जेन स्ट्रीट पर SEBI का प्रतिबंध
अमेरिका की जानी-मानी फर्म, जेन स्ट्रीट, जो अपनी हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग रणनीतियों और वैश्विक बाजारों में प्रभुत्व के लिए जानी जाती है, को अब भारत में बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा है। भारतीय बाजार नियामक, SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने जेन स्ट्रीट को भारतीय स्टॉक बाजार में मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग प्रैक्टिसेस में शामिल होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया है। SEBI के अनुसार, जेन स्ट्रीट ने भारतीय स्टॉक मार्केट में अवैध मुनाफा कमाने के लिए बाजार की कीमतों को प्रभावित करने के उद्देश्य से ट्रेडिंग की थी।
मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग का तरीका
जेन स्ट्रीट ने डेरिवेटिव (फ्यूचर्स) सेगमेंट में अत्यधिक आक्रामक ट्रेडिंग की, जिसका उद्देश्य न केवल मुनाफा कमाना था, बल्कि बाजार की दिशा को भी प्रभावित करना था। SEBI की जांच में सामने आया कि जेन स्ट्रीट ने बैंकेनिफ्टी इंडेक्स में ट्रेडिंग के दौरान इसकी कीमतों को अस्थायी रूप से बढ़ाया और फिर बाद में बड़ी मात्रा में उस स्टॉक को बेचकर, अपनी स्थिति से मुनाफा कमाया। इस प्रकार की रणनीतियाँ बाजार को अस्थिर कर रही थीं, जिससे जेन स्ट्रीट को भारी मुनाफा हो रहा था।
इसके अलावा, जेन स्ट्रीट ने अपनी भारतीय शाखा “JSI इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड” का भी उपयोग किया था, जिससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) के रूप में भारतीय बाजार में कुछ ट्रेडिंग गतिविधियाँ की जा सकें। हालांकि, इस शाखा के ट्रेडों में लगातार नुकसान हो रहे थे, लेकिन असल में इसका उद्देश्य केवल जेन स्ट्रीट के मुख्य फ्यूचर्स और ऑप्शंस मार्केट की गतिविधियों को छुपाना था।
बड़ी मुनाफे और ट्रांजैक्शन की जानकारी
SEBI रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जेन स्ट्रीट ने लगभग 32,681 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा की गई मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग के परिणामस्वरूप था। इन मुनाफों को भारत से बाहर भेजा गया और यह राशि इन निवेशकों के द्वारा कमाई गई कुल संपत्ति से कहीं अधिक थी। SEBI ने जेन स्ट्रीट के खिलाफ 4,843.57 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया है और उसे भारतीय सुरक्षा बाजार से बाहर कर दिया है।
निगरानी और चेतावनी का उल्लंघन
SEBI ने जेन स्ट्रीट को पहले ही चेतावनी दी थी कि वह उच्च जोखिम वाले ट्रेडिंग से बचें, खासकर इंडेक्स ऑप्शंस में। NSE ने फरवरी 2025 में एक स्पष्ट चेतावनी दी थी, लेकिन जेन स्ट्रीट ने इस चेतावनी की अनदेखी की और मई 2025 में फिर से मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग की, जिससे यह साबित हुआ कि फर्म ने जानबूझकर नियामक चेतावनियों की अनदेखी की।
प्रोपाइटरी ट्रेडिंग और भारतीय बाजार
प्रोपाइटरी ट्रेडिंग उन फर्मों द्वारा की जाती है जो अपने पूंजी के साथ व्यापार करती हैं, यानी ये फर्में ग्राहक के पैसे का प्रबंधन नहीं करतीं। SEBI के इस कदम से भारतीय बाजार में प्रोपाइटरी ट्रेडिंग के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। डेरिवेटिव बाजार में भारत में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है, जो बाजार में अधिक तरलता और उतार-चढ़ाव पैदा कर रही है। इसके परिणामस्वरूप प्रोपाइटरी ट्रेडिंग फर्मों को कई अवसर मिल रहे हैं। डिनेश ठाक्कर, एंजेल वन के चेयरमैन, का कहना है कि SEBI के इस कदम से अधिक सख्त अनुपालन और मजबूत शासन व्यवस्था आएगी, जिससे बाजार की अखंडता बढ़ेगी।
वैश्विक फर्मों के लिए सवाल
जेन स्ट्रीट जैसी वैश्विक फर्मों के भारतीय बाजार में संचालन के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारत में विदेशी वित्तीय संस्थाओं के लिए क्या वर्तमान सुरक्षा उपाय पर्याप्त हैं, जो ऐसे जटिल रूपों में बाजार की मैनिपुलेशन को रोक सकें? विशेषज्ञों का मानना है कि SEBI को पहले ही इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए थी, बजाय इसके कि NSE को चेतावनी जारी करनी पड़ी।
डेरिवेटिव मार्केट और जेन स्ट्रीट की सीमाएं
डेरिवेटिव वित्तीय अनुबंध होते हैं जिनका कोई मूल्य नहीं होता, वे किसी अन्य वस्तु जैसे स्टॉक या इंडेक्स से मूल्य प्राप्त करते हैं। NSE, जो अब दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज बन चुका है, वहां कीमतें आमतौर पर वास्तविक स्टॉक या इंडेक्स की कीमत के साथ मेल खाती हैं, लेकिन जेन स्ट्रीट ने इन कीमतों को जानबूझकर प्रभावित करने के लिए बड़े और आक्रामक आदेश दिए। इसका उद्देश्य बाजार की अस्थिरता को बढ़ाना और अपने लाभ को सुनिश्चित करना था।
जेन स्ट्रीट ग्रुप का परिचय
जेन स्ट्रीट ग्रुप LLC का मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है और यह एक वैश्विक प्रोपाइटरी ट्रेडिंग फर्म है। 2000 में इसकी शुरुआत एक छोटे से ट्रेडिंग और टेक्नोलॉजी टीम से हुई थी, और अब यह 3,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ दुनिया भर में 45 देशों में 200 से अधिक ट्रेडिंग वेन्यूज पर कारोबार करती है। यह फर्म स्टॉक्स, बॉंड्स, फ्यूचर्स, ऑप्शंस, और अन्य कई एसेट क्लासेज में कारोबार करती है।
निष्कर्ष
जेन स्ट्रीट के खिलाफ SEBI की कार्रवाई ने भारत में मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग के खतरों को उजागर किया है और यह संकेत दिया है कि विदेशी फर्मों द्वारा भारतीय बाजारों में उच्च जोखिम वाली गतिविधियाँ करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। SEBI की कड़ी कार्रवाई से बाजार की पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय बाजारों में विश्वास और स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी।
Source: Indian Express