उत्तर भारत व दक्कन के क्षेत्रीय राज्य

बहमनी राज्य

बहमनी वंश का प्रथम शासक कौन था – अबुल हसन मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमनशाह

दक्षिण में बहमनी राज्य का संस्थापक कौन था – अलाउद्दीन बहमनशाह ( हसनगंगू )

अलाउद्दीन का वास्तविक नाम क्या था – हसन गंगू

बहमनी राज्य कब स्थापित हुआ था – 14वीं सदी ई. में

बहमनी राज्य की स्थापना किस वर्ष हुई थी – 1347 ई. में

अलाउद्दीन हसन बहमनशाह के नाम से कौन जाना जाता था – जफर खान

बहमनी साम्राज्य की स्थापना के लिए कौन-सी परिस्थिति उत्तरदायी थी – अमीरान-ए-सादाह द्वारा विद्रोह

कौन-सा सामंत वर्ग दक्कन में बहमनी राज्य की स्थापना से संबंधित था – सादा अमीर

बहमनी राज्य की प्रथम राजधानी कौन-सी थी – गुलबर्गा थी

अलाउद्दीन बहमनशाह ने अपने राज्य को कितने प्रांतों (तरफों) में बांटा – 4 प्रांतों में (गुलबर्गा, दौलताबाद, बरार व बीदर में)

बहमनी किनके ऊपर राज्य करते थे – गुलबर्गा, दौलताबाद, बरार और बीदर पर

बहमनी का वह पहला मुस्लिम शासक कौन था, जिसने दक्कन में हिन्दुओं से जजिया कर न लेने का निर्णय लिया – बहमनशाह

बहमनी के किस सुल्तान ने दौलताबाद में एक वेधशाला का निर्माण कराया थाा – ताजुद्दीन फिरोजशाह ने

बहमनी शासक ताजुद्दीन फिरोज के संदर्भ में सत्य कथन है
(1) ताजुद्दीन फिरोज ने बहमनी राज्य की गद्दी संभालने के बाद हिंदुओ को ऊंचे पदों पर प्रोन्नत किया
(2) प्रोन्नत हिंदू विजयनगर के लब्ध प्रतिष्ठ मुखिया थे जिन्होंने देवराय प्रथम के साथ गंभीर मतभेदों के कारण अपनी निष्ठा परिवर्तित कर बहमनी राज्य के साथ जोड़ दी थी

बहमनी के किस सुल्तान ने अपनी राजधानी गुलबर्गा से बीदर हस्तांतरित कर दी और उसका नाम – मुहम्मदाबाद रखा

बहमनी शासक जिसने अपनी क्रूरता के कारण ‘जालिम’ उपनाम कमाया, कौन था – हुमायूँशाह

अपने आलसीपन के कारण बहमनी के किस सुल्तान को ‘दक्षिण का नीरो’ भी कहा जाता है – हुमायूँ शाह को

बहमनी साम्राज्य में अफाकी लोग कौन थे – ईरान, इराक, तुर्की एवं अरब देशों से आए मुसलमान

बहमनी के किस सुल्तान के समय महमूद गवाँ (बहमनी राज्य का विख्यात वजीर) को राज्य की सेवा में लिया गया – अलाउद्दीन अहमदशाह के समय

बहमनी साम्राज्य का प्रमुख वजीर कौन था – महमूद गवां

बहमनी साम्राज्य की सेवा करने वाला योग्यतम प्रधानमंत्री कौन था – महमूद गवां

महमूद गवां की हत्या किसके लिए हानिकारक साबित हुई – बहमनी शासन के लिए

बहमनी साम्राज्य के पतन के कारण के संदर्भ में सत्य कथन है – महमूद गंवा का पतन बहमनी साम्राज्य के पतन की मुख्य घटना है

‘रौजत-साथउल-इन्शा’ तथा ‘दीवान-ए-अश्र’ नामक ग्रन्थों की रचना किसने की थी – महमूद गवाँ ने

बहमनी शासन-प्रबंध के अंतर्गत ‘अमीर-ए-जुमला’ से क्या तात्पर्य है -‘अर्थमंत्री’

किस बहमनी राजा ने विजयनगर के एक राज्य के वैवाहिक संबंध स्थापित किया था – फिरोजशाह बहमनी ने

