प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत

सुमेरिया सभ्यता के लोगों के द्वारा ताँबे की खोज कब की गई – 5000 ई०पू० में

भारत में पहली बार किस सभ्यता के लोगों ने लिपि भाषा का प्रयोग  किया – हड़प्य सभ्यता के लोगों ने

प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन के कितने स्रोत हैं – पुरातात्विक स्रोत, साहित्यिक स्रोत एवं विदेशियों के वृतांत

प्राचीन भारत के इतिहास जानने के सबसे मुख्य स्रोत है – पुरातात्विक स्रोत

पुरातात्विक स्रोत के अन्तर्गत सबसे प्रमाणिक स्रोत है – अभिलेख

विश्व के सबसे प्राचीन अभिलेख कहाँ से प्राप्त हुए हैं – एशिया माइनर के बोगजकोई नामक स्थान से

एशिया माइनर के अभिलेख कब लिखा गया –1400 ई० पू० में                                

एशिया माइनर के अभिलेख में किन-किन भारतीय देवताओं के नाम मिले हैं –  इन्द्र, मित्र, वरुण एवं नासत्य

ईरान के सम्राट द्वारा प्रथम के द्वारा पर्सिपोलिस एवं बेहिस्तून का अभिलेख कब लिखवाया गया – 6वीं ई० पू० में

पर्सिपोलिस एवं बेहिस्तून अभिलेख में भारत के किस प्रांत के साक्ष्य मिले हैं – सिन्ध प्रांत के

भारत में सबसे ज्यादा सिक्के किस काल में जारी किये गये – गुप्त काल 

भारत में सर्वप्रथम शीशे सिक्के किस वंश के शासकों ने जारी किये – सातवाहन राजवंश ने

भारत में पोटीन के सिक्के किस राजवंश ने जारी किया – सातवाहन राजवंश                      

कुषाण वंश के शासक कनिष्क ने अपने सिक्कें पर किसका चित्र अंकित करवाया था – गौतम बुद्ध का

किसके सिक्के पर वीणा बजाते हुए चित्र अंकित किया गया है – समुद्रगुप्त के                                                

स्थापत्य के अंतर्गत किसका अध्ययन किया जाता है – भवन, मंदिर, गुफा, स्तूप, बिहार, चैत्य इत्यादि

जेम्स प्रिंसेप किस देश के रहने वाला विद्वान थे – फ्रांस के                                          

अशोक ने अपने अभिलेख पर किस-किस लिपि का प्रयोग किया है – ब्राह्मी लिपि, खरोष्ठी लिपि, आरमेइक लिपि एवं यूनानी लिपि

अशोक ने अपने अभिलेख पर किस लिपि का प्रयोग सबसे अधिक किया है – ब्राह्मी लिपि का 

अशोक के किस अभिलेख पर दो भाषाओं का प्रयोग हुआ – शार-ए-कुना (कंधार)

अशोक ने अपने किस अभिलेख पर खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया है – मानसेहरा एवं शहबाजगढी                                   

मानसेहरा एवं शहबाजगढ़ी कहाँ पर स्थित है  – पाकिस्तान में

एहोल अभिलेख से किसकी जानकारी मिलती है  – चालुक्य शासक पुलकेसीन द्वितीय एवं हर्षवर्धन

भारत के किस अभिलेख पर पहली बार संस्कृत भाषा का प्रयोग किया गया है – जूनागढ़अभिलेख

हाथी गुफा अभिलेख का सम्बन्ध किस धर्म से है – जैन धर्म का

एहोल अभिलेख को किसने लिखा – रविकृति ने 

प्रयाग स्तम्भ अभिलेख को किसने लिखा  -हरिषेण ने 

प्रयाग स्तम्भ अभिलेख को किस भाषा में लिखा गया – संस्कृत भाषा

प्रयाग स्तम्भ अभिलेख में किसके विषय में लिखा गया – समुद्रगुप्त के विजय के बारे में

भारतीय इतिहास में पहली बार सती प्रथा का उल्लेख किस अभिलेख में किया गया है         -एरणअभिलेख में

एरण अभिलेख को किसने लिखवाया था -गुप्तवंश के शासक भानुगुप्त ने

नासिक के गुहालेख को किसने लिखवाया था -सतवाहन नरेश पुलुमावी ने

मंदसौर अभिलेख को किसने लिखवाया था -मालवा नरेश यशोधर्मन ने

अशोक ने बराबर की पहाड़ी गुफा में अभिलेख लिखकर किस धर्म के भिक्षुओं को दान में दिया था – आजीवक सम्प्रदाय के भिक्षुओं का

