विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को अफ्रीका डे 2025 के अवसर पर नई दिल्ली में भारत और अफ्रीका के रिश्ते को “वास्तव में विशेष” बताया। उन्होंने दोनों क्षेत्रों के साझा मूल्य, ऐतिहासिक संबंध और पारस्परिक विकास के लक्ष्यों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत-अफ्रीका का जुड़ाव केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि सहानुभूति और साझी आकांक्षाओं पर आधारित है।
भारत-अफ्रीका का ऐतिहासिक संबंध और समानता की भावना
- जयशंकर ने कहा कि भारत की आज़ादी की भावना तब तक अधूरी थी जब तक अफ्रीका स्वतंत्र नहीं होता।
- आज यह भावना विकास, समृद्धि और प्रगति तक विस्तारित हो गई है।
- भोजन, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों में भारत और अफ्रीका की चिंताएं समान हैं, और इनका हल अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों से ही निकलेगा।
अफ्रीका के विकास में भारत की प्रतिबद्धता
- भारत का बाज़ार अफ्रीकी देशों के लिए खुला रहेगा।
- डिजिटल क्रांति के अनुभव अफ्रीका के साथ साझा किए जाएंगे, जिससे वहां पब्लिक सर्विस डिलीवरी और डिजिटल साक्षरता बेहतर हो सके।
- भारत अफ्रीका में शिक्षा, कृषि विकास और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग करेगा।
कोविड-19 महामारी और वैश्विक अन्याय पर आलोचना
- जयशंकर ने महामारी के दौरान अफ्रीका के साथ हुए “वैक्सीन रंगभेद” (Vaccine Apartheid) और यात्रा प्रतिबंधों की आलोचना की।
- उन्होंने कहा कि ऐसे संकटों में वैश्विक सहयोग और समानता की भावना की ज़रूरत थी, जो दुनिया ने नहीं दिखाई।
ग्लोबल साउथ में भारत और अफ्रीका की भूमिका
- जयशंकर ने कहा कि भारत और अफ्रीका “ग्लोबल साउथ” के दो मजबूत स्तंभ हैं।
- उन्होंने कहा कि जो इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हैं, वे इसकी मूल भावना को नहीं समझते।
अफ्रीकी यूनियन और वैश्विक संस्थाओं में भागीदारी
- भारत ने अपने G20 अध्यक्षत्व के दौरान अफ्रीकन यूनियन को पूर्ण सदस्यता दिलाने का समर्थन किया।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) सहित वैश्विक संस्थाओं में अफ्रीकी देशों की बेहतर और न्यायसंगत भागीदारी की मांग दोहराई, जो Ezulwini Consensus के अनुरूप है।
भारत की अफ्रीका में मौजूदगी और सहायता
- भारत ने अफ्रीका में अब तक 46 राजनयिक मिशन स्थापित किए हैं।
- ITEC और ICCR स्कॉलरशिप के तहत 37,000 से अधिक अफ्रीकी छात्रों को प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति दी गई है।
- IIT ज़ांज़ीबार, आईटी और ट्रेनिंग केंद्रों जैसे प्रयास अफ्रीका में शिक्षा और क्षमता निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
ग्रांट सहायता और मानवीय सहयोग
- भारत ने अफ्रीकी देशों को 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता प्रदान की है।
- इसमें स्वास्थ्य उपकरण, ऐम्बुलेंस, जयपुर फुट कृत्रिम अंग, और अनाज शामिल हैं।
- यह भारत की उस भावना को दर्शाता है कि संकट के समय सच्चा मित्र वही होता है जो मदद करे।
Agenda 2063 के प्रति भारत का समर्थन
- भारत ने अफ्रीकन यूनियन के “Agenda 2063” को समर्थन दिया है, जो अफ्रीका के समावेशी और आत्मनिर्भर विकास का ब्लूप्रिंट है।
- भारत की विकास साझेदारी “लोकल कैपेसिटी बिल्डिंग” और “डिमांड-ड्रिवन” मॉडल पर आधारित है।
भारत और अफ्रीका का रिश्ता सिर्फ सहयोग नहीं, बल्कि साझा भविष्य की दिशा में बढ़ने वाली एक सशक्त साझेदारी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर का यह संबोधन इस रिश्ते की गहराई, समानता की भावना और विकास के साझा मार्ग को और अधिक मज़बूती देता है।
Source: DD News