अनुच्छेद-19 के अन्तर्गत कौन सी स्वतंत्रतायें दी गयी हैं – वाक् आदि से सम्बन्धित स्वतंत्रतायें
किस अनुच्छेद के तहत् अपराधों के लिए दोषसिद्धि के सम्बन्ध में संरक्षण प्रदान किया गया है – अनुच्छेद-20 के तहत्
प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है – अनु. 21 के तहत्
अनुच्छेद-21 क के अन्तर्गत कौन-सा मूल अधिकार प्रदत्त किया गया है – शिक्षा का मूल अधिकार
अनुच्छेद-22 के द्वारा कौन-सा मूल अधिकार प्रदत्त किया गया है – कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण का मूल अधिकार।
मूल संविधान द्वारा अनुच्छेद 19 के तहत् कुल कितनी स्वतंत्रतायें उपबन्धित की गयी थी – 7 (सात)
वर्तमान में अनुच्छेद 19 के तहत् कुल कितनी स्वतंत्रताओं का उल्लेख है – 6 (छः)
किस अनुच्छेद के तहत् वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रत्याभूत की गयी है -अनुच्छेद 19 (1) (क)
किस अनुच्छेद के अन्तर्गत वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर युक्तियुक्त निर्बन्धन हेतु आधार विहित किया गया है – अनुच्छेद-19 (2) के तहत
भारतीय संविधान में प्रेस की स्वतंत्रता का स्पष्ट उल्लेख नहीं है किन्तु न्यायालय ने इसे किस अनुच्छेद के तहत् अन्तर्निहित माना है – अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत्
किस वाद में कहा गया कि, वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अन्तर्गत राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार एक मूल अधिकार है – भारत संघ बनाम नवीन जिन्दल का वाद
किस वाद में धारित किया गया कि, वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में ‘चुप रहने की स्वतंत्रता भी शमिल है – इमेनुअल बनाम केरल राज्य के वाद में।
मतदाता को उम्मीदवारों के सम्बन्ध में सूचना का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत् एक मूल अधिकार है किस वाद में उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णय दिया है – पीपुल्स यूनियन फार सिविल लिवर्टीज बनाम भारत संघ के बाद में।
103 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा संविधान में कौन से दो अनुच्छेद जोड़े गये – अनुच्छेद 15(6) एवं 16(6)
किस अनुच्छेद के अन्तर्गत भारतीय नागरिकों को शान्तिपूर्ण एवं निरायुध सम्मेलन का अधिकार दिया गया है – अनुच्छेद 19 (1) (ख) के अन्तर्गत।
सभा एवं सम्मेलन के अधिकार पर राज्य किन आधारों पर निर्बन्धन आरोपित कर सकता है – (ⅰ) भारत की प्रभुता और अखण्डता या (ii) लोक व्यवस्था के आधार पर
संगठन या संघ बनाने की स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को प्रदान किया गया है – अनुच्छेद 19 (1) (ग) के अन्तर्गत।
अनुच्छेद-19 द्वारा प्रदत्त किन स्वतंत्रताओं पर राज्य द्वारा- अनुसूचित जनजातियों के हित में निर्बन्धन लगाया जा सकता है – (i) संचरण तथा (ii) निवास की स्वतंत्रता पर
भारत के राज्य क्षेत्र में कहीं भी निवास करने व बस जाने का अधिकार किस अनुच्छेद के तहत् विहित किया गया है – अनुच्छेद-19 (1) (ङ) के तहत्
संचरण की स्वतंत्रता तथा निवास की स्वतंत्रता पर किसके हित में राज्य निर्बन्धन लगा सकती है – (i) साधारण जनता के अथवा (ii) अनुसूचित जनजाति के हित में
किस वाद में ऋषिकेश महापालिका क्षेत्र में अण्डा बेचने पर लगा प्रतिबन्ध संवैधानिक घोषित किया गया – ओम प्रकाश बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के वाद में
संविधान का कौन सा अनुच्छेद कार्योत्तर विधियों से संरक्षण प्रदान करता है – अनुच्छेद-20 (1)
किस अनुच्छेद के तहत् दोहरे दण्ड से संरक्षण प्रदान किया गया है – अनुच्छेद-20 (2) के तहत्
आत्म अभिशंसन का सिद्धान्त किस अनुच्छेद से सम्बन्धित है – अनुच्छेद-20 (3) से।
भारतीय संविधान द्वारा एक अभियुक्त को कौन-कौन सा संरक्षरण प्रदान किया गया है – (i) कार्य के बाद की विधि से (ii) दोहरे संकट से, (iii) स्वयं अपने विरुद्ध साक्षी होने से तथा (iv) सीमित मात्रा में गिरफ्तारी और निरोध से
किस अनुच्छेद के तहत् यह प्रावधान किया गया है कि किसी कार्य को जो किये जाते समय निर्दोष है, बाद में विधि द्वारा, दोषपूर्ण (अपराध) नहीं घोषित किया जा सकता है अनुच्छेद-20 (1)
दोहरे दण्ड से क्या अभिप्रेषित है – किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए दो या दो से अधिक बार अभियोजित और दण्डित करना।
‘नेमो डिवेट विस वेक्सारी’ (Nemo debet vis vexari) का सिद्धान्त किससे सम्बन्धित है – दोहरे संकट के सिद्धान्त से
किस अनुच्छेद के तहत यह उपबन्धित है कि किसी अभियुक्त व्यक्ति को स्वयं अपने विरुद्ध साक्ष्य देने के लिए विवश नहीं किया जायेगा – अनुच्छेद 20 (3) के तहत्
किस अनुच्छेद के अन्तर्गत प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार सुनिश्चित किया गया है – अनुच्छेद 21 के तहत्
किसी व्यक्ति को उसके प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता से किसके अनुसार वंचित किया जा सकता है – ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ के अनुसार
‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ वाक्यांश किस देश के संविधान से लिया गया है – जापान के संविधान से
अमेरिकी संविधान के अनुसार कोई व्यक्ति अपनी दैहिक स्वतंत्रता से किसके अनुसार वंचित किया जा सकता है – ‘सम्यक विधि प्रकिया’ के अनुसार
किन मूल अधिकारों को आपात काल की उद्घोषणा होने पर भी निलम्बित या सीमित नहीं किया जा सकता – अनु. 20 तथा 21 द्वारा प्रत्याभूत मूल अधिकार को।