बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लुएंजा)

एवियन इन्फ्लुएंजा A(H5N1) एक प्रकार का वायरस है जो मुख्य रूप से पक्षियों को संक्रमित करता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में स्तनधारियों और इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। यह वायरस आमतौर पर संक्रमित मुर्गियों या उनके दूषित वातावरण के संपर्क में आने से इंसानों तक पहुंचता है। हालांकि, यह इंसानों के बीच आसानी से नहीं फैलता, लेकिन अगर यह म्यूटेट होकर अधिक संक्रामक बन गया तो यह एक गंभीर महामारी का रूप ले सकता है।

तेलंगाना में बर्ड फ्लू को लेकर सावधानी बढ़ी

भारत में बर्ड फ्लू को लेकर चिंता बढ़ने के साथ ही तेलंगाना सरकार ने अपने पोल्ट्री उद्योग की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। पड़ोसी राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इस निर्देश के बाद तेलंगाना में बायोसिक्योरिटी (जैव-सुरक्षा) उपायों को मजबूत करने, पोल्ट्री किसानों को जागरूक करने और जनता को मुर्गी व अंडे की खपत को लेकर आश्वस्त करने पर ध्यान दिया जा रहा है।

राज्य सरकार की त्वरित कार्रवाई

फरवरी की शुरुआत में, तेलंगाना पशुपालन विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को एक सर्कुलर जारी कर बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर सतर्क किया। इस निर्देश में वायरस के प्रसार को रोकने और पोल्ट्री उद्योग को सुरक्षित रखने के लिए बायोसिक्योरिटी उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

  • पोल्ट्री किसानों, व्यापारियों और आम जनता को बीमार पक्षियों के परिवहन से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
  • महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामलों के चलते केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पोल्ट्री फार्मों की निगरानी और सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के निर्देश दिए हैं।
  • जंगली प्रवासी पक्षियों से यह वायरस फैलता है, इसलिए निगरानी बढ़ा दी गई है।

बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री उद्योग पर असर

बर्ड फ्लू की खबर फैलते ही लोगों ने चिकन और अंडे खाना कम कर दिया, जिससे तेलंगाना, खासकर हैदराबाद में चिकन और अंडे की कीमतों में ₹20 से 30 तक की गिरावट दर्ज की गई है।

डॉ. रंगा रेड्डी बुर्री (इंफेक्शन कंट्रोल एकेडमी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष) ने कहा कि चिकन और अंडे का सेवन पूरी तरह सुरक्षित है, यदि इन्हें अच्छी तरह पकाया जाए। उन्होंने कहा कि बिना जांचे-परखे पोल्ट्री उत्पादों से परहेज करना एक जल्दबाजी में उठाया गया कदम है।

WHO का कहना है कि:

  • इंसानों में बर्ड फ्लू के संक्रमण दुर्लभ होते हैं, लेकिन इनमें मृत्यु दर अधिक होती है।
  • वर्तमान में इंसानों से इंसानों में इसका संक्रमण बहुत कम देखा गया है, लेकिन यदि वायरस में बदलाव हुआ तो यह एक महामारी बन सकता है।
  • इसलिए वायरस के पैटर्न की निगरानी बेहद जरूरी है।

क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

तेलंगाना सरकार ने जनता से घबराने की जरूरत न होने की अपील की है और सुरक्षित रूप से पकाए गए चिकन और अंडे के सेवन को पूरी तरह सुरक्षित बताया है

  • 70°C से अधिक तापमान पर 30 मिनट तक पकाने पर वायरस नष्ट हो जाता है।
  • पोल्ट्री फार्मों पर निगरानी बढ़ा दी गई है, और किसानों को कोई भी असामान्य पक्षी मृत्यु तुरंत रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • कड़े जैव-सुरक्षा उपाय अपनाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके।

सरकार की यह सतर्कता यह सुनिश्चित करने के लिए है कि बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री उद्योग प्रभावित न हो और जनता को सुरक्षित खाद्य पदार्थ मिलते रहें

Source: The Hindu