कनाडा ने एक बार फिर भारत सरकार और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच कथित संबंधों का आरोप दोहराया है। लेकिन इस बार, उसने पहली बार यह भी स्वीकार किया है कि कनाडा-आधारित खालिस्तानी चरमपंथी (CBKE) भारत में हिंसा की योजना बनाने और उसे फंडिंग देने में शामिल रहे हैं।
यह रिपोर्ट कनाडा की सुरक्षा और खुफिया सेवा (CSIS) ने जारी की है, जिसमें भारत के साथ-साथ चीन, ईरान, पाकिस्तान और रूस को भी कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप और जासूसी करने वाले देशों की सूची में शामिल किया गया है।
यह रिपोर्ट G7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात के ठीक एक दिन बाद ऑनलाइन प्रकाशित की गई। इस मुलाकात में दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों को सामान्य करने और संवाद फिर से शुरू करने पर सहमति जताई थी।
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार किया है। हालांकि, यह साफ है कि कनाडा पहली बार भारत की खालिस्तानी चरमपंथियों को लेकर चिंता को गंभीरता से ले रहा है, फिर भी उसने निज्जर की हत्या और अन्य कथित विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों को दोहराया है, जिन्हें भारत ने बार-बार खारिज किया है।
क्या कहा गया है रिपोर्ट में?
- रिपोर्ट के अनुसार, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या भारत सरकार की खालिस्तान आंदोलन के खिलाफ दमन नीति का हिस्सा है।
- चार लोगों को मई 2024 में गिरफ्तार किया गया है, जिन पर हत्या की साजिश और पहले दर्जे की हत्या का आरोप है।
- रिपोर्ट का दावा है कि भारतीय एजेंट और आपराधिक गिरोहों के बीच संबंध हैं, जो दक्षिण एशियाई समुदायों में हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
- अक्टूबर 2024 में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा सहित छह भारतीय राजनयिकों को कनाडा से निष्कासित कर दिया गया था। जवाब में भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया।
कनाडा की सख्ती और पहली बार बड़ा बदलाव
इस रिपोर्ट में पहली बार कनाडा ने खालिस्तानी चरमपंथियों को “राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक चरमपंथ” (PMVE) के तहत शामिल किया है। इसमें माना गया है कि भले ही खालिस्तानी समर्थकों का एक बड़ा हिस्सा शांतिपूर्ण विरोध करता है, लेकिन एक छोटा सा समूह हिंसा की योजना, फंडिंग और प्रचार कनाडा से करता है – खासकर भारत में।
रिपोर्ट का भारत विरोधी राजनीतिक रंग
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी और उनके सहयोगी, “भारत विरोधी” गतिविधियों को रोकने के नाम पर देश और विदेश दोनों में दबाव बना रहे हैं। इसमें भारत के 2024 के चुनाव परिणामों को भी “हिंदू राष्ट्रवादी नीति एजेंडा” से जोड़ा गया है, जिससे भारत के विरोध की संभावना है।
पाकिस्तान पर भी आरोप
सीएसआईएस ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान पर भी आरोप लगाए हैं कि वह कनाडा की राजनीति में हस्तक्षेप करता है, खासकर “प्रो-पाकिस्तान” उम्मीदवारों को बढ़ावा देने और “प्रो-इंडिया” प्रत्याशियों को कमजोर करने में।
कनाडा की यह रिपोर्ट एक तरफ भारत पर निज्जर हत्या और विदेशी हस्तक्षेप के आरोप दोहराती है, लेकिन साथ ही पहली बार यह स्वीकार करती है कि कनाडा में मौजूद खालिस्तानी समूह भारत में हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं – एक मुद्दा जिसे भारत लंबे समय से उठाता आया है। यह रिपोर्ट दोनों देशों के संबंधों में संवेदनशील मोड़ ला सकती है, खासकर ऐसे समय में जब राजनयिक संबंध सामान्य करने की कोशिशें हो रही हैं।
Source: The Hindu