प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PMGS-NMP) के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) की 94वीं बैठक बुधवार को आयोजित की गई

प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PMGS-NMP) के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) की 94वीं बैठक बुधवार को आयोजित की गई, जिसमें भारत की मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास को सशक्त बनाने के लिए पांच प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रस्तावों का मूल्यांकन किया गया। इन प्रस्तावों में मेट्रो रेल और नागरिक उड्डयन क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाओं का समावेश था, जिनका मूल्यांकन पीएम गति शक्ति के मुख्य सिद्धांतों जैसे अंतिम मील कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल इंटीग्रेशन, और लॉजिस्टिक्स दक्षता को ध्यान में रखते हुए किया गया।

बैठक की अध्यक्षता पंकज कुमार, संयुक्त सचिव, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने की। इसमें आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा प्रस्तुत चार मेट्रो रेल परियोजनाओं और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) द्वारा प्रस्तावित एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की परियोजना की समीक्षा की गई।

एरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो विस्तार:
यह परियोजना 2.16 किमी की अंडरग्राउंड मेट्रो विस्तार है, जो एरोसिटी से तुगलकाबाद होते हुए इंदिरा गांधी डोमेस्टिक टर्मिनल-1 तक पहुंचेगी। इस परियोजना का उद्देश्य प्रमुख आवासीय क्षेत्रों जैसे तुगलकाबाद, खानपुर, साकेत, महरौली, और वसंत कुंज को एयरपोर्ट से जोड़ना है, साथ ही फरिदाबाद से आने वाले यात्रियों के लिए तुगलकाबाद इंटरचेंज के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

मैजेंटा लाइन का भूमिगत विस्तार:
रामकृष्ण आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ तक 9.913 किमी लंबी भूमिगत मेट्रो लाइन के विस्तार का प्रस्ताव है। इस मार्ग से केंद्रीय वस्त्र, इंडिया गेट, प्रगति मैदान, युद्ध स्मारक और दिल्ली उच्च न्यायालय जैसे प्रमुख स्थल जुड़ेंगे। इंडिया गेट पर प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन से सुरक्षित और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिलेगी, साथ ही यह स्वच्छ और टिकाऊ गतिशीलता को बढ़ावा देगा।

गोल्डन लाइन का ऊंचा विस्तार:
तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज तक 9 किमी लंबा एक ऊंचा मेट्रो विस्तार प्रस्तावित है। यह मार्ग अली गांव, अली विहार और मदनपुर खदर जैसे क्षेत्रों से होकर जाएगा, और कालिंदी कुंज पर एक महत्वपूर्ण इंटरचेंज योजना बनाई गई है, जो वायलेट और मैजेंटा लाइनों को जोड़ेगी। इससे एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और दिल्ली के बीच यात्रा सुविधाओं को सशक्त किया जाएगा।

नोएडा सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-वी (ग्रेटर नोएडा) तक मेट्रो कॉरिडोर:
इस 17.435 किमी लंबे मेट्रो कॉरिडोर का उद्देश्य ग्रेटर नोएडा वेस्ट टाउनशिप की बढ़ती यात्री जरूरतों को पूरा करना है। इसमें 7.263 किमी नोएडा में और 10.172 किमी ग्रेटर नोएडा में स्थित होगा। यह परियोजना शहरी परिवहन दक्षता को बढ़ाएगी और यात्री घनत्व को कम करेगी।

राजस्थान के कोटा में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का प्रस्ताव:
इस परियोजना में कोटा के पास बंडी में 400 एकड़ में एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव है। यह हवाई अड्डा A321-200 प्रकार के विमानों को संभालने में सक्षम होगा और इसमें 500 आगमन और 500 प्रस्थान क्षमता वाले आधुनिक टर्मिनल की सुविधा होगी। हवाई अड्डे के निर्माण का उद्देश्य क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, पर्यटन और व्यापार को बढ़ाना, और कोटा में स्थित प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों और उनके परिवारों के लिए बेहतर यात्रा सुविधा प्रदान करना है।

इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्यपरिवहन प्रणालियों को बेहतर बनाना, भीड़ को कम करना और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना है। इन प्रस्तावों से भारत की मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को सशक्त करने और क्षेत्रीय विकास में योगदान देने की उम्मीद है।

Source: DD News