मद्रास राज्य बनाम चम्पाकम दोरइराजन के मामले में दिये गये निर्णय के पश्चात कौन-सा मूल अधिकार संशोधित किया गया – भेद-भाव के विरुद्ध अधिकार (अनु. 15)
किस अनुच्छेद के तहत राज्य को सरकारी नौकरियों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को वरीयता देने की शक्ति प्राप्त है – अनु. 15(3) के तहत।
अनुच्छेद 15 (4) संविधान में कब जोड़ा गया – 1951 में, प्रथम संविधान संशोधन द्वारा।
किस वाद में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय के पश्चात संविधान में अनुच्छेद 15 (4) जोड़ा गया – मद्रास राज्य बनाम चम्पाकम दोरइराजन।
शिक्षण संस्थाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन जातियों का आरक्षण किस अनु. द्वारा शासित होता है – अनु. 15(4) द्वारा।
अनुच्छेद 15(5) को संविधान में किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया है – 93वें संविधान संशोधन अधिनियम 2005 द्वारा
93वें संविधान संशोधन द्वारा किसके सम्बन्ध में प्रावधान किया गया – निजी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश में आरक्षण का।
किस वाद में दिये गये निर्णय के बाद संविधान में अनुच्छेद- 15(5) जोड़ा गया – पी.ए. इनामदार बनाम महाराष्ट्र राज्य ।
किस अनुच्छेद के अनुसार राज्य निजी शिक्षण संस्थाओं में छात्रों के प्रवेश के लिए स्थानों के आरक्षण का उपबन्ध कर सकती है – अनु . 15 (5) के अनुसार।
93वें संविधान संशोधन को किस वाद में संवैधानिक घोषित किया गया – अशोक ठाकुर बनाम भारत संघ के वाद में
लोक नियोजन में अवसर की समानता का उपबन्ध किया गया है – अनुच्छेद-16 में
संविधान की प्रस्तावना में प्रयुक्त ‘समाजवादी’ शब्द के साथ किन अनुच्छेदों को पढ़ने से ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का मौलिक अधिकार उच्चतम न्यायालय ने निगमित किया – अनुच्छेद-14 तथा 16 को।
भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद, भारत के सभी नागरिकों को लोक नियोजन में अवसर की समानता प्रत्याभूत करता है – अनुच्छेद 16 (1) और (2)।
किस अनुच्छेद के तहत् किसी राज्य की सरकारी सेवाओं हेतु उस राज्य में निवास की योग्यता विहित करने वाली विधि बनायी जा सकती है – अनु. 16 (3) के तहत्
पिछड़े वर्गों हेतु आरक्षण का प्रावधान किस अनुच्छेद के तहत् किया गया है – अनुच्छेद 16 (4) के तहत्
किस वाद में यह धारित किया गया कि पिछड़े वर्ग के निर्धारण के लिए केवल जाति सुसंगत नहीं है। इसके लिए गरीबी, शिक्षा का स्तर, पेशा आदि बातों पर भी ध्यान देना चाहिए – बालाजी बनाम मैसूर राज्य ।
किस वाद में उच्चतम निर्धारण के लिए जाति बनाया जा सकता है* न्यायालय ने कहा कि पिछड़ेपन के सुसंगत है और इसे प्रमुख आधार – इन्द्रासाहनी बनाम भारत संघ (1993), जो मण्डल मामले के नाम से प्रसिद्ध है।
किस वाद में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी अनारक्षित वर्ग का व्यक्ति आरक्षित वर्ग के परिवार में दत्तक, विवाह या अन्य किसी आधार पर प्रवेश पाने पर अनुच्छेद-15 (4) या अनुच्छेद-16(4) के अन्तर्गत आरक्षण का लाभ नहीं प्राप्त कर सकता है – वलसम्मा पाल बनाम कोचीन विश्वविद्यालय।
‘इन्द्रासाहनी बनाम भारत संघ’ के वाद में विनिश्चय के समय उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कौन थे – श्री एच.एम. कानिया
किस अनुच्छेद के तहत अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों को प्रोत्रति में आरक्षण का उपबन्ध किया गया है – अनुच्छेद 16 (4-क) के तहत्
किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों को प्रोन्नति में आरक्षण का प्रावधान किया गया – 77 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1995 द्वारा।
किस वाद में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय के प्रभाव को समाप्त करने हेतु संविधान में अनुच्छेद-16(4-क) जोड़ा गया – इन्द्रासाहनी बनाम भारत संघ (1993) के मामले में।
किस अनुच्छेद के अन्तर्गत अग्रनयन (Carry for ward) का सिद्धान्त विहित किया गया है – अनुच्छेद-16 (4-ख) के अन्तर्गत।
किस संविधान संशोधन द्वारा अनुच्छेद 16 (4-ख) को संविधान में जोड़ा गया है – 81 वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा।
किस वाद में सरकार द्वारा बनाये गये अग्रनयन (Carry Forward Rule) के नियम को उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक घोषित किया था – देवासन बनाम भारत संघ के वाद में।
भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारत में किसी भी रूप में अस्पृश्यता का निषेध करता है – अनुच्छेद-17
‘प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स एक्ट’-1955 किस अनुच्छेद के क्रियान्वयन हेतु अधिनियमित किया गया है – अनुच्छेद-17 को।
अस्पृश्यता अपराध अधिनियम-1955 को अब किस नाम से जाना जाता है – सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम (Protection of civil rights Act.) 1955
भारत में अस्पृश्यता निवारण किन-किन उपायों द्वारा किया जा सकता है* – कानून बनाकर, शिक्षा द्वारा तथा जनजागरण द्वारा
कौन-सा अनुच्छेद भारत में उपाधियों का अन्त करता है – अनुच्छेद-18
किन क्षेत्रों में राज्य को सम्मान प्रदान करने की अनुमति है – सेना व विद्या के क्षेत्र में।
कोई विदेशी नागरिक जो भारत में कोई विश्वास या लाभ का पद धारण किया है, किसकी अनुमति से किसी विदेशी राज्य से उपाधि ग्रहण कर सकता है – राष्ट्रपति की।
किस वाद में उच्चतम न्यायालय ने धारित किया कि भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म श्री अलंकरण अनु. 18 (1) के अर्थों में उपाधि नहीं है – बालाजी राधवन बनाम भारत संघ (1996)1
संविधान के किन अनुच्छेदों के तहत् ‘स्वतंत्रता का अधिकार’ उपबन्धित किया गया है – अनुच्छेद 19-22 के तहत्