- अंगारालैण्ड तथा गोंडवानालैण्ड के मध्य अवस्थित भू-सन्नति कौन-सी है – टेथिस सागर
- भारतीय उपमहाद्वीप मूलतः किस विशाल भूखण्ड का भाग है – गोंडवानालैण्ड
- भारत के पश्चिमी तट का निर्माण कैसे हुआ – भूमि के उत्थान एवं निर्गमन के कारण
- सर्वप्रथम आर्कियन संरचना का विकास कैसे हुआ – गर्म गलित पदार्थों के शीतलीकरण (लावा, मैग्मा के रूपान्तरण से) के द्वारा
- प्री-कैंब्रियन महाकल्प के किस क्रम की चट्टानों में जीवाश्म नहीं पाये जाते हैं – आर्कियन क्रम की
- आर्कियन क्रम की चट्टानें मुख्य रूप से किन क्षेत्रों में पायी जाती हैं – आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छोटा नागपुर का पठार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, मेघालय का पठार तथा बुंदेलखण्ड क्षेत्र
- आर्कियन संरचना किस प्रकार के चट्टानों से निर्मित है – आग्नेय चट्टानों से
- प्री-कैंब्रियन काल में अरावली पहाड़ियों का निर्माण किस रूप में हुआ था – मोड़दार पर्वतों के रूप में
- धारवाड़ क्रम की चट्टानों का निर्माण किस काल में हुआ – प्री-कैंब्रियन काल में
- धारवाड़ किस प्रकार की चट्टानी संरचना है – जीवाश्म रहित कायांतरित अवसादी संरचना
- धारवाड़ संरचना का सर्वाधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ है – कर्नाटक के धारवाड़ क्षेत्र में
- भारत में धारवाड़ क्रम की चट्टानें हिमालय की किन श्रेणियों में पायी जाती है – लद्दाख, जास्कर, गढ़वाल तथा कुमाऊँ श्रेणी में
- भारत के धात्विक खनिज संसाधन सबसे अधिक किस संरचना में पाये जाते हैं – धारवाड़ संरचना में
- भारत के किस भौमिकीय शैल क्रम में लौह अयस्क का समृद्ध भण्डार पाया जाता है – धारवाड़ क्रम
- कुडप्पा संरचना का सर्वाधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ है – आन्ध्र प्रदेश के ‘कुडप्पा क्षेत्र’ में
- कुडप्पा संरचना में सर्वाधिक भण्डार है – चूना पत्थर का
- कुडप्पा संरचना किन चट्टानों के लिये प्रसिद्ध है – चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, एस्बेस्टस, और संगमरमर हेतु
- विंध्यन क्रम की चट्टानों का निर्माण कैसे हुआ – जलनिक्षेपों द्वारा
- विंध्यन संरचना निर्मित है – अवसादी चट्टान से
- विंध्यन क्रम की चट्टानों का विस्तार किन क्षेत्रों में है – सासाराम व रोहतास क्षेत्र (बिहार), चित्तौड़गढ़ क्षेत्र (राजस्थान), होशंगाबाद (मध्य प्रदेश), आगरा
- पन्ना (मध्य प्रदेश) तथा गोलकुण्डा (आन्ध्र प्रदेश) की हीरा की खानें किस संरचना (चट्टानों) में पायी जाती है – विंध्यन क्रम की संरचना में
- प्रायद्वीपीय भारत में गोंडवाना संरचना का विकास किस युग में हुआ – ‘कार्बोनिफेरस-पर्मियन’ युग में
- गोंडवाना संरचना का निर्माण कैसे हुआ – अवसादों के निक्षेपण के द्वारा
- गोंडवाना लैंड के टूटने का क्रम किस युग में प्रारम्भ हुआ – जुरासिक युग में
- गोंडवाना संरचना का संबंध किन नदी बेसिनों से है – दामोदर, महानदी, गोदावरी, सोन तथा नर्मदा नदी बेसिन से है
- ‘बिटुमिनस कोयला’ के भण्डार की दृष्टि से भारत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण संरचना कौन-सी है – गोंडवाना संरचना
- कौन-सी चट्टान प्रणाली, भारत में नवीनतम है – गोंडवाना
- ‘दक्कन ट्रैप’ किस चट्टान से निर्मित संरचना है – बेसाल्ट चट्टान से
- दक्कन ट्रैप संरचना का मुख्यतः विकास किस क्षेत्र में हुआ है – महाराष्ट्र एवं मालवा क्षेत्र
- ‘दक्कन ट्रैप’ संरचना का विकास किन अन्य क्षेत्रों में है – गुजरात के काठियावाड़ प्रायद्वीप, कर्नाटक के बंगलूरू- मैसूर पठार, आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के पठार तथा छोटा नागपुर के राजमहल पर्वतीय क्षेत्र
- राजमहल ट्रैप का निर्माण किस काल ‘में हुआ था – जुरैसिक काल
- दक्कन ट्रैप का निर्माण किस काल में हुआ – क्रिटैशियस काल में (आदि नूतन)
- भारत के दक्कन के पठार पर बेसाल्ट निर्मित लावा शैलों का निर्माण कब हुआ – क्रिटेशियस युग में
- सेनोज़ोइक का अर्थ है – नवीन जीवन
- देश की वर्तमान स्थलाकृति किस युग में सुनिश्चित हुई – प्लीस्टोसीन युग में
- पृथ्वी पर सबसे व्यापक हिमयुग (गुंज, मिंडेल, रिस, बुर्म) किस काल में आया – प्लीस्टोसीन काल में
- इंडस सांगपो शचर जॉन (ITSZ) का निर्माण कब हुआ – प्लायोसीन और इयोसीन काल के मध्य में
- MBF (Main Boundary Fault) का विकास कब हुआ – सेनोजोइक काल में
- वृहद हिमालय की उत्पत्ति किस काल में हुई – ओलिगोसीन काल में
- ‘शिवालिक हिमालय’ की उत्पत्ति किस काल में हुई – प्लायोसीन काल में
- ‘लघु/मध्य हिमालय’ की उत्पत्ति किस काल में हुई – मायोसीन काल में
- विशाल मैदान के बांगर एवं खादर रूप का विकास कब हुआ – अत्यन्त नूतन युग में
- नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी नदियों की वेदिकाओं का निर्माण कब हुआ – सेनोज़ोइक के अत्यन्त नूतन युग में
- राजस्थान मरुस्थल अथवा थार मरुस्थल किसका विस्तार है – प्लीस्टोसीन एवं अभिनव जमाव
- पश्चिमी घाट का निर्माण किस काल में हुआ – उत्तर नूतन काल