बहमनी राज्य का अस्तित्व किस मुगल शासक के काल मेंसमाप्त हुआ था – शाहजहाँ के समय

बहमनी साम्राज्य और विजयनगर साम्राज्य के मध्य शत्रुता का कारण कौन-सा विवादग्रस्त क्षेत्र था – रायचूर दोआब

बहमनी राज्य के पतन का मुख्य कारण क्या था – प्रान्तपतियों का विद्रोह

दक्कन के शासकों द्वारा मध्यकाल में इस्तवा उपाय अपनाए गए, इनका क्या अर्थ था – भू-राजस्व का रियायती मूल्यांकन

कौन-सा एक नगर मध्यकाल में दक्षिण-भारत में धातु जड़ाई कला के लिए विख्यात हुआ था – तन्जौर

वह विदेशी यात्री कौन था जिसने बहमनी साम्राज्य का वृतांत दिया है – ए. निकितिन ने

बहमनी राज्य का अंतिम राजा कौन था – कलीमुल्ला शाह

बहमनी साम्राज्य के किस शासक का शासन काल न्याय एवं धर्मनिष्ठता के लिए प्रख्यात था, जिसके कारण इतिहास में उसे ‘वली’ या ‘सन्त अहमद’ भी कहा जाता है – शिहाबुद्दीन अहमद प्रथम

बहमनी राज्य में ‘सद्र-ए-जहाँ’ किस विभाग का मुखिया होता था – धार्मिक तथा न्यायिक मामले

अपने पतन के पश्चात बहमनी साम्राज्य कितने भागों में विभाजित हुआ था – 5 भागों में (बीजापुर आदिलशाही वंश, गोलकुंडा कुतुबशाही वंश, अहमदनगर का निजामशाही वंश, बरार का इमादशाही वंश, बीदर का बरीदशाही वशं)

बीजापुर

बीजापुर के आदिलशाही राजवंश की स्थापना किसने की थी – यूसुफ आदिलशाह ने ( 1489 ई. में)

बीजापुर का वह पहला सुल्तान कौन था जिसने ‘शाह’ की उपाधि धारण की तथा फारसी के स्थान पर हिन्दवी (दक्कनी उर्दू) को राजभाषा बनाया – इब्राहिम आदिलशाह प्रथम ने

बीजापुर के किस शासक को ‘अबलाबाबा’ तथा ‘जगदगुरू’ की उपाधि मिली थी – इब्राहिम आदिलशाह द्वितीय को

बीजापुर के मुस्लिम शासको में से किस एक को उसकी धर्मनिरपेक्षता (Secularism) में आस्था के कारण उसकीमुस्लिम प्रजा ‘जगतगुरू’ कहकर पुकारती थी – इब्राहिम आदिलशाह द्वितीय

‘किताब-ए- नवरस’ में उपलब्ध कविताएँ जो विभिन्न रागों में गायन हेतु थी, किसके द्वारा रची गई थी- इब्राहिम आदिलशाह द्वितीय द्वारा

बीजापुर शासकों के संदर्भ में सत्य कथन हैं
(1) इब्राहिम आदिलशाह द्वितीय को ‘अबला बाबा’ (गरीबों का दोस्त ) के नाम से जाना जाता था और उन्हे उनके उदार दृष्टिकोण के कारण ‘जगतगुरु’ के नाम से भी पुकारा जाता था

(2) मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने दक्खिनी उर्दू,
फारसी तथा तेलगू में रचनाएं की और अपने पीछे एक विशाल दीवान छोड़ गए

(3) अली आदिलशाह ने कैथोलिक मिशनरियों को अपने दरबार में अकबर से भी पहले आमंत्रित किया था

बीजापुर के ऐतिहासिक ‘गोल गुंबद’ का निर्माण किसने करवाया था – मुहम्मद आदिलशाह ने

वह गुंबद, जो संसार के विशालतम गुबंदो में से एक है – गोल गुबंद, बीजापुर

विश्व का सबसे बड़ा मकबरा, गोल गुम्बद किस राज्य में स्थित – कर्नाटक में

गोल-गुंबद किस्का उदाहरण है -आदिलशाही स्थापत्य कला का

गोलकुंडा

गोलकुंडा के स्वतंत्र कुतुबशाही वंश की स्थापना किसने की थी – कुली कुतुबशाह ( 1512-18 ई. में) ने

