नासा (NASA) अपनी नई अंतरिक्ष दूरबीन SPHEREx को 28 फरवरी, शुक्रवार को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए वेंडेन्बर्ग स्पेस फोर्स बेस, कैलिफोर्निया से लॉन्च करने की योजना बना रहा है। यह मिशन दो साल तक चलेगा और वैज्ञानिकों को इन महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने में मदद करेगा:
- ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ?
- गैलेक्टिक्स (आकाशगंगाओं) का विकास समय के साथ कैसे हुआ?
- हमारी मिल्की वे गैलेक्सी में पानी और जीवन के निर्माण से जुड़ी अणु (मॉलिक्यूल्स) कहां मौजूद हैं?
यह अब तक का सबसे रंगीन ब्रह्मांडीय नक्शा बनाएगा
SPHEREx पूरे आकाश का नक्शा तैयार करेगा और इसमें दो तरह की रोशनी का पता लगाएगा:
- ऑप्टिकल लाइट (जिसे हम अपनी आँखों से देख सकते हैं)
- इन्फ्रारेड लाइट (जो हमारी आँखों के लिए अदृश्य होती है, लेकिन ब्रह्मांड के छिपे हुए रहस्यों को उजागर कर सकती है)
बहुत दूर स्थित अंतरिक्षीय वस्तुएँ, जैसे नवजात तारे और आकाशगंगाएँ, मुख्य रूप से इन्फ्रारेड लाइट उत्सर्जित करती हैं। इसलिए वैज्ञानिक जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) जैसे विशेष टेलीस्कोप का उपयोग करते हैं, जो इन्फ्रारेड लाइट को डिटेक्ट कर सकता है।
हालांकि JWST अंतरिक्ष के छोटे-छोटे क्षेत्रों का गहराई से अध्ययन करता है, SPHEREx पूरे आकाश को हर छह महीने में एक बार स्कैन करेगा और 102 अलग-अलग इन्फ्रारेड रंगों में इसका नक्शा तैयार करेगा। इससे वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड का अब तक का सबसे विस्तृत और रंगीन नक्शा मिलेगा।
यह ब्रह्मांडीय विस्तार (कॉस्मिक इन्फ्लेशन) को समझने में मदद करेगा
ब्रह्मांड की उत्पत्ति से जुड़ा एक बड़ा रहस्य यह है कि बिग बैंग के तुरंत बाद क्या हुआ? वैज्ञानिक मानते हैं कि उस समय कॉस्मिक इन्फ्लेशन नामक एक घटना हुई थी, जिसमें ब्रह्मांड एक सेकंड के बहुत छोटे हिस्से में ही प्रकाश की गति से भी तेज़ी से फैल गया था।
कॉस्मिक इन्फ्लेशन यह समझाने में मदद करता है कि ब्रह्मांड आज जैसा दिखता है, लेकिन वैज्ञानिक अब भी इसे पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं।
SPHEREx लगभग 450 मिलियन (45 करोड़) आकाशगंगाओं की 3D स्थिति को मापेगा और वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड का त्रि-आयामी (3D) नक्शा बनाने में मदद करेगा। यह आंकड़े वैज्ञानिकों को विभिन्न इन्फ्लेशन सिद्धांतों का परीक्षण करने में मदद करेंगे, जिससे हमें यह समझने में सहायता मिलेगी कि ब्रह्मांड की शुरुआत कैसे हुई।
यह मिल्की वे गैलेक्सी में पानी और जीवन के निर्माण से जुड़े अणुओं की खोज करेगा
SPHEREx वैज्ञानिकों को यह जानने में मदद करेगा कि जीवन के लिए आवश्यक तत्व अंतरिक्ष में कहां और कैसे बने?
अंतरिक्ष में पानी, कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन जैसे महत्वपूर्ण अणु (बायोजेनिक मॉलिक्यूल्स) बर्फ के रूप में जमा रहते हैं। ये गैलेक्सी के सबसे ठंडे हिस्सों में पाए जाते हैं। हालांकि, यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि ये अणु अंतरिक्ष से पृथ्वी तक कैसे पहुंचे और जीवन के निर्माण में कैसे मददगार बने।
SPHEREx इन बर्फीले अणुओं के ठिकानों का नक्शा बनाएगा और यह पता लगाएगा कि ये न केवल हमारी मिल्की वे गैलेक्सी में, बल्कि अन्य नज़दीकी आकाशगंगाओं में भी कहां मौजूद हैं।
एक बार जब वैज्ञानिक यह जान लेंगे कि ये अणु कहां और किन परिस्थितियों में मौजूद हैं, तो वे यह समझ पाएंगे कि अंतरिक्ष में जीवन के निर्माण के लिए किन चीजों की जरूरत होती है। इससे हमें यह जानने में भी मदद मिलेगी कि पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरू हुआ और क्या अन्य ग्रहों पर भी जीवन संभव हो सकता है?
Source: Indian Express