फिच रेटिंग्स ने भारत की वृद्धि क्षमता को बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत किया

फिच रेटिंग्स ने भारत की GDP वृद्धि क्षमता को 0.2 प्रतिशत बढ़ाकर अगले 5 वर्षों के लिए 6.4 प्रतिशत कर दिया है। यह सुधार देश के श्रमिक भागीदारी दर में हालिया तेज वृद्धि के कारण हुआ है। फिच ने कहा कि भारत के लिए संशोधित अनुमान में श्रमिक योगदान (कुल रोजगार) का योगदान अधिक है, जबकि श्रमिक उत्पादकता की तुलना में यह अधिक महत्वपूर्ण है।

फिच ने चीन के वृद्धि अनुमान को 0.3 प्रतिशत घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 4.6 प्रतिशत था। यह संशोधन चीन की श्रम शक्ति भागीदारी में गिरावट और पूंजी गहरीकरण में कमजोरी को दर्शाता है।फिच का कहना है कि भारत की कुल-कारक उत्पादकता (TFP) वृद्धि हाल के वर्षों से धीमी होकर 1.5 प्रतिशत पर आ जाएगी, जो इसके दीर्घकालिक औसत के अनुरूप है।

भारत की श्रम शक्ति भागीदारी दर में तेज वृद्धि हुई है और उम्मीद की जा रही है कि यह वृद्धि धीमी गति से जारी रहेगी। फिच के अनुसार, उभरते बाजारों के लिए कुल संभावित वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत है, जो कि नवंबर 2023 के अनुमान से थोड़ा कम है। इसका मुख्य कारण चीन में कमजोर वृद्धि है।

भारत दुनिया की सबसे तेज़ बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है और IMF रिपोर्ट के अनुसार अगले दो वर्षों में यह 6 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करने वाला एकमात्र देश रहेगा। IMF ने 120 से अधिक देशों के लिए अपने वृद्धि अनुमान को घटाया है, लेकिन भारत का अनुमान सकारात्मक बना हुआ है।

Source: DD News