भारतीय राजव्यवस्था वन लाइनर – 7

 

क्षेत्रीय परिषदों से सम्बन्धित उपबन्ध का प्रावधान कहाँ किया है – राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में 

 

भारत में कुल कितनी क्षेत्रीय परिषदें है – 5

 

 क्षेत्रीय परिषदों का गठन किसके द्वारा किया जाता है – राष्ट्रपति द्वारा

 

उत्तरी परिषद का मुख्यालय नई दिल्ली में है। दक्षिणी परिषद का मुख्यालय कहाँ है – चेन्नई में

 

मध्य क्षेत्रीय परिषद का मुख्यालय कहाँ है – इलाहाबाद में

 

भारतीय संविधान के किन अनुच्छेदों में नागरिकता सम्बन्धी प्रावधान दिया गया है – अनुच्छेद 5 से 11 तक

 

भारतीय संविधान कैसी नागरिकता का प्रावधान करता है – एकल नागरिकता

 

संसद को नागरिकता के सम्बन्ध में विधि बनाने का अधिकार किस अनुच्छेद के अन्तर्गत दिया गया है – अनुच्छेद – 11

 

संसद द्वारा नागरिकता के सम्बन्ध में कौन सा अधिनियम पारित किया गया है* – भारतीय नागरिकता अधिनियम – 1955

 

भारतीय नागरिकता कितने प्रकार से प्राप्त की जा सकती है – 5 प्रकार से।

 

भारतीय नागरिकता किन प्रकारों से प्राप्त की जा सकती है – जन्म से, वंश परम्परा से, पंजीकरण से, देशीयकरण से क्षेत्र तथा भूमि विस्तार द्वारा।

 

लागातार कितने वर्ष तक भारत से बाहर रहने पर सरकार द्वारा नागरिकता समाप्त की जा सकती है – सात वर्ष

 

किस अनुच्छेद के अन्तर्गत संविधान के आरम्भ होने पर नागरिकता सम्बन्धी प्रावधान दिया गया है – अनुच्छेद-5

 

किस अनुच्छेद में यह प्रावधान किया गया है कि किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छया ग्रहण करने पर, भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जायेगी – अनुच्छेद-9 में

 

किस समिति के सुझाव पर नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2003 संसद द्वारा पारित किया गया – लक्ष्मीमल सिंघवी समिति के सुझाव पर।

 

प्रवासी भारतीयों को सीमित रूप में दी जाने वाली दोहरी नागरिकता को क्या कहा जाता है – ओवरसीज सिटिजन शिप आफ इण्डिया। (O.C.L.)

 

 

मूल अधिकार का सर्वप्रथम विकास कहाँ हुआ था* – ब्रिटेन में

 

ब्रिटिश नागरिकों को सर्वप्रथम लिखित रूप में मूल अधिकार प्रदान करने वाले दस्तावेज का क्या नाम है – अधिकार पत्र (Magna Carta)

 

ब्रिटिश सम्राट जान ने कब ‘मैग्ना कार्टा’ पर हस्ताक्षर किया – 1215 ई. में

 

किस देश ने 1789 ई. में ‘मानव एवं नागरिकों के अधिकार घोषणा पत्र’ द्वारा, अपने नागरिकों को मूल अधिकार प्रदान किया – फ्रांस ने।

 

फ्रांस के शासक लुई 16 वें को किस कारण से फाँसी पर चढ़ा दिया गया था – मूल अधिकारों के उलंघन के कारण

 

अमेरिकी संविधान में संविधान संशोधनों द्वारा कब मूल अधिकारों को शामिल किया गया – 1791 ई. में।

 

सर्वप्रथम किस देश के संविधान में मूलअधिकार का प्रावधान किया गया था – अमेरिका के संविधान में

 

अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने किस सिद्धान्त को प्रतिपादित कर राज्य को मूलअधिकारों पर निर्वन्धन लगानें की शक्ति प्रदान किया – राज्य शक्ति (State Power) का सिद्धान्त

 

भारत में सर्वप्रथम मूल अधिकार की माँग किस विधेयक के माध्यम से की गयी – संविधान विधेयक 1895 ई. के माध्यम से।

 

1925 ई. में कामन वेल्थ ऑफ इण्डिया बिल के माध्यम से किसने मूल अधिकार की मांग किया – श्रीमती एनी बेसेन्ट ने

 

नेहरू रिपोर्ट के माध्यम से मोती लाल नेहरू ने कब मूल अधिकार की माँग रखा – 1928 ई. में

 

संविधान सभा द्वारा किसकी अध्यक्षता में मूल अधिकार पर परामर्श हेतु एक समिति का गठन किया गया था – बल्लभ भाई पटेल की अध्यक्षता में

 

अल्पसंख्यक एवं मूल अधिकार पर परामर्श हेतु किसकी अध्यक्षता में उपसमिति गठित की गयी थी – जे.बी. कृपलानी की अध्यक्षता में

 

भारतीय संविधान में किन अनुच्छेदों के अन्तर्गत नागरिकों को मूल अधिकार प्रदान किया गया है – अनुच्छेद 12 से 35 के अन्तर्गत

 

भारतीय संविधान के भाग-3 द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार किस देश के संविधान से लिया गया है – अमेरिका के संविधान से

 

किस संविधान संशोधन द्वारा यह उपबन्ध किया गया कि आपात के दौरान भी अनुच्छेद 20 तथा 21 निलम्बित नहीं किये जा सकते है – 44वे संविधान संशोधन द्वारा

 

किन आधारों पर घोषित आपात के दौरान अनुच्छेद-19 द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार स्वतः निलम्बित हो जाता है – युद्ध एवं बाह्य आक्रमण के आधार पर

 

 किस आधार पर घोषित आपात के दौरान अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार स्वत; निलम्बित नहीं होता है – सशस्त्र विद्रोह के आधार पर

 

भाग तीन के प्रयोजनों के लिए राज्य शब्द को किस अनुच्छेद के तहत् परिभाषित किया गया है – अनुच्छेद-12 के अन्तर्गत

 

संविधान का कौन-सा अनुच्छेद न्यायालय को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह विधानमण्डल द्वारा निर्मित मूल अधिकारों का उलंघन करने वाली विधियों का ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ कर सकते है – अनुच्छेद-13

 

न्यायिक पुनर्विलोकन का अधिकार किन-किन न्यायालयों को प्राप्त है – उच्चतम न्यायालय (अनुच्छेद-32) तथा उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद-226) को।

 

‘आच्छादन का सिद्धान्त’ संविधान के किस अनुच्छेद से सम्बन्धित है – अनुच्छेद-13(1) से।