गवर्नर जनरल एवं वायसराय

 

बंगाल के गवर्नर

लार्ड क्लाइव (Lord Clive)

कार्यकाल – 1757-1760 एंव 1765 -1767

  1. लार्डक्लाइव ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा भारत में नियुक्त होने वाला प्रथम गवर्नर था।
  2. ईस्टइंडिया कंपनी ने 1757 में बंगाल का गवर्नर नियुक्तकिया।
  3. लार्डक्लाइव को भारत में अंग्रेजी शासन का जन्मदाता माना जाता है।
  4. क्लाइवने बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था की, जिसके तहत राजस्व वसूलने, सैनिक संरक्षण एंव विदेशी मामलेकम्पनी के अधीन थे, जबकि शासन चलाने की जिम्मेदारी नवाबो के हाथ में थी।
  5. 1757 काप्लासी का युद्ध (Battle of Plassey) भी लार्ड क्लाइव के नेतृत्व में लड़ा गया।

 

बंगाल के गवर्नर-जनरल

वारेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings)

कार्यकाल – 20 अक्टूबर 1773 –  1 फ़रवरी 1785

  • 1773 ई.में रेग्युलेटिंग एक्ट के द्वारा वारेन हेस्टिंग्स को बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल बनाया गया, जिसने  बंगाल में स्थापित द्वैध शासन प्रथा को समाप्त कर दिया एंव प्रत्येक जिले में फौजदारी तथा दीवानी अदालतों की स्थापना की।
  • हेस्टिंग्सके समय में रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत 1774 में कलकत्ता में उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी।
  • हेस्टिंग्सने बंगाली ब्राह्मण नन्द कुमार पर झूठा आरोप लगा कर न्यायालय से फाँसी की सजा दिलवाई।
  • प्रथमएंव द्वितीय आंग्ल मराठा युद्ध वारेन हेस्टिंग्स के  समय में ही लड़े गए, प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध (1775 –1782 ई.) जो सलबाई की संधि (1782 ई.) से समाप्त  हुआ एंव द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1780 -1784 ई.) जो मंगलोर की संधि (1784 ई.) के द्वारा  समाप्त हुआ।
  • हेस्टिंग्सके समय में 1784 ई. को एशियाटिक सोसायटी ऑफ़ बंगाल (Asiatic Society of Bangal) की  स्थापना हुई।
  • हेस्टिंग्सके समय में ही बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू (Board of  Revenue) की स्थापना हुई।
  • हेस्टिंग्सने 1781 ई. में कलकत्ता में प्रथम मदरसा की स्थापना की।
  • हेस्टिंग्सके समय में 1782 ई. को जोनाथन डंकन ने  बनारस में संस्कृत विद्यालय की स्थापना की।
  • वारेनहेस्टिंग्स के समय में ही पिट्स इंडिया एक्ट (Pitt’s India Act) पारित हुआ, जिसके द्वारा बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल की स्थापना हुई|
  • पिट्सएक्ट के विरोध में इस्तीफ़ा देकर जब वारेन  हेस्टिग्स फ़रवरी, 1785 ई. में इंग्लैण्ड पहुँचा, तो बर्क  द्वारा उसके ऊपर महाभियोग लगाया गया। ब्रिटिश  पार्लियामेंट में यह महाभियोग 1788 ई. से 1795 ई.  तक चला, परन्तु अन्त में उसे आरोपों से मुक्त कर दिया गया।

 

सर जॉन मैकफरसन (Sir John Mecpherson)

कार्यकाल – 1 फ़रवरी 1785 – 12 सितंबर 1786

  • इन्हेंअस्थायी गवर्नर जनरल नियुक्त किया था।

 

लार्ड कॉर्नवालिस ( Lord Cornwallis)

कार्यकाल – 12 सितंबर 1786 – 28 अक्टूबर 1793

  • लार्डकॉर्नवॉलिस को भारत में सिवल सेवा एंव पुलिस  व्यवस्था का जनक माना जाता है।
  • इसकेसमय में जिले के समस्त अधिकार जिला कलेक्टर के हाथों में दे दिए गए।
  • कार्नवालिसके समय में 1790 से 1792 ई. में तृतीय  आंग्ल-मैसूर (Anglo-Mysore War) युद्ध हुआ।
  • 1793 मेंकार्नवालिस ने बंगाल, बिहार और उड़ीसा में भूमि कर से सम्बंधित स्थाई बंदोबस्त पद्धति  (Permanent Settlement) लागू की, जिसके तहत  जमींदारो को अब भूराजस्व का लगभग 90% कंपनी कोतथा लगभग 10% अपने पास रखना था।
  • कॉर्नवॉलिसने जिले में पुलिस थाना की स्थापना कर एकदारोगा को इसका इंचार्ज बनाया।

 

सर जॉन शोर (Sir John Shore)

