पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य

सरकार पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य तय समय से पहले, अगले दो महीनों में पूरा करने वाली है। इसके लिए साल भर में करीब 1,100 करोड़ लीटर ईंधन इथेनॉल का उत्पादन करना होगा।

इथेनॉल कहां से आएगा?

1. गन्ना और चीनी उद्योग से करीब 400 करोड़ लीटर इथेनॉल आएगा। भारत के पास अक्टूबर 2024 में 80 लाख टन चीनी का स्टॉक था। अगले साल 315 लाख टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है, जिसमें से 40 लाख टन इथेनॉल उत्पादन में जाएगा।

जो गन्ना सीधे इथेनॉल के लिए नहीं जाएगा, उससे “C हेवी मोलासेस” निकलेगा, जिसका उपयोग अन्य औद्योगिक इथेनॉल बनाने में होगा।

2. सरकारी चावल (FCI स्टॉक) से 110 करोड़ लीटर इथेनॉल बनेगा।

सरकार ने डिस्टिलरी को चावल की कीमत ₹28 से घटाकर ₹22.5 प्रति किलो कर दी है ताकि वे ज्यादा इथेनॉल बना सकें।

3. मक्का (कॉर्न) से 350-400 करोड़ लीटर इथेनॉल बनेगा। पहले भारत में मक्के से इथेनॉल नहीं बनता था, लेकिन 2020 के बाद इसमें तेजी आई।

कुछ शुगर डिस्टिलरी अब डुअल-फीड सिस्टम पर काम कर रही हैं, यानी गन्ने के ऑफ-सीजन में वे मक्के से भी इथेनॉल बना सकती हैं।

मक्का उत्पादन और जरूरतें

भारत में मक्के का उत्पादन 42 मिलियन टन (4.2 करोड़ टन) रहने की उम्मीद है, जिसमें से 9 मिलियन टन (90 लाख टन) इथेनॉल बनाने में जाएगा।

पहले, मक्का मुख्य रूप से पोल्ट्री फीड, पशु चारे, स्टार्च और थोड़े बहुत मानव उपभोग के लिए इस्तेमाल होता था।

2024 में, भारत ने बड़ी मात्रा में मक्का आयात किया, लेकिन अच्छी खरीफ फसल की उम्मीद से 2025 में मक्का आयात की जरूरत नहीं होगी।

किसानों को फायदा

इथेनॉल की बढ़ती मांग से किसानों को मक्का उगाने का अच्छा मौका मिला है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश में मक्का की खेती तेजी से बढ़ रही है।

सरकार की नीति और अच्छी कीमतों के चलते किसान ज्यादा मक्का उगा रहे हैं, जिससे इथेनॉल उत्पादन भी बढ़ेगा और किसानों की आमदनी भी।

निष्कर्ष

भारत अपनी इथेनॉल नीति को तेजी से लागू कर रहा है। चीनी, सरकारी चावल और मक्का, तीनों स्रोतों से पर्याप्त इथेनॉल उत्पादन होगा। सरकार किसानों और उद्योगों को समर्थन देकर तेल आयात घटाने और हरित ऊर्जा बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

Source: The Hindu