गोलकुंडा को वर्तमान में क्या कहा जाता है – हैदराबाद

हैदराबाद नगर का निर्माण किसने किया था – मुहम्मद कुली ने

मुस्लिम राज्य गोलकुंडा किस प्राचीन हिन्दू साम्राज्य के खंडहरों पर निर्मित हुआ – वारंगल

मदन्ना किस राज्य का पदाधिकारी था – गोलकुंडा का

गोलकुंडा के किस सुल्तान को ‘दक्किनी उर्दू या हिन्दवी का जनक’ माना जाता है – मुहम्मद कुली को

फ्रांसीसी यात्री जॉन बैप्टिस्ट ट्रेवर्नियर ने गोलकुंडा के राजधानी नगर को क्या नाम दिया था – भागनगर

अहमदनगर

बहमनी राज्य से पृथक स्वतंत्र अहमदनगर राज्य की स्थापना किसने की थी – मलिक अहमद ने (1490 ई. में)

अहमदनगर राज्य का संस्थापक कौन था – मलिक अहमद

चाँदबीबी कहाँ की शासिका थी – अहमद नगर की

अहमदनगर के निजाम शाही वंश का अंत कैसे हुआ था – अहमदनगर को मुगल साम्राज्य में मिलाकर हुसैनशाह को आजीवन कारावास दिया गया

मलिक अंबर किस राज्य का वजीर था – अहमदनगर का

मलिक अंबर ने किस राज्य की पुनः प्रतिष्ठा स्थापित की थी – निजामशाही राज्य की

किस दक्षिण मुस्लिम राज्य के अमीरों ने प्रथम बार मराठों को छापामार युद्ध पद्धति के लिए प्रशिक्षित किया-अहमदनगर के मलिक अंबर ने

बरार

बहमनी राज्य से स्वतंत्र बरार के इमादशाही वंश की स्थापना किसने की थी – फतेह उल्लाह इमादशाह   (1490 ई.में) ने

बरार के इमादशाही वंश की राजधानी कहाँ थी – एलिचपुर और गाविलगढ़

तालिकोटा के युद्ध में कहाँ के शासक को विजयनगर के विरुद्ध लड़ने के लिए संघ में शामिल होने हेतु आमंत्रित नहीं किया गया था – बरार के शासक को

राजधानी अहमदाबाद का निर्माण अहमदशाह ने किस पुराने स्थल पर किया था – असावल के

बीदर

बहमनी राज्य से स्वतंत्र बीदर में बरीदशाही वंश की स्थापना किसने की थी – अमीर अली बरीद शाह (1526-27 ई. में) ने

बीदर के किस सुल्तान को ‘दक्कन की लोमड़ी’ कहा जाता है – अमीर अली बरीद को

बीदर का संस्थापक कौन था – अली बरीद

जौनपुर

जौनपुर नगर किसकी स्मृति में स्थापित किया गया था – मुहम्मद बिन तुगलक ( जौना खाँ) की स्मृति में

जौनपुर नगर की स्थापना किसने की थी – 15 वीं-16वीं शताब्दी में शर्की राज्य की राजधानी किस स्थान पर थी -फिरोजशाह तुगलक ने

जौनपुर में एक स्वतंत्र शर्की राज्य की स्थापना किसने की थी – मलिक सरवर ( ख्वाजा जहाँ)

किस स्थान को ‘भारत का शिराज’ कहा जाता था – जौनपुर को

शर्की सुल्तानों के शासनकाल में किस स्थान को ‘पूर्व का शिराज’ कहा जाता था – जौनपुर को

शर्की वंश का सबसे महान शासक कौन था – इब्राहिम शर्की

तैमूर के आक्रमण से उत्पन्न अव्यवस्था का लाभ उठाकर किसने जौनपुर में एक स्वतंत्र शर्की राज्य की स्थापना की – मलिक सरवर (सुल्तान-उस-शर्क)

शर्की साम्राज्य का कौन-एक शासक किन्नर था – मलिक सरवर

किस शर्की शासक के काल में जौनपुर मुस्लिम विद्या का एक महत्वपूर्ण केन्द्र बन गया – इब्राहिमशाह शर्की के शासन काल में