कार्यकाल – 28 अक्टूबर 1793 – 18 मार्च 1798

  1. अहस्तक्षेपनीति एंव खर्दा का युद्ध सर जॉन शोर के कालकी महत्वपूर्ण घटना थी। खर्दा का युद्ध 1795 ई. में  मराठो एंव निजाम के बीच लड़ा गया।

 

सर अलर्ड क्लार्क (Sir Alured Clarke)

कार्यकाल – 18 मार्च 1798 – 18 मई 1798

  • इन्हेंअस्थायी गवर्नर जनरल नियुक्त किया था।

 

लार्ड वेलेजली (Lord Wellesley)

कार्यकाल – 18 मई 1798 – 30 जुलाई 1805

  • लार्डवेलेज़ली जो अपने आप को बंगाल का शेर कहता था, ने सहायक संधि लागू की। भारत में सहायक संधि  का प्रयोग वेलेज़ली से पहले फ़्रांसिसी गवर्नर डूप्ले ने  किया था।
  • वेलेजलीके समय में हैदराबाद, मैसूर, तंजौर, अवध,  जोधपुर, जयपुर, बूंदी, भरतपुर और पेशावर ने सहायक संधि पर हस्ताक्षर किये।
  • वेलेज़लीने 1800 ई. में नागरिक सेवा में भर्ती हुए  युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की।
  • वेलेज़लीके काल में ही चौथा आंग्ल मैसूर युद्ध 1799  ई. में हुआ जिसमें टिप्पू सुल्तान मार गया था।
  • इसकेशासन काल में द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध 1803-1805 ई. में हुआ था।

 

लार्ड कार्नवालिस (Lord Cornwallis)

कार्यकाल – 30 जुलाई 1805 – 5 अक्टूबर 1805

  • 1805 ई.में लार्ड कॉर्नवॉलिस का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ, परन्तु शीघ्र ही उनकी म्रत्यु हो गयी।

 

सर जॉर्ज बारलो (Sir George Barlow)

कार्यकाल – 10 अक्टूबर 1805 से 31 जुलाई 1807

  • 1805 ई.की राजपुरघाट की संधि एंव 1806 ई. का  वेल्लोर में सिपाही विद्रोह इसके काल की महत्वपूर्ण  घटना थी। राजपुरघाट की संधि 1805 ई. में धेलकार एंव सर जॉन बारलो के मध्य हुई थी।

 

लार्ड मिंटो (Lord Minto)

कार्यकाल – 31 जुलाई 1807 – 4 अक्टूबर 1813

  • अमृतसरकी संधि एंव चार्टर एक्ट इसके काल की महत्वपूर्ण घटना थी।
  • अमृतसरकी संधि 25 अप्रैल 1809 ई. में रणजीत सिंह एंव लार्ड मिन्टो के मध्य हुई जिसकी मध्यस्थता मेटकॉफ ने की थी।
  • 1813 काचार्टर एक्ट मिन्टो के काल में पास हुआ था।

 

मार्क्विस हेस्टिंग्स (Marquess Of Hastings)

कार्यकाल – 4 अक्टूबर 1813 – 9 जनवरी 1823

  • हेस्टिंग्सके कार्यकाल में 1814 -1816 ई. को  आंग्ल नेपाल युद्ध हुआ,  इसमे नेपाल के अमरसिंह को आत्मसमर्पण करना पड़ा।
  • मार्च1816 ई. में हेस्टिंग्स एंव  गोरखों के बीच  संगोलि की संधि के द्वारा आंग्ल-नेपाल युद्ध का  अंत हुआ।
  • संगौलीकी संधि के द्वारा काठमांडू में एक ब्रिटिश  रेजिडेंट रखना स्वीकार किया गया और इस संधि केद्वारा अंग्रेजों को शिमला, मसूरी, रानीखेत, एवं  नैनीताल प्राप्त हुए।
  • हेस्टिंग्सके ही कार्यकाल में तृतीय आंग्ल-मराठा  युद्ध (1818-1818 ई.) हुआ, और 1818 में  हेस्टिंग्स ने पेशवा का पद समाप्त कर दिया।
  • 1817-1818 ई.में ही इसने पिंडारियों का दमन  किया, जिसके नेता चीतू, वासिल मोहम्मद तथा  करीम खां थे।
  • हेस्टिंग्सने 1799 में प्रेस पर लगाये गए प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया।
  • इसीके समय में 1822 ई. को टैनेन्सी एक्ट या  काश्तकारी अधिनियम लागू हुआ।

 

जॉन ऐडम्स (John Adam)

कार्यकाल – 9 जनवरी 1823 – 1 अगस्त 1823

  • इन्हेंअस्थायी गवर्नर जनरल नियुक्त किया था।

 

लार्ड एमहर्स्ट (Lord William Amherst)

