेणी की सामान्य ऊँचाई लगभग कितनी है – 450-600 मीटर

 

विंध्याचल पर्वतमाला किन पहाड़ियों का समूह है- विंध्याचल, भान्डेर एवं कैमूर की पहाड़ी

 

कैमूर श्रेणी किन-दो नदियों के मध्य जलद्विभाजक का कार्य करती है – टोंस एवं सोन नदियों के मध्य