नागार्जुन की पहाड़ियों में गुफा का निर्माण किसने करवाया था – दशरथ ने

निजी अभिलेख किस स्थान पर खुदवाया जाता था – मंदिर एवं मूर्तियों पर

पुष्यमित्र शुंग द्वारा अश्वमेघ यज्ञ किये जाने की जानकारी कहाँ के अभिलेख से प्राप्त हुए हैं -अयोध्या अभिलेख से

हेलियोडोरस ने अपना अभिलेख किस स्थान पर लिखवाया था – विदिशा नामक स्थान पर

विदिशा अभिलेख से किस धर्म की की जानकारी मिलती है – वैष्णव धर्म की

भारत में सिक्के के जन्मदाता किसे माना जाता है गौतम बुद्ध को आहत सिक्के का प्रचलन कब से भारत में शुरु हुआ – छठी शताब्दी से

भारत में सोने के सिक्के को सर्वप्रथम किसने जारी किया – हिन्द-यूनानी 

भारत में किस राजवंश के शासकों ने सबसे शुद्ध सोने के सिक्के जारी किये थे – कुषाण राजवंश ने

भारत में किस राजवंश के शासकों ने सबसे अधिक सोने के सिक्के को जारी किये थे – गुप्त वंश के शासकों ने

प्रागेतिहासिक काल के इतिहास की जानकारी किस तरह से होती है – उत्खनन से प्राप्त वस्तुओं से

भारत में मंदिरों का निर्माण कितनी शैलियों में की गई है – तीन (द्रविड शैली, नागर शैली एवं वैशाली शैली)

उत्तरी भारत में मंदिरों का निर्माण किस शैली में किया गया है – नागर शैली में

भारत में नागर शैली का सबसे उत्तम मंदिर कौन है – दशावतार मंदिर (उत्तर प्रदेश)                                                     

भारत में द्रविड़ शैली का सबसे उत्तम मंदिर कौन है – तंजौर के बृहदेश्वर मंदिर (राजराजेश्वर मंदिर)

भारत में बेसर शैली का मंदिर सबसे अच्छा उदाहरण किस मंदिर का है – ग्वालियर के तेलिया लोहगान

भारत में मूर्ति पूजा का आरम्भ किस काल से मानी जाती है –  सिन्धु घाटी सभ्यता से            

मौर्य काल में अधिकांश मूर्तिया किससे बनाई जाती थी – पत्थरों से                               

बिहार के किस स्थान से यक्षणी के मूर्ति मिले हैं – दीदारगंज से                                        

गंधार शैली की मूर्तियों पर किसका अधिक प्रभाव है – यूनानी कलाकारों का                

गंधार कला की मूर्तियों पर किस यूनानी देवता का प्रभाव है – अपोलो देवता का                 

मथुरा कला के मूर्तियों पर अधिक प्रभाव है – भारतीय कलाकारों का                           

मथुरा कला की मूर्तियों पर किसकी विशेषता है – अध्यात्मिकता की                                 

मथुरा कला में गौतम बुद्ध को किस रूप में दिखाया गया है – शांत मुद्रा में तपस्या करते हुए 

अजंता की गुफा का चित्र का सम्बन्ध किस धर्म से है – बौद्ध धर्म से                                 

एलोरा की गुफा में किस धर्म के चित्र मिलते हैं – जैन धर्म, बौद्ध धर्म एवं ब्राह्मण धर्म         

भारत में मिट्टी के वर्तन का निर्माण सबसे पहले कब हुआ – नवपाषाण काल में                      

भारत में पहली बार चित्रित धूसर मृदभाण्ड का प्रयोग कब की गई – ताम्र पाषाण काल में 

आग का आविष्कार किस काल में हुआ – पुरापाषाण काल में                                

मानव के द्वारा आग का प्रयोग पहली बार किस काल में किया गया – नवपाषाण काल में 

पुरापाषाण काल के लोग कहाँ पर रहते थे – पर्वत की गुफा में                                   

पुरापाषाण काल के लोग किस प्रकार के वस्त्र का प्रयोग करते थे – वस्त्र नहीं पहनते थे             