कार्यकाल – 1 अगस्त 1823 – 13 मार्च 1828

  • लार्डएमहसर्ट के काल में 1824-1826 ई. को प्रथम  आंग्ल-बर्मा युद्ध लड़ा गया था।
  • 1825 ई.में ब्रिटिश सेना के सैनिक कमाण्डर ने बर्मा  सेना को परास्त कर 1826 ई. में ‘याण्डबू की सन्धि’ की।
  • 1824 ई.का बैरकपुर का सैन्य विद्रोह भी लॉर्ड एमहर्स्ट के समय में ही हुआ था।

 

 

 

विलियम बटरवर्थ बेले (William Butterworth Bayley)

कार्यकाल – 13 मार्च 1828 – 4 जुलाई 1828

  • इन्हेंअस्थायी गवर्नर जनरल नियुक्त किया था।

 

लार्ड विलियम बैंटिक (Lord William Bentinck)

कार्यकाल – 4 जुलाई 1828 –  1833

  • लॉर्डविलियम बैंटिक 1803 ई. में मद्रास के गवर्नर की  हैसियत से भारत आया।
  • 1833 ई.के चार्टर-एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर को  भारत का गवर्नर-जनरल बना दिया गया।
  • लॉर्डविलियम बैंटिक 1828 -1833 तक बंगाल के  गवर्नर एंव 1835 तक भारत का गवर्नर जनरल रहा,  जिसे ‘विलियम कैवेंडिश बैटिंग’ के नाम से भी जाना  जाता है।
  • लॉर्डविलियम बैंटिक के शासन काल में कोई युद्ध नहीं  हुआ, एंव इसका शासन काल शांति का काल रहा था।
  • बैंटिकने 1829 में सती प्रथा पर प्रतिबन्ध लगा दिया,  इसके बाद उसने शिशु-वध पर भी प्रतिबन्ध लगाया।
  • बैंटिकके कार्यकाल में देवी-देवताओं को नर बलि देने  की प्रथा का भी अंत कर दिया गया।
  • 1833 ई.में लॉर्ड विलियम बैंटिक भारत के प्रथम गवर्नरजनरल बना।
  • लार्डविलियम बैंटिक भारत में किये गए सामाजिक  सुधारों के लिए विख्यात है।
  • बैंटिकने कोर्ट ऑफ़ डायरेक्टर्स की इच्छाओं के अनुसार भारतीय रियासतों के प्रति तटस्थता की नीति अपनायी।
  • इसनेठगों के आतंक से निपटने के लिए कर्नल स्लीमैन को नियुक्त किया।
  • बैंटिकके कार्यकाल में अपनायी गयी मैकाले की शिक्षा  पद्धति ने भारत के बौद्धिक जीवन को उल्लेखनीय ढंग से प्रभावित किया, इस प्रकार लार्ड विलियम बैंटिक का  भारत के शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण स्थान।

 

सर चार्ल्स मेटकॅाफ (Lord Metcalfe)

कार्यकाल – 20 मार्च 1835 – 4 मार्च 1836

  • चार्ल्समेटकॅाफ में भारत में समाचार पत्रों पर लगे  प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया, इस कारण इसे प्रेस का  मुक्तिदाता भी कहा जाता है।

 

लार्ड ऑकलैंड (Lord Auckland)

कार्यकाल – 20 मार्च 1835 – 4 मार्च 1836

  • लार्डऑकलैंड के कार्यकाल में प्रथम आंग्ल अफगान युद्ध  (1838 -1842 ई.) हुआ।
  • 1839 ई.में ऑकलैंड ने कलकत्ता से दिल्ली तक ग्रैंड ट्रक रोड की मरम्मत करवाई।
  • ऑकलैंडके समय में भारतीय विद्यार्थियों को डॉक्टरी की शिक्षा हेतु विदेश जाने की अनुमति मिली।
  • आकलैण्डके कार्यकाल में बम्बई और मद्रास मेडिकल  कालेजों की स्थापना की गयी।

 

लार्ड एलनबरो (Lord Ellenborough)

कार्यकाल – 28 फ़रवरी 1842 –  जून 1844

  • एलनबरोके समय में प्रथम आंग्ल अफ़ग़ान युद्ध समाप्त हुआ।
  • 1843 मेंएलनबरो ने चार्ल्स नेपियर को असैनिक  एवं सैनिक शक्तियों के साथ सिन्ध भेजा। नेपियर ने अगस्त, 1843 में सिन्ध को पूर्ण रूप से ब्रिटिश सम्राज्य में मिला लिया गया।
  • 1843 केएक्ट – V के द्वारा दास प्रथा का उन्मूलन  भी एलनबरो के समय में हुआ।

 

लार्ड हार्डिंग (Lord Hardinge)

कार्यकाल – 23 जुलाई 1844 – 12 जनवरी 1848

  • लार्डहार्डिंग के कार्यकाल में प्रथम आंग्ल सिख युद्ध  (1845-846 ई.) हुआ। जो लाहौर की सन्धि के द्वारा  समाप्त हुआ।
  • लार्डहार्डिंग ने नरबलि-प्रथा पर प्रतिबंध लगाया।

 

लार्ड डलहौजी (Lord Dalhousie)

