प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDKY)

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDKY) को कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। यह योजना विभिन्न कृषि एवं ग्रामीण विकास से संबंधित पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

योजना का उद्देश्य

इस योजना के तहत निम्नलिखित मुख्य उद्देश्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है:

  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि
    • किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और उन्नत बीजों की जानकारी देना।
    • बेहतर कृषि यंत्रों और उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
    • वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देना।
  • फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना
    • अधिक लाभदायक फसलों की ओर किसानों को प्रेरित करना।
    • जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहन देना।
    • जलवायु परिवर्तन के अनुसार उपयुक्त फसलों का चुनाव करना।
  • पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण सुविधाओं का विकास
    • किसानों को अपने उत्पाद को बेहतर मूल्य पर बेचने का अवसर प्रदान करना।
    • बफर स्टॉक और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का विकास करना।
  • सिंचाई सुविधाओं में सुधार
    • ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा देना।
    • किसानों को जल संरक्षण के तरीकों की जानकारी देना।
  • दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना
    • किसानों को उचित ब्याज दरों पर ऋण की सुविधा देना।
    • सहकारी बैंकों और NABARD के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करना।

योजना का कार्यान्वयन

PMDKY को निम्नलिखित तरीकों से लागू किया जाएगा:

  • 100 जिलों को कवर किया जाएगा
    • इन जिलों का चयन निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर किया जाएगा:
      1. कम उत्पादकता वाले जिले – जहाँ कृषि उत्पादन औसत से कम है।
      2. मध्यम स्तर की फसल तीव्रता वाले जिले – जहाँ एक वर्ष में कम फसलें उगाई जाती हैं।
      3. कम कृषि ऋण प्राप्त करने वाले जिले – जहाँ किसानों को कृषि के लिए पर्याप्त ऋण नहीं मिल पाता।
  • आंकड़ों का विश्लेषण और चयन प्रक्रिया
    • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय इन जिलों के आंकड़ों को एकत्र कर रहा है।
    • नाबार्ड और वित्तीय सेवा विभाग से जिलेवार कृषि ऋण संबंधी आंकड़े प्राप्त किए जाएंगे।
  • फसल तीव्रता पर विशेष ध्यान
    • फसल तीव्रता (Cropping Intensity) को मापा जाएगा, जिससे पता चलेगा कि एक खेत में साल भर में कितनी बार फसल उगाई जाती है।
    • उदाहरण के लिए, भारत में फसल तीव्रता 2021-22 में 155% थी, जबकि 1950-51 में यह केवल 111% थी।

योजना के लिए वित्तीय प्रबंधन

  • बजट आवंटन
    • वित्त मंत्री ने बजट में योजना के लिए कोई अलग राशि निर्दिष्ट नहीं की है।
    • विभिन्न मौजूदा योजनाओं जैसे कृषि मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की योजनाओं से धनराशि ली जाएगी।
    • योजना को लागू करने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी आवश्यक होगी, जिसके बाद उचित बजट आवंटित किया जा सकता है।

योजना से संभावित लाभार्थी

  • यह योजना लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखती है।
  • इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें कृषि संबंधी नई तकनीकों और ऋण सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDKY) भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बनाई गई है। यह योजना उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने, भंडारण और सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने तथा वित्तीय सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है। जब इस योजना को पूरी तरह लागू किया जाएगा, तो यह भारत के कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने में मदद करेगी।

Source: Indian Express

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