पुरापाषाण काल के सबसे ज्यादा उपकरण कहाँ से प्राप्त हुई है – सोहन नदी की घाटी से

सोहन नदी किस देश में है – पाकिस्तान में

मानव द्वारा सर्वप्रथम किस उपकरण का प्रयोग किया गया – पत्थर की बनी कुल्हाड़ी का

पृथ्वी पर सबसे पहले मानव का जन्म कहाँ पर हुआ – लगभग 26 लाख ई०पू० में अफ्रीका महाद्वीप पर

भारत में मनुष्य का जन्म सबसे पहले कहाँ पर हुआ था -14 लाख ई०पू० में महाराष्ट्र के बोरी नामक स्थान में

पृथ्वी पर पहले जिस मानव का जन्म हुआ, उसे किस नाम से जाना जाता है – होमोनिड्स 

मध्यपाषाण काल का काल निर्धारण कब से कब तक किया गया – 9 हजार ई०पू० से 7 हजार ई०पू०तक

भारत में सबसे प्राचीन अभिलेख कहाँ से प्राप्त हुए हैं – सिन्धु घाटीसभ्यता से

सिन्धु घाटी के अभिलेख किस पर लिखी गई थी – मिट्टी के बर्तन एवं मुहरों पर

सिन्धु घाटी के अभिलेख किस प्रकार की लिपि में लिखी गई – भाव चित्रात्मक

मौर्य काल के अभिलेख को सर्वप्रथम किसने पढ़ा – जेम्स प्रिंसेप (1837) में

मध्यपाषाण काल के लोग कहाँ पर रहते थे – पेड़ के ऊपर मचान बनाकर

मध्य पाषाण काल के मनुष्यों का मुख्य भोजन क्या था – शिकार, कन्दमूल तथा फल 

मध्य पाषाण में जानवर पालने के प्रथम साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए – राजस्थान राज्य में बोगरा नामक स्थान से

मानव द्वारा सर्वप्रथम किस जानवर को पालतु बनाया गया – कुत्ता को

भारतीय इतिहास के अनुसार नवपाषाण काल का समय कब शुरू होता है – 7000 ई .पू.

भारत में कृषि का आरम्भ किस काल से शुरू हुआ – नवपाषाण काल से

भारत में पहली बार कृषि कार्य किस स्थान से शुरू हुई – मेहरगढ़ से

वर्तमान में मेहरगढ़ नामक स्थान कहाँ पर स्थित है – पाकिस्तान के ब्लुचिस्तान नामक स्थान पर

किस काल में मानव पहली बार घर बनाकर रहने लगा – नवपाषाण काल से

अंडर ग्राउण्ड तरह की मकान नवपाषाण काल में कहाँ से प्राप्त हुए हैं – बुर्जहोम (जम्मू-कश्मीर)

नवपाषाण काल में चावल उपजाने के प्रथम साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए हैं – कोल्डिया (उत्तरप्रदेश) 

बिहार राज्य के किस स्थान से हड्डी के बने औजार एवं उपकरण मिले – चिरान्द एवं सोनपुर से

वर्तमान में चिरान्द स्थल बिहार के किस जिले में है – सारण जिले में

मानव के द्वारा पहली बार वस्त्र का प्रयोग कब किया गया – नवपाषाण काल में

पहली बार पत्थर के औजार को पॉलिस कब की गई – नवपाषाण काल में

भारत में किस एक गुफा में पुरा पाषाण काल, मध्य पाषाण काल एवं नवपाषाण काल के चित्र मिले हैं – भोपाल के पास भीमबेटिका गुफा में

विश्व स्तर पर ताँबे की खोज सर्वप्रथम किस सभ्यता एवं संस्कृति के लोगों के द्वारा किया गया -सुमेरिया सभ्यता

किये भारत में बड़े-बड़े गाँव की स्थापना पहली बार कब हुई – ताम्रपाषाण काल में               

ताम्र पाषाण काल के लोगों के मरने के बाद कहाँ पर दफनाया जाता था – कमरे के फर्श के नीचे 

ताम पाषाण काल के लोग मृद भाण्ड को किस रंग से कलर करते थे – काले एवं लाल –

ताम्र पाषाण काल के लोग किस प्रकार के मकान में रहते थे – पके हुए ईंट के मकान में                        

ताम्र पाषाण काल के लोग किस प्रकार का भोजन करते थे – शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों     

मालवा, कायथा, एरण एवं त्रिपुरी ताम्र पाषाण काल की संस्कृति के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए हैं – मध्य प्रदेश से