कार्यकाल – 12 जनवरी 1848 – 28 फ़रवरी 1856

  • लॉर्डडलहौज़ी, जिसे ‘अर्ल ऑफ़ डलहौज़ी’ भी कहा  जाता था।
  • लार्डडलहौजी एक कट्टर उपयोगितावादी एवं साम्राज्यवादी था, लेकिन डलहौजी को उसके सुधारों के  लिए भी जाना जाता है।
  • लार्डडलहोजी के समय में द्वितीय आंग्ल सिक्ख युद्ध  (1848 -49 ई.) तथा 1849 ई. में पंजाब का ब्रिटिश  शासन में विलय और सिक्ख राज्य का प्रसिद्ध हीरा  कोहिनूर महारानी विक्टोरिया को भेज दिया गया।
  • डलहौजीके कार्यकाल में 1851-1852 में द्वितीय आंग्ल-बर्मा युद्ध लड़ा गया और 1852 में बर्मा के लोअर बर्मा  एंव  पिगू राज्य को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया  गया।
  • डलहौजीके कार्यकाल में ही भारत में रेलवे(1853 ई)  और संचार प्रणाली का विकास हुआ।
  • इसकेकार्यकाल में भारत में दार्जिलिंग को सम्मिलित कर लिया गया।
  • लार्डडलहौजी के कार्यकाल में वुड का निर्देश पत्र  (Wood’s dispatch) आया, जिसे भारत में शिक्षा  सुधारों के लिए ‘मैग्नाकार्टा’ कहा जाता है।
  • इसने1852 ई. में एक इनाम कमीशन की स्थापना की, जिसका उदेशय भूमिकर रहित जागीरों का पता कर उन्हेंछीनना था।
  • इसने1854 में नया डाकघर अधिनियम (Post Office Act) पारित किया, जिसके द्वारा भारत में पहली बार  डाक टिकटों का प्रचलन प्रारंभ हुआ।
  • इसने व्यपगत की नीति चलायी और 1856 ई.में अवध  को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया।
  • 1856 ई.में तोपखाने के मुख्यालय को कलकत्ता से मेरठ स्थान्तरित किया, और सेना का मुख्यालय शिमला में स्थापित किया।
  • डलहौजीके समय में भारतीय बंदरगाहों का विकास  करके, इन्हें अन्तर्राष्ट्रीय वाणिज्य के लिये खोल दिया  गया।
  • इसनेशिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया।
  • डलहौजीने नरबलि प्रथा को रोकने का प्रयास भी किया।

 

लार्ड कैनिंग (Lord Canning)

कार्यकाल – 28 फ़रवरी 1856 – 21 मार्च 1862

  • लार्डकैनिंग भारत का अंतिम गवर्नर जनरल था। 1858 में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित अधिनियम द्वारा  इसे भारत का प्रथम वायसराय बनाया गया।
  • लार्डकैनिंग के कार्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण घटना  1857 का विद्रोह था। 1857 के विद्रोह के पश्चात्  बहादुर शाह को रंगून निर्वासित कर दिया गया।
  • कैनिंगके कार्यकाल में IPC, CPC तथा CrPC जैसी  दण्डविधियों को पारित किया गया।
  • कैनिंगके समय में ही लंदन विश्वविद्यालय की तर्ज पर  1857 में कलकत्ता, मद्रास, और बम्बई विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई।
  • 1861 काभारतीय परिषद् अधिनियम कैनिंग के समय में ही पारित हुआ।
  • कैनिंगके कार्यकाल में ही भारतीय इतिहास का प्रसिद्द नील विद्रोह भी हुआ।
  • 1861 काभारतीय परिषद् अधिनियम कैनिंग के समय में ही पारित हुआ।
  • इसकेसमय में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 ई. में स्वतन्त्र रूप से लागू हुआ।

 

लार्ड एल्गिन (Lord Elgin)

कार्यकाल – 21 मार्च 1862 – 20 नवम्बर 1863

  • इसकीसबसे महत्त्वपूर्ण सफलता थी ‘वहाबी आंदोलन’ का सफलतापूर्वक दमन।
  • लार्डएल्गिन की 1863 ई. में धर्मशाला (हिमाचल  प्रदेश) में मृत्यु हो गई।

 

सर रॉबर्ट नेपियर (Sir Robert Napier)

कार्यकाल – 21 नवम्बर 1863 – 2 दिसम्बर 1863

  • सररॉबर्ट नेपियर को भारत के कार्यवाहक वायसराय के रूप में नियुक्त किया गया था।

 

सर विलियम डेनिसन (Sir William Denison)

कार्यकाल – 2 दिसम्बर 1863 – 12 जनवरी 1864

  • सरविलियम डेनिसन को भारत के कार्यवाहक  वायसराय के रूप में नियुक्त किया गया था।

 

सर जॉन लॉरेंस (Sir John Lawrence)