जौनपुर की अटाला मस्जिद का निर्माण किसने करवाया था – इब्राहिमशाह ने

जौनपुर की अटाला मस्जिद के विषय में सही कथन –
(1) इसे शर्की सुल्तान इब्राहिमशाह ने बनवाया था
(2) यह वास्तुकला का अति उत्तम नमूना है
(3) इसमें मीनारें नहीं है

संगीत के क्षेत्र में अपनी महारत के लिए कौन-सा राजा/ सुल्तान/ कवि को गंधर्व की उपाधि से संबोधित किया गया था-  सुल्तान हुसैन शाह शर्की

जैन ग्रन्थ ‘कल्पसूत्र’ की सबसे प्राचीन चित्रकारी किन क्षेत्रों से संबंधित है – मालवा और जौनपुर से

शर्की राज्य का वह प्रथम शासक कौन था, जिसने सुल्तान की उपाधि धारण की और अपने नाम के सिक्के ढलवाए – मुबारकशाह ( मलिक करनफूल)

जौनपुर राज्य (शर्की वंश) का अंतिम शासक कौन था – हुसैन शाह

मालवा

मालवा की स्वतंत्र सल्तनत की स्थापना किसने की थी -दिलावर खां गोरी ने

मालवा के शासक हुसंगशाह ने अपनी राजधानी किसे बनाई थी – माण्डू को

मांडू की स्थापना किसने की थी – होशंगशाह ने

मालवा में खिलजी-वंश की नींव किसने डाली थी – महमूद शाह ने

“इस तरह शिविर उसका घर बन गया था और युद्ध का मैदान उसके लिए आरामगाह था। अपने अवकाश के समय को वह इतिहास ग्रन्थों तथा संसार के विभिन्न राजदरबारों के संस्मरणों के सुनने में बिताया करता था।” फरिश्ता का उपयुक्त कथन किस सुल्तान के विषय में है – महमूद खिलजी प्रथम के विषय में

किस मालवा सुल्तान ने मांडू में एक विशाल दारूल-शफा (अस्पताल) का निर्माण कराया था -महमूद खिलजी प्रथम ने मालवा के किस सुल्तान की मृत्यु मदिरा के नशे में झील में डूबकर कर हुई थी – नासिरूद्दीन की

मालवा के सुल्तानों का सही कालानुक्रम निम्न प्रकार है – मुहम्मद शाह गौरी-महमूद खिलजी प्रथम-गियास शाह-नासिर शाह

1561 ई. में आधम खान और पीर मुहम्मद खान के मालवा पर आक्रमण के समय वहाँ का शासक कौन था -बाज बहादुर

गुजरात के किस शासक ने महमूद द्वितीय को पराजित कर मालवा को अपने राज्य में मिला लिया था – बहादुरशाह ने

तैमूर के आक्रमण के पश्चात् उत्पन्न हुई अव्यवस्था का लाभ उठाकर किसने गुजरात के स्वतंत्र राज्य की स्थापना थी – जफर खाँ (मुजफ्फरशाह) ने

गुजरात की स्वतंत्र सत्ता स्थापित करने वाला कौन था – जफर खान

किस शासक को गुजरात राज्य की स्वतंत्रता का वास्तविक संस्थापक माना जाता है – अहमदशाह प्रथम को

अहमदाबाद नगर की स्थापना किसने की थी – अहमदशाह प्रथम ने

राजधानी अहमदाबाद का निर्माण अहमदशाह ने किस पुराने अवस्थल पर किया था – असावल में

गुजरात का कौन सुल्तान इतिहास में महमूद बेगड़ा के नाम से प्रसिद्ध है – महमूदशाह प्रथम ने

गुजरात के सुल्तानों में कौन महानतम शासक था – महमूद बेगड़ा

गुजरात के किस शासक ने गिरिनार पहाड़ियों की तलहटी में ‘मुस्तफाबाद’ नामक नगर की स्थापना की थी – महमूद बेगड़ा ने

बारबोसा ने गुजरात के किस शासक के विषय में लिखा है कि – “बचपन से ही उसे किसी जहर का नियमित सेवन कराया जाता था। अतः यदि उसके हाथ पर कोई मक्खी बैठ जाती थी तो वह

फूलकर तुरन्त मर जाती थी” – महमूद बेगड़ा के विषय में

गुजरात के किस सुल्तान को उसकी उदारता के कारण ‘जरबख्श’ अर्थात “स्वर्ण दान करने” वाला कहा जाता था – महमूद बेगड़ा को

