पंजाब सरकार द्वारा हाइब्रिड बीजों पर लगाई रोक

पंजाब सरकार ने हाल ही में हाइब्रिड धान (गैर-बासमती) के बीजों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सरकार का कहना है कि ये बीज राज्य में बहुत महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं और इनसे तैयार चावल को पीसते समय (मिलिंग प्रोसेस) काफी मात्रा में चावल टूट जाता है, जो भारतीय खाद्य निगम (FCI) के मानकों के खिलाफ है। इससे किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम नहीं मिल पाता।

किसान हाइब्रिड धान के बीज क्यों लगाते हैं?

पंजाब में लगभग आठ तरह की हाइब्रिड धान की किस्में आधिकारिक रूप से खेती के लिए सुझाई गई हैं। निजी बीज कंपनियाँ जैसे Savannah, VNR, Corteva, और Bayer ये बीज बेचती हैं। कुछ लोकप्रिय किस्में हैं – सवा 127, सवा 134, सवा 7501, 27P22, VNR 203 आदि।

किसानों का कहना है कि ये बीज पारंपरिक किस्मों की तुलना में कई फायदे देते हैं:

जल्दी पकते हैं, जिससे पानी की बचत होती है। उत्पादन ज़्यादा होता है – लगभग 35–40 क्विंटल प्रति एकड़। पराली भी कम निकलती है।

एक एकड़ में किसान को 13,000 से 14,000 रुपये तक ज़्यादा मुनाफ़ा होता है।

सरकार ने बिक्री पर रोक क्यों लगाई?

2024–25 खरीफ सीजन में पंजाब के राइस मिलर्स ने हाइब्रिड धान लेने से इनकार कर दिया क्योंकि इनका आउट टर्न रेशियो (OTR) कम था।

FCI के मुताबिक OTR कम से कम 67% होना चाहिए, जबकि मिलर्स का कहना है कि हाइब्रिड धान का OTR केवल 60–63% होता है। इससे मिलर्स को नुकसान उठाना पड़ता है।

इसलिए, इस बार सरकार ने सीजन शुरू होने से पहले ही इन बीजों की बिक्री पर रोक लगा दी, ताकि आगे मिलर्स और सरकार को नुकसान ना हो।

क्या पहले भी ऐसा हुआ था?

हाँ, 2019 में भी पंजाब सरकार ने हाइब्रिड धान के बीजों पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। लेकिन बाद में सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त (notified) किस्मों की बिक्री की अनुमति दे दी थी।

इस बार के प्रतिबंध में यह साफ़ नहीं किया गया है कि क्या सिफारिश की गई और केंद्र द्वारा स्वीकृत बीजों की बिक्री की अनुमति है या नहीं।

क्या हाइब्रिड बीजों से OTR सच में कम होता है?

कई विशेषज्ञों का कहना है कि OTR कम होना बीज की खराबी नहीं, बल्कि कटाई और प्रोसेसिंग के समय की गलतियों की वजह से होता है:

अगर धान को 22–23% नमी पर काटा जाए और सही तरीके से सुखाकर 13–14% नमी पर मिल किया जाए, तो OTR अच्छा रहता है।

लेकिन देरी से खरीदी, सूखाई में लापरवाही और पुरानी मिलिंग मशीनों के कारण चावल ज्यादा टूटता है।

इसलिए सरकार को चाहिए कि वह मिलों को आधुनिक बनाए और सही तरीके से धान की प्रोसेसिंग हो।

विशेषज्ञों की राय

हाइब्रिड बीज दुनिया भर में सफलतापूर्वक उगाए जा रहे हैं।

पंजाब सरकार को चाहिए कि वह ऐसे बीजों की बिक्री को पूरी तरह से बंद करने की बजाय, गुणवत्ता और कीमत को नियंत्रित करे।

सरकार को नकली और महंगे बीज बेचने वाले डीलरों पर कार्रवाई करनी चाहिए, न कि सभी बीजों पर रोक लगानी चाहिए।

क्या यह प्रतिबंध कानून के खिलाफ है?

विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब सरकार का यह कदम केंद्र के कानूनों – बीज अधिनियम 1966 और बीज नियंत्रण आदेश 1983 – के खिलाफ है।

इन कानूनों के अनुसार, जो बीज केंद्र सरकार द्वारा notified होते हैं, उन्हें पूरे देश में बेचना कानूनी रूप से मान्य है।

राज्य सरकार केवल यह देख सकती है कि बीज शुद्ध, अंकुरण योग्य और गुणवत्ता वाले हों। लेकिन वह केंद्र द्वारा मान्यता प्राप्त बीजों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा सकती।

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