कार्यकाल – 12 जनवरी 1864 – 12 जनवरी 1869

  • जॉनलॉरेंस ने अफगानिस्तान में हस्तक्षेप न करने की  नीति का पालन किया, इसके कार्यकाल में यूरोप के साथसंचार वयवस्था (1869-1870) कायम की गयी।
  • जॉनलॉरेंस के ही कार्यकाल में कलकत्ता, बम्बई और मद्रास में उच्च न्यायालयों की स्थापना की गयी।
  • इसकेकार्यकाल में पंजाब में काश्तकारी अधिनियम  पारित किया गया।

 

लार्ड मेयो Lord Mayo

कार्यकाल – 12  जनवरी 1869 – 8 फ़रवरी 1872

  • लार्डमेयो के कार्यकाल में भारतीय सांख्यिकीय बोर्ड का गठन किया गया।
  • भारतमें अंग्रेजो के समय में प्रथम जनगणना 1872 ई. में लार्ड मेयो के समय में हुई थी।
  • मेयोके काल में 1872 ई. में अजमेर, राजस्थान में मेयो कॉलेज की स्थापना की गई।
  • 1872 ई.में कृषि विभाग की स्थापना भी मेयो के काल में हुई थी।
  • लार्डमेयो की एक अफगान ने 1872 ई. में चाकू मार कर हत्या कर दी।

 

सर जॉन स्ट्रेची (Sir John Strachey)

कार्यकाल – 9 फ़रवरी 1872 – 23 फ़रवरी 1872

  • सरजॉन स्ट्रेची को भारत के कार्यवाहक वायसराय के  रूप में नियुक्त किया गया था।

 

 लॉर्ड नेपियर (The Lord Napier)

कार्यकाल – 24 फ़रवरी 1872 – 3 मई 1872

  • दलॉर्ड नेपियर को भारत के कार्यवाहक वायसराय के  रूप में नियुक्त किया गया था।

 

लार्ड नार्थब्रुक (Lord Northbrook)

कार्यकाल – 3 मई 1872 – 12 अप्रैल 1876

  • भारतमें उसकी नीति “करों में कमी, अनावश्यक क़ानूनों को न बनाने तथा कृषि योग्य भूमि पर भार कम करने” की थी।
  • लार्डनार्थब्रुक के समय में पंजाब में कूका आन्दोलन हुआ।
  • नार्थब्रुकने 1875 में बड़ौदा के शासक गायकवाड को  पदच्युत कर दिया।
  • नार्थब्रुकके कार्यकाल में प्रिंस ऑफ़ वेल्स एडवर्ड तृतीय की भारत यात्रा 1875 में संपन्न हुई।
  • इसीके समय में स्वेज नहर खुल जाने से भारत एंव  ब्रिटेन के बीच व्यापार में वृद्वि हुई।

 

लार्ड लिटन (Lord Lytton)

कार्यकाल – 12 अप्रैल 1876 – 8 जून 1880

  • इसकापूरा नाम ‘रॉबर्ट बुलवेर लिटन एडवर्ड’ था, एंव  इसका एक उपनाम ‘ओवेन मेरेडिथ‘ भी था।
  • यहएक प्रसिद्ध उपन्यासकार, निबंध-लेखक एंव  साहित्यकार था, साहित्य में इसे ‘ओवेन मेरेडिथ’ नाम सेजाना गया।
  • इसकेसमय में बंगाल, बम्बई, मद्रास, हैदराबाद, पंजाब  एंव मध्य भारत में भयानक अकाल पड़ा।
  • इसनेरिचर्ड स्टेची की अध्यक्षता में अकाल आयोग की स्थापना की।
  • लार्डलिटन के कार्यकाल में प्रथम दिल्ली दरबार का  आयोजन किया गया और एक राज-अधिनियम पारित  करके 1877 में ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को  ‘कैसर-ए-हिन्द’ की उपाधि से विभूषित किया गया।
  • लिटनने अलीगढ में एक मुस्लिम एंग्लो प्राच्य  महाविद्यालय की स्थापना की।
  • इसकेकार्यकाल में 1878 में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट  (Vernacular Press Act) पारित किया गया, जिसके कारण कई स्थानीय भाषाओँ के समाचार पत्र आदि को  ‘विद्रोहात्मक सामग्री’ के प्रकाशन का आरोप लगाकर बंद कर दिया गया।
  • इसकेसमय में शस्त्र एक्ट (आर्म्स एक्ट) 1878 पारित  हुआ, जिसमे भारतीयों को शस्त्र रखने और बेचने से रोकागया।
  • इसनेसिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकतम  आयु सीमा घटाकर 19 वर्ष कर दी।

 

लार्ड रिपन (Lord Ripon)