अहमदाबाद की जामा मस्जिद का निर्माण किसने करवाया था – अहमदशाह प्रथम ने

मिश्र के प्रसिद्ध विद्वान बद्र-उद-दीन दमामीनी ने किस सुल्तान के समय गुजरात की यात्रा की थी – अहमदशाह के शासनकाल में

गुजरात के किस शासक को पुर्तगालियों ने धोखे से समुद्र में डुबोकर मार डाला था – बहादुरशाह को

किस पुर्तगाली सुबेदार ने गुजरात के शासक बहादुरशाह को धोखा देकर समुद्र में डुबो दिया था – नीन्हो डी कुन्हा

मुगल शासक बाबर के काल में गुजरात में किसका शासन था – कश्मीर

कश्मीर में स्वतंत्र हिन्दू राज्य की स्थापना किसने की थी – सुहादेव ( सिंहदेव ) ने

कश्मीर का पहला मुसलमान शासक कौन था – शम्सुद्दीन शाह ( शाह मिर्जा)

शाह मिर्जा ने कश्मीर के सिंहासन पर कब अधिकार किया था -1339 ई. में

कश्मीर के किस शासक ने अपनी राजधानी इन्द्राकोट से हटाकर अलाउद्दीनपुर (श्रीनगर) में स्थापित किया – शिहाबुद्दीन ने

तैमूर के आक्रमण के समय कश्मीर का शासक कौन था – सिकन्दर

कश्मीर के किस सुल्तान के विषय में फरिश्ता ने लिखा है कि- “सुहाभट्ट के सुझाव पर सुल्तान ने आज्ञा दी कि सभी ब्राह्मण तथा विद्वान हिन्दू मुसलमान बन जाएं और जो इस्लाम धर्म स्वीकार न करे, वह घाटी (कश्मीर) से निकल जाए।”– सिकंदर के विषय में

‘सुहाभट्ट ने सुल्तान पर इतना दबाव बनाया कि उसकी सलाह पर सुल्तान ने सभी ब्राह्मणों और शिक्षित हिन्दुओं को आदेश दिया कि उन्हे मुसलमान बन जाना चाहिए और जो इस्लाम नहीं कबूल करना चाहते उन्हे देश छोड़कर चले जाना चाहिए।” उपर्युक्त कथन में फरिश्ता ने किस सुल्तान के बारे में यह जिक्र किया है – कश्मीर के सुल्तान सिकंदर के बारे में

हिन्दू मंदिरों और मूर्तियों को अत्यधिक मात्रा में नष्ट करने के कारण कश्मीर के किस सुल्तान को ‘बुतशिकन’ की उपाधि मिली थी – सिंकदर को

कश्मीर का ‘सुहाभट्ट’ नामक ब्राह्मण (जिसने बाद में इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था) किस सुल्तान का प्रधान सेनापति एवं परामर्शदाता था – सिकंदर का

प्रमुख ईरानी अप्रवासी सूफी सन्त सैयद अली हमदानी का पुत्र सैयद मुहम्मद हमदानी के कश्मीर आगमन के समय वहाँ का सुल्तान कौन था – सिंकन्दर था

कश्मीर का सबसे महानतम सुल्तान कौन था – जैनुल-आबिदीन

जैनुल आबिदीन का मूल नाम क्या था – शााही खाँ

किस सुल्तान की उदार नीतियों के कारण उसे ‘कश्मीर का अकबर’ और मूल्य नियंत्रण व्यवस्था के कारण ‘कश्मीर का अलाउद्दीन खिलजी’ कहा जाता है – सुल्तान जैनुल आबिदीन को

कश्मीर के किस सुल्तान ने गौ-हत्या निषिद्ध कर दिया तथा सती प्रथा पर से प्रतिबंध हटा दिया था – सुल्तान जैनुल आबिदीन ने

कश्मीर का कौन विद्वान सुल्तान था जो फारसी, तिब्बती, संस्कृत – और कई अन्य भाषाओं का ज्ञाता था- सुल्तान जैनुल आबिदीन

कश्मीर का कौन सुल्तान ‘कुतुब’ उपनाम से कविताएं लिखता था – जैनुल आबिदीन

कश्मीर के किस सुल्तान ने ‘शिकायतनामा’ नामक ग्रन्थ की रचना की – जैनुल आबिदीन

कश्मीर का यह सुल्तान कौन था जिसने अपने शिक्षक को सम्मानित किया – सुल्तान जैनुल आबिदीन ने