कार्यकाल – 8 जून 1880 – 13 दिसम्बर 1884

  • रिपनने समाचारपत्रों की स्वतंत्रता को बहाल करते हुए 1882 ई. में  वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को रद्द कर दिया।
  • रिपनने सिवल सेवा में प्रवेश की अधिकतम आयु को 19से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया।
  • रिपनके काल में भारत में 1881 ई. में सर्वप्रथम  नियमित जनगणना करवाई गई।
  • 1881 ई.में प्रथम कारखाना अधिनियम रिपन के द्वारा लाया गया।
  • रिपनके समय में 1882 में शिक्षा के क्षेत्र में सर  विलियम हंटर की अध्यक्षता में हंटर आयोग (Hunter   Commission) का गठन हुआ।
  • 1882 मेंस्थानीय स्वशासन प्रणाली की शुरुआत की जिसके कारण इसे ‘भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक’ भी कहा जाता है।
  • 1883 मेंइल्बर्ट बिल (Ilbert Bill) विवाद, रिपन के  समय में ही पारित हुआ।
  • फ्लोरेंसनाइटिंगेल ने रिपन को भारत का उद्धारक की  संज्ञा दी।
  • ब्रिटिश शासन काल में लॉर्ड रिपन के काल को स्वर्ण युग कहा जाता है।

 

लार्ड डफरिन (Lord Dufferin)

कार्यकाल – 13 दिसम्बर 1884 – 10 दिसम्बर 1888

  • डफरिनके काल में 28 दिसम्बर 1885 ई. को बम्बई में ए. ओ. ह्यूम के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।
  • इसीसमय बंगाल टेनेन्सी एक्ट (किराया अधिनियम),  अवध टेनेन्सी एक्ट तथा पंजाब टेनेन्सी एक्ट पारित  हुआ।
  • डफरिनके समय में तृतीय आंग्ल-बर्मा युद्द हुआ और बर्मा को भारत में मिला लिया गया।

 

लार्ड लैंसडाउन (Lord Lansdowne)

कार्यकाल – 10 दिसम्बर 1888 – 11 अक्टूबर 1894

  • भारतएंव अफगानिस्तान के बीच सीमा रेखा जिसे  डूरण्ड रेखा के नाम से जाना जाता है, का निर्धारण  1893 ई. में लैंसडाउन के समय में हुआ।
  • इसरेखा का निर्धारण ब्रिटिश अधिकारी सर मोर्टीमर  डूरंड (Sir Mortimer Durand) और अफगान अमीर  अब्दुर रहीम खान (Abdur Rahman Khan) के बीच हुआ।
  • 1891 ई.में दूसरा कारखाना अधिनियम लाया गया,  जिसमे महिलाओं को 11 घंटे प्रतिदिन से अधिक काम  करने पर प्रतिबंध लगाया गया।
  • लार्डलैंसडाउन के समय में 1891 में एज ऑफ़ कन्सेंट  बिल (Age of Consent Act) पारित हुआ।

 

लार्ड एल्गिन (Lord Elgin)

कार्यकाल – 11 अक्टूबर 1894 – 6 जनवरी 1899

  • लार्डएल्गिन के कार्यकाल में भारत में क्रांतिकारियों की शुरुआत हुई, और पूना के चापेकर बंधुओं (Chapekar brothers) दामोदर हरी चापेकर, बालकृष्ण हरी  चापेकर और वसुदेव हरी चापेकर ने ब्रिटिश प्लेग  कमिश्नर, डब्ल्यू. सी. रैंड (W. C. Rand) को गोली मारकर भारत की प्रथम राजनीतिक हत्या की।
  • लार्डएल्गिन के समय में ही भारत में देशव्यापी अकाल पड़ा, जिसमे करीब 45 लाख लोगों की मौत हुई।
  • एल्गिनने हिन्दुकुश पर्वत के दक्षिण में चित्राल राज्य के विद्रोह को दबाया।

 

लार्ड कर्जन (Lord Curzon)

कार्यकाल – 6 जनवरी 1899 – 18 नवम्बर 1905

  • लार्डकर्जन के कार्यकाल में सर एण्ड्रयू फ़्रेजर की  अध्यक्षता में एक पुलिस आयोग का गठन किया गया।  इस आयोग की अनुशंसा पर प्रान्तीय पुलिस की स्थापना व केन्द्रीय गुप्तचर विभाग की स्थाना (C.I.D.) की भी स्थापना की गई।
  • कर्जनके समय में उत्तरी पश्चिमी सीमावर्ती प्रान्त  (North West Frontier Province) की स्थापना भी की गयी।
  • शैक्षिकसुधारों के अन्तर्गत कर्ज़न ने 1902 ई. में सर  टॉमस रैले (Sir Thomas Ralley) की अध्यक्षता में  विश्वविद्यालय आयोग का गठन किया।
  • कर्जनके समय में 1904 में प्राचीन स्मारक संरक्षण  अधियम पारित हुआ, जिसके द्वारा भारत में पहली बार ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा एवं मरम्मत की ओर ध्यान देने के लिए भारतीय पुरातत्त्व विभाग की स्थापनाहुई।
  • कर्ज़नने 1901 ई. में सर कॉलिन स्कॉट मॉनक्रीफ की  अध्यक्षता में एक सिंचाई आयोग का भी गठन किया।
  • कर्जनके समय में भारत में भयानक अकाल भी पड़ा, जिससे करीब 60-90 लाख लोगों के मरने का अनुमान  लगाया गया।
  • 1899-1990 ई.में पड़े अकाल व सूखे की स्थिति के  विश्लेषण के लिए सर एण्टनी मैकडॉनल की अध्यक्षता में एक अकाल आयोग का गठन किया गया।
  • लॉर्डकर्ज़न के समय में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य था –1905 ई. में बंगाल का विभाजन, जिसके बाद भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों का सूत्रपात हो गया।
  • इसके शासन काल में 1905 में रेलवे बोर्ड का गठन किया गया।
  • 1905 ई.में लॉर्ड कर्ज़न ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे  दिया।
  • गोखले ने लॉर्ड कर्ज़न की तुलना औरंगजेब से की थी।

 

लार्ड मिन्टों द्वितीय (Lord Minto II)

कार्यकाल – 18 नवम्बर 1905 – 23 नवम्बर 1910

  • लार्डमिंटो के कार्यकाल में 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई।
  • इसकेकार्यकाल में 1906 में कांग्रेस का सूरत का  अधिवेशन हुआ जिसमे कांग्रेस का विभाजन हो गया,  जिसका 1916 के लखनऊ अधिवेशन में पुनः एकीकरण हुआ।
  • लॉर्डमिण्टो के समय में मॉर्ले-मिंटो सुधार अधिनियम  (Morley-Minto Reforms, 1909 ई.) पारित हुआ,  जिसमे सरकार में भारतीय प्रतिनिधित्व में मामूली  बढ़ोत्तरी हुई और हिन्दुओं और मुसलमानों के लिए अलगनिर्वाचक मण्डल बनाया गया।
  • इसकेकार्यकाल में खुदीराम बोस (Khudiram Bose) को फांसी दे दी गयी, जिसने प्रफुल्लकुमार चाकी  (Prafulla Chaki) के साथ मिलकर कलकत्ता के मॅजिस्ट्रेट किंग्जफोर्ड (Kingsford) की बग्घी पर बम फेंका था।
  • लार्डमिंटो के समय में अंग्रेजों ने बांटो और राज करो की नीति औपचारिक रूप से अपना ली थी।

 

लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (Lord Hardinge II)

कार्यकाल – 23 नवम्बर 1910 – 4 अप्रैल 1916

  • लार्डहार्डिंग के समय सन 1911 में जॉर्ज पंचम के  आगमन पर दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया,  साथ ही बंगाल विभाजन को रद्द कर दिया गया।
  • 1911 मेंही बंगाल से अलग करके बिहार और उड़ीसा नाम से नए राज्यों का निर्माण हुआ।
  • हार्डिंगके कार्यकाल में भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।
  • हार्डिंगके समय में ही सन 1914 में प्रथम विश्व युद्ध  प्रारंभ हुआ, जिसके लिए वह भारत का समर्थन पाने में सफल रहा।

 

लार्ड चेम्सफोर्ड (Lord Chelmsford)

कार्यकाल – 4 अप्रैल 1916 – 2 अप्रैल 1921

  • 1916 मेंकांग्रेस और मुस्लिम लीग में एक समझौता हुआ जिसे लखनऊ पैक्ट के नाम से जाना जाता है।
  • 1920 मेंही मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कालेज (सैयद अहमद खान द्वारा 1875 में स्थापित) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना।
  • चेम्सफोर्डके कार्यकाल में, सर सिडनी रौलट की अध्यक्षता में एक कमेटी नियुक्त करके रौलेट एक्ट मार्च 1919  में पारित किया गया
  • चेम्सफोर्डके समय में ही 1919 में जलियाँवाला बाग  हत्याकाण्ड हुआ।
  • इसकेसमय में भारत सरकार अधिनियम, 1919 ई. व मॉण्टेग्यू चेम्सफ़ोर्ड सुधार लाया गया।
  • 1916 ई.में पूना में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना तथा 1917 ई. में शिक्षा पर सैडलर आयोग की नियुक्ति  की गई।

 

लार्ड रीडिंग (Lord Reading)

कार्यकाल – 2 अप्रैल 1921 – 3 अप्रैल 1926

  • लार्डरीडिंग के कार्यकाल में 1919 का रौलेट एक्ट वापस ले लिया गया।
  • रीडिंगके समय में ही केरल में 1921 में मोपला विद्रोह हुआ।
  • लार्डरीडिंग के ही कार्यकाल में 5 फरवरी 1922 को  चौरीचौरा की घटना हुई, जिसकी वजह से गाँधी जी ने अपना असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया।
  • लार्डरीडिंग के समय में 1921 में प्रिन्स ऑफ़ वेल्स का भारत आगमन भी हुआ।
  • लार्डरीडिंग के कार्यकाल एम. एन. रॉय द्वारा दिसम्बर 1925 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का भी गठन किया  गया।
  • लार्डरीडिंग के कार्यकाल में दिल्ली और नागपुर  विश्वविद्यालयों की भी स्थापना हुई।