किस सुल्तान को कश्मीरी लोगों ने ‘वुडशाह’ (महान नरेश) की उपाधि से सम्मानित किया – जैनुल आबिदीन को

कश्मीर के शासक जैनुल आबिदीन के संदर्भ में सत्य कथन है
1. सुल्तान जैनुल आबिदीन ज्ञान के बहुत बड़े संरक्षक थे और वे ज्ञानी लोगों से घिरे रहते थे, जिनके साथ चर्चा करना उन्हें पसंद था
2. उनके शासन काल के दौरान सैय्यद मुहम्मद रूमी, काजी सैय्यद अली शिराजी, काजी जमाल तथा सैय्यद मुहम्मद सीमें उत्प्रवास कर गए 

कश्मीर के जैन-उल-आबिदीन के आदेश पर महाभारत तथा राजतरंगिणी का किस भाषा में अनुवाद किया गया था – फारसी भाषा में

किसने सर्वप्रथम जजिया (गैर मुस्लिमों पर लगने वाला कर)समाप्त किया था – जैनुल आबिदीन ने

कल्हण ने मन्दिर कोश जब्त करने के कारण किसकी आलोचना की है – हर्ष की

सुमन्धा देवी, जिसने आसीन लक्ष्मी के आकृतियुक्त सिक्के चलाए थे, वह कहां की रानी थी – कश्मीर की

किस शासक ने कश्मीर में मार्तण्ड मंदिर का निर्माण करवाया था – ललितादित्य मक्तापीद ने

“जैसे तेज हवाएं पेड़ों को बर्बाद कर देती है और टिड्डियों के दल शाली की फसल को तहस-नहस कर देती है, उसी तरह यवनों ने कश्मीरी परंपराओं को नष्ट कर दिया कश्मीर राज्य म्लेच्छों के दुष्टतापूर्ण व्यवहार से ग्रस्त है।” कश्मीर के बारे में उपर्युक्त कथन किस कश्मीरी इतिहासकार का है – जोनराज ने

कौन-सा एक क्षेत्र तारीख-ए-रशीदी के लेखक मिर्जा हैदर दोगलत द्वारा एक मध्यकालीन सुल्तान के रूप में शासित क्षेत्र था – कश्मीर

कल्हण की राजतरंगिणी में वर्णित कश्मीर का अंतिम राजा कौन है – जयसिंह

सल्तनतकालीन उत्तर भारतीय प्रांतो में सबसे अधिक विद्रोह कहाँ हुए- बंगाल में

बंगाल पर दिल्ली सल्तनत के नियंत्रण को बनाए रखने के लिए किस सुल्तान ने बंगाल को तीन प्रशासकीय संभागों में विभाजित किया था – गयासुद्दीन तुगलक ने

बंगाल के प्रांतीय विभाजन को समाप्त करके कौन संयुक्त बंगाल का शासक बना – हाजी इलियास ( शम्सद्दीन इलियासशाह )

गयासुद्दीन तुगलक ने बंगाल को तीन प्रशासकीय संभागों (उत्तरी बंगाल, पूर्वी बंगाल और दक्षिणी बंगाल) में विभाजित किया था। इन संभागों की राजधानियाँ (क्रमशः) कहाँ थीं – लखनौती, सोनार गाँव और सतगाँव

गियासुद्दीन आजमशाह की मृत्यु के पश्चात् किस हिंदू जमींदार ने बंगाल पर अधिकार कर लिया था – राजा गणेश ने

बंगाल के किस सुल्तान ने ‘नृपति तिलक’ एवं ‘जगत भूषण’ की उपाधि धारण की थी – अलाउद्दीन हुसैनशाह ने

हिन्दुओं के प्रति विशेष उदारता के कारण बंगाल के किस सुल्तान को कृष्ण का अवतार कहा जाता है – अलाउद्दीन हुसैनशाह को

बंगाल का कौन मुस्लिम शासक महान वैष्णव संत चैतन्य का समकालीन था – अलाउद्दीन हुसैन शाह

‘श्रीकृष्ण विजय’ की रचना किसने की थी – मालधर बसु ने

बंगाल के सुल्तान नासिरूद्दीन नुसरतशाह का मूल नाम क्या था – नसीब खाँ

बंगाल के शासक बरबकशाह के संदर्भ में सत्य कथन है
1. बंगाल के सुल्तान रूकनुद्दीन बरबक शाह प्रथम बंगाली साहित्य के महान संरक्षक थे
2. बंगाली साहित्य के क्षेत्र में मालधर बसु की महान उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए बरबकशाह प्रथम ने उन्हे ‘गुणराज खान’ की उपाधि प्रदान की

मेवाड़

मेवाड़ को वर्तमान में किस नाम से जाना जाता है – उदयपुर के नाम से

चित्तौड़ पर अधिकार करके किसने सिसोदिया वंश की नींव डाली – हम्मीर देव ने

मेवाड़ राज्य की पुनर्स्थापना किसने की – राणा हम्मीरदेव ने

माना, फन्ना एवं विशाल नामक प्रसिद्ध शिल्पकारों तथा कविराज वानी विलास और योगेश्वर नामक दो विद्वानों को किसका संरक्षण प्राप्त था – मोकल का

मालवा के विरुद्ध सफलता प्राप्त करने के उपलक्ष्य में किसने 1448 ई. में चित्तौड़ में कीर्ति स्तम्भ का निर्माण करवाया – कुम्भकरण (राणा कुम्भा ने )

मेवाड़ के किस शिल्प को ‘हिन्दू देवशास्त्र का चित्रित कोश’ कहा गया है चित्तौड़ के कीर्ति स्तम्भ को
मेवाड़ के किस शासक ने जयदेव कृत ‘गीत-गोविन्द’ परु ‘रसिकप्रिया’ नामक टीका लिखी थी – राणा कुम्भा ने

खानवा का युद्ध कब और किसके बीच हुआ था -1527 ई. में बाबर और राणा सांगा के बीच
मारवाड़

मारवाड़ को वर्तमान में किस नाम से जाना जाता है – जोधपुर के नाम से

मारवाड़ के राठौर किसके वंशज थे – राष्ट्रकूटों के

आधुनिक मारवाड़ राज्य की नींव किसने डाली थी -चुन्द ने ( 1394-1421 ई.)

जोधपुर के दुर्ग का निर्माण किसने करवाया था – जोधा ने

आधुनिक बीकानेर राज्य की स्थापना किसने की थी – बीका ने

शेरशाह के समय मारवाड़ का शासक कौन था – मालदेव

खानदेश

खानदेश के स्वतंत्र राज्य की स्थापना किसने की थी – मलिक राजा फारुकी ने

खानदेश की राजधानी कहाँ थी – बुरहानपुर

ताप्ती नदी के किनारे लगभग 1400 ई. में बुरहानपुर शहर की स्थापना किसने की थी – नासिर खाँ फारूकी ने

गुलबर्गा की जामा मस्जिद के विषय में सही कथन है-

(1) भारतीय और ईरानी तत्व परस्पर ऐसे गुथे हुए हैं कि इन्हे अलग-अलग नहीं किया जा सकता
(2) संपूर्ण संरचना विशालकाय स्तंभयुक्त छतदार भवन है
(3) सात पंक्तियों में व्यवस्थित छोटे गुंबदों से संपूर्ण छत आच्छादित है•

‘सुल्तान द्वारा सैन्य बलों का पुनगर्ठन किया गया तत्पश्चात् सेनापति को ‘अमीर-उल-उमरा’ कहा गया और बारबरादारान नामक अधिकारियों का एक समूह बनाया गया जिसका काम जरूरत के वक्त फौज को जुटाना था। इसके अलावा दो सौ यक्क जवान अथवा सिलाहदारान थे। जिसका काम सुल्तान के निजी शस्त्रो का संरक्षण था। सुल्तान के 400 अंगरक्षक थे, जिन्हे खासहखेल कहा जाता था।’ गुलबर्गा का यह बहमनी सुल्तान कौन था – मुहम्मद शाह प्रथम

वारंगल का स्वतंत्र राज्य पन्द्रहवीं शताब्दी के आरंभ में किसके द्वारा अधिग्रहण के फलस्वरूप समाप्त हो गया – अहमदशाह द्वारा

काकतीय वंश ने कहाँ शासन किया – वारंगल में