 

लार्ड इरविन (Lord Irwin)

कार्यकाल – 3 अप्रैल 1926 – 18 अप्रैल 1931

  • इरविनके कार्यकाल के दौरान गाँधी जी ने 12 मार्च,  1930 ई. में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की।
  • 1928 मेंसाइमन कमीशन भारत आया।
  • लार्डइरविन के कार्यकाल में मोतीलाल नेहरु ने नेहरु रिपोर्ट पेश की, जिसमे भारत को अधिशसी राज्य  (dominion status) का दर्जा देने की बात कही गयी।
  • इरविनके समय में लंदन में द्वितीय गोलमेज सम्मलेन  हुआ।
  • इरविनके कार्यकाल में 1929 में, पब्लिक सेफ्टी बिल  और लाला लाजपत रॉय की हत्या के विरोध में दिल्ली केअसेम्बली हॉल में भगत सिंह और उनके साथियों ने बम फेंका।
  • लार्डइरविन के कार्यकाल में ही 1929 में प्रसिद्ध लाहौर षड्यंत्र एवं स्वतंत्रता सेनानी जतिनदास की 64 दिन की भूख हड़ताल के बाद जेल में मृत्यु हो गयी थी।
  • इरविनने खनन और भू-विज्ञान के विकास के लिए  इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस, धनबाद की स्थापना भी की।

 

लॉर्ड विलिंगडन (Lord Willingdon)

कार्यकाल – 18 अप्रैल 1931 – 18 अप्रैल 1936

  • लॉर्डविलिंगडन के कार्यकाल में 1931 में. द्वितीय  गोलमेज सम्मेलन और 1932 में तृतीय गोलमेज  सम्मेलन का आयोजन लन्दन में हुआ।
  • विलिंगडनके समय में 1932 में देहरादून में भारतीय  सेना अकादमी (Indian Military Academy, IMA) की स्थापना की गयी|
  • 1935 मेंगवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट पारित किया गया।
  • 1935 मेंही बर्मा को भारत से अलग कर दिया  गया।
  • विलिंगडनके समय में ही भारतीय किसान सभा की भी स्थापना की गयी।
  • महात्मागाँधी एवं डॉ. अम्बेडकर के बीच 1932 ई. को  पूना समझौता हुआ।

 

लार्ड लिनलिथगो (Lord Linlithgow)

कार्यकाल – 18 अप्रैल 1936 – 1 अक्टूबर 1943

  • 1939 मेंसुभाष चन्द्र बोस ने कांग्रेस छोड़कर फॉरवर्ड ब्लाक नाम की अलग पार्टी का गठन कर लिया।
  • लार्डलिनलिथगो के समय में ही पहली बार मुस्लिम  लीग द्वारा 1940 में पाकिस्तान की मांग की गयी।
  • 1942 ई.में क्रिप्स मिशन (cripps mission) भारत  आया।
  • 1940 ई. में व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रारंभहुआ।
  • लार्डलिनलिथगो के कार्यकाल में गाँधी जी ने करो या  मरो का नारा देते हुए भारत छोड़ो आन्दोलन की  शुरुआत की।

 

लार्ड वेवेल (Lord Wavell)

कार्यकाल – 1 अक्टूबर 1943 –  21 फ़रवरी 1947

  • 1945 मेंलार्ड वेवेल ने शिमला में एक समझौते का  आयोजन किया, जिसे शिमला समझौता या वेवेल प्लान के नाम से जाना गया।
  • वेवेलके समय में 1946 में नौसेना का विद्रोह हुआ था।
  • 1946 मेंअंतरिम सरकार का गठन किया गया।
  • ब्रिटेनके प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने 20 फरवरी,  1947 को भारत को स्वतंत्र करने की घोषणा कर दी।

 

लार्ड माउंटबेटेन (Lord Mountbatten)

कार्यकाल – 21 फ़रवरी 1947 – 15 अगस्त 1947

  • लॉर्डमाउंटबेटन भारत का अंतिम वायसराय और  था।
  • लॉर्डमाउंटबेटन ने 3 जून, 1947 को भारत के विभाजन की घोषणा की।
  • 4 जुलाई, 1947 कोब्रिटिश संसद में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम प्रस्तुत किया गया, जिसे 18 जुलाई, 1947 को पारित करके भारत की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी गयी।
  • भारतीयस्वतंत्रता अधिनियम द्वारा भारत को विभाजन करके भारत और पाकिस्तान नाम के दो राज्यों में बाँट दिया गया।
  • 15 अगस्त, 1947 कोभारत स्वतंत्र हो गया।

 

 

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (C.Rajagopalachari)

कार्यकाल – 15 अगस्त 1947 – 1948

  • भारतकी स्वतंत्रता के बाद 1948 में राजगोपालाचारी को स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल नियुक्त किया  गया।